Prostatitis – प्रोस्टेट ग्रंथि की सूजन कारण, लक्षण, और उपचार

परिचय

प्रोस्टेटाइटिस (Prostatitis) एक ऐसी स्थिति है जिसमें पुरुषों की प्रोस्टेट ग्रंथि (Prostate Gland) में सूजन आ जाती है। यह ग्रंथि मूत्राशय (Bladder) के नीचे और मूत्रमार्ग (Urethra) को घेरे हुए होती है, जो शुक्राणु द्रव (Semen fluid) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाती है।
यह रोग हर उम्र के पुरुषों को हो सकता है, लेकिन 20 से 50 वर्ष की आयु के बीच अधिक देखा जाता है। यह कभी-कभी तीव्र (Acute) रूप में अचानक शुरू होता है, तो कभी धीरे-धीरे लंबे समय तक (Chronic) बना रहता है।

प्रोस्टेटाइटिस के प्रकार (Types of Prostatitis)

  1. तीव्र जीवाणुजन्य प्रोस्टेटाइटिस (Acute Bacterial Prostatitis):
    यह संक्रमण E. coli जैसे बैक्टीरिया के कारण होता है। अचानक तेज बुखार, पेशाब में दर्द और रुकावट जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
  2. दीर्घकालिक जीवाणुजन्य प्रोस्टेटाइटिस (Chronic Bacterial Prostatitis):
    संक्रमण लंबे समय तक बना रहता है या बार-बार होता है। यह दर्द और असहजता का कारण बनता है।
  3. क्रॉनिक प्रोस्टेटाइटिस / क्रॉनिक पेल्विक पेन सिंड्रोम (Chronic Prostatitis / Chronic Pelvic Pain Syndrome):
    इसमें स्पष्ट संक्रमण नहीं होता, लेकिन सूजन और दर्द लंबे समय तक बने रहते हैं।
  4. अलक्षणिक सूजन (Asymptomatic Inflammatory Prostatitis):
    इसमें कोई लक्षण नहीं होते, लेकिन टेस्ट में सूजन के संकेत मिलते हैं।

प्रोस्टेटाइटिस के कारण (Causes of Prostatitis)

  • बैक्टीरियल संक्रमण (Bacterial infection)
  • मूत्र मार्ग संक्रमण (UTI)
  • पेशाब रोकने की आदत
  • लंबे समय तक बैठना या साइकिल चलाना
  • कमज़ोर इम्यून सिस्टम
  • संभोग के दौरान असुरक्षित यौन संबंध (Unsafe sex)
  • मूत्र प्रवाह में रुकावट (Bladder outlet obstruction)
  • कैथेटर का प्रयोग या सर्जरी के बाद संक्रमण

प्रोस्टेटाइटिस के लक्षण (Symptoms of Prostatitis)

  • पेशाब करते समय जलन या दर्द
  • बार-बार पेशाब लगना (दिन या रात में)
  • पेशाब रुक-रुककर आना
  • निचले पेट, कमर, या पेल्विक क्षेत्र में दर्द
  • स्खलन के दौरान या बाद में दर्द
  • बुखार और ठंड लगना (Acute case में)
  • वीर्य में खून आना (Hematospermia)
  • यौन दुर्बलता या कामेच्छा में कमी

निदान (Diagnosis)

डॉक्टर निम्नलिखित जांचें सुझा सकते हैं:

  1. Urine Test: मूत्र में संक्रमण या बैक्टीरिया की जांच।
  2. Semen Analysis: वीर्य में सूजन या बैक्टीरिया की उपस्थिति।
  3. Prostate Examination (Digital Rectal Exam): प्रोस्टेट ग्रंथि के आकार और सूजन की जांच।
  4. Ultrasound (USG Pelvis/Prostate): प्रोस्टेट की स्थिति और ब्लैडर की जांच।
  5. PSA Test (Prostate Specific Antigen): प्रोस्टेट संबंधी रोगों की पुष्टि में मददगार।

उपचार (Treatment)एलोपैथिक उपचार:

  • Antibiotics: Ciprofloxacin, Levofloxacin या Trimethoprim-sulfamethoxazole संक्रमण खत्म करने के लिए।
  • Alpha-blockers: जैसे Tamsulosin, जिससे मूत्र का प्रवाह बेहतर होता है।
  • Anti-inflammatory drugs: सूजन और दर्द कम करने के लिए।
  • Pain relievers: Paracetamol या Ibuprofen।
  • Hot water sitz bath: दर्द और सूजन को कम करने में उपयोगी।

