अर्श या बवासीर (Piles) एक बहुत ही सामान्य लेकिन कष्टदायक रोग है। इस रोग में गुदा (Anus) के आसपास की रक्त वाहिकाएँ सूज जाती हैं या उनमें गांठ बन जाती है। जब ये नसें फैलकर बाहर की ओर निकल आती हैं या अंदर ही सूज जाती हैं, तो दर्द, जलन, खुजली और रक्तस्राव जैसी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं।
बवासीर दो प्रकार की होती है —
- आंतरिक बवासीर (Internal Piles): जो गुदा के अंदर होती है और आमतौर पर बिना दर्द के रक्तस्राव होता है।
- बाहरी बवासीर (External Piles): जो गुदा के बाहर दिखाई देती है और इसमें तीव्र दर्द, सूजन और जलन होती है।
कारण (Causes of Piles)
बवासीर मुख्यतः जीवनशैली और खान-पान की गलत आदतों के कारण होती है। इसके प्रमुख कारण हैं:
- कब्ज़ (Constipation): मल का कड़ा होना और मलत्याग में जोर लगाना।
- कम पानी पीना: शरीर में जल की कमी से मल सूख जाता है।
- मसालेदार भोजन और शराब का सेवन।
- लंबे समय तक बैठना या खड़े रहना।
- गर्भावस्था (Pregnancy) के दौरान पेट पर दबाव बढ़ना।
- लिवर की बीमारियाँ या पोर्टल हाइपरटेंशन।
- कम फाइबर वाला आहार।
- मोटापा और शारीरिक निष्क्रियता।
लक्षण (Symptoms of Piles)
- मलत्याग के समय दर्द और जलन।
- मल में खून आना (Bleeding per rectum)।
- गुदा के आसपास सूजन या गांठ।
- खुजली और जलन।
- बैठने या चलने में असुविधा।
- मल त्याग के बाद पूरी सफाई का अहसास न होना।
निदान (Diagnosis)
बवासीर का निदान निम्नलिखित तरीकों से किया जा सकता है:
- डिजिटल रेक्टल एग्जामिनेशन (DRE): डॉक्टर उंगली से गुदा के अंदर सूजन का पता लगाते हैं।
- एनोस्कोपी (Anoscopy): एक छोटी ट्यूब से गुदा के अंदर की जाँच की जाती है।
- सिग्मॉइडोस्कोपी या कोलोनोस्कोपी: यदि रक्तस्राव अधिक हो तो आंतों की जाँच भी की जाती है।
उपचार (Treatment of Piles)
1. घरेलू और प्राकृतिक उपाय (Home Remedies)
- फाइबर युक्त आहार लें: फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज आदि।
- पर्याप्त पानी पिएँ (8–10 गिलास प्रतिदिन)।
- गर्म पानी से Sitz Bath लें — दिन में 2–3 बार गुदा को गुनगुने पानी में डुबोकर रखें।
- मल त्याग के समय जोर न लगाएँ।
- हल्की एक्सरसाइज करें — जैसे वॉकिंग, योग, और प्राणायाम।
2. आयुर्वेदिक उपचार (Ayurvedic Treatment)
आयुर्वेद में बवासीर को “अर्श” कहा गया है और इसके लिए बहुत प्रभावी औषधियाँ बताई गई हैं —
- त्रिफला चूर्ण: रोज़ रात को गर्म पानी के साथ लें, कब्ज दूर करता है।
- अर्शकुठार रस, नागकेसर चूर्ण, और अभयारिष्ट: रक्तस्राव को रोकने में उपयोगी।
- सुपारी पाक और गंधक रसायन: सूजन और दर्द कम करते हैं।
- कब्ज से बचने के लिए इसबगोल की भूसी (Isabgol husk) अत्यंत लाभकारी है।
3. आधुनिक उपचार (Modern Medical Treatment)
- मलहम और क्रीम (Ointments): दर्द और जलन कम करने के लिए।
- सर्जिकल प्रक्रियाएँ:
- Rubber Band Ligation – गांठों को सूखाने के लिए।
- Infrared Coagulation – छोटे बवासीर को जलाकर हटाया जाता है।
- Hemorrhoidectomy (सर्जरी): गंभीर या बड़ी बवासीर के लिए।
आहार और जीवनशैली (Diet & Lifestyle Tips)
✅ ज्यादा से ज्यादा फाइबर युक्त आहार लें।
✅ दही, छाछ, नींबू पानी जैसे पाचन सुधारक पदार्थ लें।
✅ मसालेदार, तले और जंक फूड से बचें।
✅ सुबह व्यायाम या योग की आदत डालें।
✅ तनाव से दूर रहें और पर्याप्त नींद लें।
संभावित जटिलताएँ (Complications)
यदि समय पर इलाज न किया जाए तो —
- अत्यधिक रक्तस्राव (Severe bleeding)
- एनीमिया (खून की कमी)
- गुदा में संक्रमण (Infection)
- थ्रोम्बोस्ड बवासीर (Blood clot in piles) जैसी स्थितियाँ हो सकती हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
बवासीर एक ऐसी समस्या है जिसे अगर शुरुआत में ही पहचानकर सही इलाज किया जाए, तो यह पूरी तरह ठीक हो सकती है।
आयुर्वेदिक औषधियाँ, संतुलित आहार, और नियमित दिनचर्या अपनाने से इस रोग से छुटकारा पाया जा सकता है।
स्वस्थ जीवनशैली ही बवासीर से बचने का सबसे अच्छा उपाय है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
Q1. क्या बवासीर पूरी तरह ठीक हो सकती है?
👉 हाँ, यदि समय पर इलाज किया जाए और कब्ज पर नियंत्रण रखा जाए तो बवासीर पूरी तरह ठीक हो सकती है।
Q2. बवासीर में कौन सा भोजन नहीं खाना चाहिए?
👉 मसालेदार खाना, शराब, मांस, फास्ट फूड, और कॉफी से परहेज करें।
Q3. क्या बवासीर का इलाज बिना सर्जरी के संभव है?
👉 जी हाँ, प्रारंभिक अवस्था में आयुर्वेदिक औषधियों और जीवनशैली सुधार से इलाज संभव है।
Q4. बवासीर होने पर कब्ज़ से कैसे बचें?
👉 रोज़ सुबह गुनगुना पानी पिएँ, फाइबर लें और नियमित वॉक करें।
Q5. क्या बवासीर का घरेलू इलाज असरदार है?
👉 हाँ, यदि समस्या प्रारंभिक अवस्था में है तो घरेलू उपाय बहुत प्रभावी हो सकते हैं।