Hypertension – उच्च रक्तदाब: 5 Essential Causes You Must Know

विश्व स्वास्थ्य संगठन (W.H.O.) के अनुसार यदि Hypertension वयस्क मनुष्य में ब्लड प्रेशर 160/95 mm Hg या उससे ऊपर हो तो उसे हाई ब्लड प्रेशर मानना चाहिये।. (सामान्य ब्लड प्रेशर वयस्क में 120/90mm Hg व बच्चों में 100/60mm Hg माना जाता है।)

Hypertension
High blood pressure concept

Hypertension causes  

1. ज्यादा दिमागी व भागदौड़ करने वाले व्यक्तियों में। 

2. मधुमेह के रोगी व मोटे लोगों में। 

3. ज्यादा नमक खाने से शरीर में ज्यादा पानी रुककर B.P. बढ़ जाता है। 

4. आनुवांशिकता-यह एक महत्त्वपूर्ण कारण है। यदि किसी व्यक्ति के माता-पिता को ब्लड प्रेशर हो तो उसको हाइपरटेन्शन होने की 50% संभावना होती है। यह तकलीफ एक परिवार में पीढ़ी-दर-पीढ़ी चलती रहती है। 

5. टॉक्सीमियाँ ऑफ प्रेग्नेन्सी । 

6. कुछ दवाइयों के प्रयोग से जैसे-‘गर्भ निरोधक गोलियाँ’, ‘ईस्ट्रोजन’, ‘कार्टिको- स्टेरॉयड’ के कुप्रभाव से । 

7. प्राणी वसा की अधिक खपत एवं एथिरोकाठिन्यता अति रक्तदाब को आमंत्रित करने में सहायक होते हैं। शायद यही कारण है कि इस देश में अति रक्तदाब का आघटन उच्च वर्गीय लोगों में निम्न वर्गीय लोगों की अपेक्षा अधिक है।

Hypertension

Hypertension symptoms

उच्च Hypertension रक्तदाब के रोगियों में अलग-अलग लक्षण पाये जाते हैं। बहुतों में ब्लड प्रेशर ज्यादा होने पर भी कुछ लक्षण नहीं मिलते, जबकि जाँचने पर ब्लड प्रेशर ज्यादा मिलता है। ये लक्षण इस प्रकार के होते हैं- 

1. सिर दर्द-इस रोग का मुख्य लक्षण है। रोगी का सिर भारी व कनपटी पर चबचब सी लगती है। प्रातःकाल में सिर दर्द ज्यादा होता है। 

2. चक्कर आना एवं उल्टी की शिकायत | 

3 थकावट । 

4. याददास्त की कमी। 

5. अनिद्रा-रोगी पूरी रात करवटें बदलता रहता है। 

6. बेचैनी एवं चिड़चिड़ापन । 

7. दिल का जोर-जोर से धड़कना । 

8. कानों में सीटी-सी बजना । 

9. पेशाब बार-बार आना। 

10. नाक से खून आना 

Hypertension

चिन्ह (Signs) ।। 

1. नाड़ी की तेज गति आसानी से मालूम की जा सकती है। 

2. बहुत दिनों तक उच्च रक्तचाप रहने पर आँखों से दीखना कम हो जाता है। इसलिये दृष्टिपटल की जाँच आवश्यक hai

रोग की पहचान 

चिकित्सा Hypertension शुरू करने से पहले यह निश्चित करना चाहिये कि हाइपरटेंशन किस वजह से रीनल है या इसेंशियल । रोग की पहचान में ‘ब्लड यूरिया’, ‘सीरम क्रिएटिन’ व ‘सीरम पोटेशियम’, ‘सीरम प्रोटीन्स’, सीरम लिपिडस एवं ब्लड शुगर की जाँच निदान में सहायक होती है। छाती का एक्स-रे हृदय के बढ़ने या उसके आकार में बदलाव को दर्शाता है। इन्ट्रावेनस पाइलोग्राफी (I.V.P) गुर्दे के रोगों का पता लगाने के लिये यह जाँच जरूरी होती है कि गुर्दे सही काम कर रहे हैं अथवा नहीं।Hypertension – उच्च रक्तदाब की सबसे बड़ी समस्या यह है कि शुरुआत में इसके लक्षण स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देते, इसलिए इसे अक्सर Silent Killer कहा जाता है। जब रक्तचाप 140/90 mmHg या उससे अधिक हो जाता है तो यह उच्च रक्तदाब की स्थिति मानी जाती है।

रोग की पहचान के लिए कुछ सामान्य संकेत इस प्रकार हैं:

  1. लगातार सिरदर्द – खासकर सुबह उठने पर सिर भारी लगना।
  2. चक्कर आना या धुंधली दृष्टि – ब्लड प्रेशर बढ़ने पर यह लक्षण आम है।
  3. दिल की धड़कन तेज होना (Palpitation) – छोटी-सी गतिविधि में भी हार्टबीट बढ़ जाना।
  4. थकान और सांस फूलना – ऊर्जा की कमी और जल्दी थक जाना।
  5. नाक से खून आना (Nose Bleeding) – कभी-कभी हाई BP की पहचान इससे होती है।

यदि ये लक्षण बार-बार दिखाई दें तो तुरंत ब्लड प्रेशर मापना चाहिए और डॉक्टर से परामर्श लेना ज़रूरी है। समय पर जांच और नियंत्रण न करने पर Hypertension – उच्च रक्तदाब हृदय रोग, स्ट्रोक और किडनी रोग जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है।


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📝 रोग की पहचान – Hypertension (उच्च रक्तदाब)

Hypertension – उच्च रक्तदाब एक ऐसी स्वास्थ्य स्थिति है जिसे अक्सर Silent Killer कहा जाता है, क्योंकि शुरुआती दौर में इसके कोई स्पष्ट लक्षण नहीं दिखाई देते। यह तब होता है जब आपके रक्त में प्रवाहित होने वाला दबाव (Blood Pressure) लगातार सामान्य स्तर 140/90 mmHg या उससे अधिक हो जाता है। लंबे समय तक अनियंत्रित उच्च रक्तदाब आपके दिल, मस्तिष्क, किडनी और अन्य अंगों को नुकसान पहुँचा सकता है।

मुख्य लक्षण और पहचान के संकेत:

  1. लगातार सिरदर्द – अक्सर सुबह उठते ही सिर भारी या टेढ़ा महसूस होना। उच्च रक्तदाब के कारण मस्तिष्क में रक्त का दबाव बढ़ जाता है, जिससे सिरदर्द की समस्या होती है।
  2. चक्कर आना और धुंधली दृष्टि – अचानक या बार-बार चक्कर आना, नजर धुंधली होना या देखने में अंधेरा छा जाना उच्च रक्तदाब की आम पहचान है।
  3. दिल की तेज धड़कन (Palpitation) – हल्की-सी गतिविधि में भी हार्टबीट बढ़ जाना, कभी-कभी सीने में धड़कन महसूस होना।
  4. थकान और सांस फूलना – सामान्य काम करने में भी जल्दी थक जाना, सीने में भारीपन, या छोटी-सी दूरी पर भी सांस फूलना।
  5. नाक से खून आना (Nose Bleeding) – अचानक या हल्की चोट से नाक से खून आना, खासकर उन लोगों में जो हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित हैं।
  6. सुनापन, सिर में भारीपन और मानसिक भ्रम – लंबे समय तक uncontrolled hypertension से मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह प्रभावित होता है, जिससे ध्यान और स्मृति पर भी असर पड़ सकता है।

Hypertension – उच्च रक्तदाब की पहचान के लिए नियमित रूप से ब्लड प्रेशर की जाँच करना आवश्यक है। शुरुआती लक्षणों को अनदेखा करने पर यह हृदय रोग (Heart Disease), स्ट्रोक (Stroke), किडनी की समस्या और आँखों की दृष्टि कम होने जैसी गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकता है। इसलिए अगर ऊपर बताए गए लक्षण किसी में दिखाई दें, तो तुरंत ब्लड प्रेशर जांच करवाना और डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक है।

Hypertension

रोग का परिणाम 

असामान्य Hypertension रक्तचाप हृदय एवं परिसंचरण तंत्र पर लगातार गलत असर डालता है। इससे तरह-तरह की खराबियाँ पैदा होने के साथ- साथ गुर्दे और अन्य महत्त्वपूर्ण अंगों के लिये भी खतरा हो सकता है। सबसे घातक प्रभाव दिल का दौरा अथवा मस्तिष्क घात के रूप में परिलक्षित होता है। अत्यधिक ऊँचे रक्तचाप के प्रभाव से दिमाग की धमनियाँ फट सकती हैं तब जान का खतरा हो सकता है। 30 से 40 वर्ष के बीच की उम्र के व्यक्तियों में यदि रक्तचाप बहुत थोड़ा भी बढ़ा रहे तो उन्हें दिल का दौरा पड़ने की संभावना पाँच गुना बढ़ जाती है।

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