🔹 आयुर्वेदिक उपचार:

आयुर्वेद में इसे “Vata-kaphaja Mutraghata” के अंतर्गत माना गया है।
प्राकृतिक औषधियाँ सूजन घटाने और मूत्र प्रवाह सामान्य करने में सहायक होती हैं।

  • गोखरू (Gokhru): मूत्र मार्ग को साफ करता है और सूजन घटाता है।
  • पुनर्नवा (Punarnava): मूत्रवर्धक और संक्रमणरोधी गुणों से युक्त।
  • वरुण (Varun): प्रोस्टेट की सूजन कम करने में लाभकारी।
  • चंद्रप्रभा वटी, गोक्षुरादि गुग्गुलु, त्रिवंग भस्म: प्रोस्टेट और मूत्र मार्ग के रोगों में प्रभावी संयोजन।
  • कश्यप कल्प या प्रोस्टो केयर सिरप जैसे औषधीय योग से लक्षणों में तेजी से राहत मिलती है।

आहार और जीवनशैली (Diet & Lifestyle)

क्या करें:

  • दिन में पर्याप्त पानी पिएं।
  • फाइबर युक्त भोजन लें (फल, सब्जियाँ, ओट्स)।
  • योग और हल्का व्यायाम करें (विशेष रूप से भुजंगासन, मंडूकासन, पवनमुक्तासन)।
  • पेशाब को रोककर न रखें।
  • तनाव (Stress) कम रखें।

🚫 क्या न करें:

  • तली-भुनी, मसालेदार या अधिक अम्लीय चीज़ें न खाएं।
  • शराब, कैफीन और धूम्रपान से परहेज़ करें।
  • लंबे समय तक बैठे न रहें या लगातार साइकिल न चलाएं।

घरेलू उपाय (Home Remedies)

  1. गुनगुने पानी से Sitz Bath: दिन में दो बार करने से दर्द और सूजन कम होती है।
  2. तुलसी और अदरक का काढ़ा: संक्रमण और सूजन को नियंत्रित करता है।
  3. एलोवेरा जूस: प्रोस्टेट ग्रंथि की सूजन को शांत करता है।
  4. धनिया पानी: मूत्र मार्ग को साफ करता है।
  5. लौकी का जूस: मूत्रवर्धक और सूजन कम करने वाला।

बचाव के उपाय (Prevention Tips)

  • स्वच्छता का ध्यान रखें।
  • नियमित रूप से पानी पिएं और पेशाब रोककर न रखें।
  • संभोग के बाद मूत्र त्याग करें।
  • संतुलित और पौष्टिक आहार लें।
  • अत्यधिक तनाव से बचें।
  • नियमित स्वास्थ्य जांच करवाएं, विशेषकर 40 वर्ष से ऊपर के पुरुषों को।

निष्कर्ष

प्रोस्टेटाइटिस एक आम लेकिन अनदेखी की जाने वाली समस्या है। समय रहते पहचान और सही इलाज से यह पूरी तरह ठीक हो सकता है।
आयुर्वेदिक उपचार के साथ स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से न केवल प्रोस्टेट की सूजन में राहत मिलती है बल्कि भविष्य में इसके दोबारा होने से भी बचाव किया जा सकता है।

FAQ – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

Q1. क्या प्रोस्टेटाइटिस और प्रोस्टेट कैंसर एक ही होते हैं?
👉 नहीं, प्रोस्टेटाइटिस एक सूजन है जबकि प्रोस्टेट कैंसर कोशिकाओं की असामान्य वृद्धि है।

Q2. क्या यह रोग पूरी तरह ठीक हो सकता है?
👉 हाँ, उचित इलाज और जीवनशैली में सुधार से यह पूरी तरह ठीक हो सकता है।

Q3. क्या प्रोस्टेटाइटिस के कारण यौन कमजोरी होती है?
👉 हाँ, संक्रमण या सूजन के कारण अस्थायी रूप से कामेच्छा में कमी आ सकती है, लेकिन इलाज के बाद यह सामान्य हो जाती है।

Q4. क्या सर्द मौसम में इसके लक्षण बढ़ जाते हैं?
👉 हाँ, ठंड और पेशाब रोककर रखने की आदत से लक्षण बढ़ सकते हैं।

Q5. क्या प्रोस्टेटाइटिस में सर्जरी की ज़रूरत पड़ती है?
👉 केवल बहुत गंभीर और जटिल मामलों में सर्जरी की आवश्यकता होती है, अधिकतर रोग दवाओं और आयुर्वेदिक उपचार से नियंत्रित हो जाते हैं।

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