Diarrhea – पतले दस्त और अतिसार का सफल इलाज

पतले दस्त या Diarrhea (अतिसार) एक आम लेकिन गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जिसमें व्यक्ति को बार-बार पतला, पानी जैसा मल आता है। यह शरीर में पानी और लवणों (Electrolytes) की कमी कर देता है, जिससे डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) हो सकता है। अगर समय पर उपचार न किया जाए तो यह जानलेवा भी हो सकता है।

Diarrhea क्या है?

अतिसार या दस्त वह स्थिति है जिसमें व्यक्ति को दिन में तीन या उससे अधिक बार पतला या तरल मल आता है। इसमें शरीर से अत्यधिक पानी, सोडियम, पोटैशियम और अन्य लवण निकल जाते हैं।

Diarrhea के प्रकार

  1. Acute Diarrhea (तीव्र अतिसार) – जो 1-2 दिनों तक रहता है और आमतौर पर संक्रमण या भोजन विषाक्तता के कारण होता है।
  2. Chronic Diarrhea (दीर्घकालिक अतिसार) – जो कई हफ्तों तक बना रहता है और इसका कारण आंतों का रोग या पाचन विकार हो सकता है।

Diarrhea के मुख्य कारण

  1. वायरल संक्रमण – जैसे Rotavirus, Norovirus आदि।
  2. बैक्टीरियल संक्रमण – E. coli, Salmonella, Shigella, Vibrio cholerae।
  3. फूड पॉइजनिंग या दूषित भोजन का सेवन।
  4. पानी में संक्रमण – अशुद्ध जल पीने से।
  5. लैक्टोज इनटॉलरेंस (दूध न पचने की समस्या)।
  6. दवाओं का साइड इफेक्ट, विशेषकर एंटीबायोटिक्स।
  7. आंतों की बीमारियाँ – जैसे IBS (Irritable Bowel Syndrome) या Ulcerative Colitis।

Diarrhea के लक्षण (Symptoms)

  • बार-बार पतला या पानी जैसा मल आना
  • पेट में मरोड़ और दर्द
  • उल्टी और मिचली
  • कमजोरी और थकावट
  • डिहाइड्रेशन (प्यास लगना, मुंह सूखना, पेशाब कम आना)
  • कभी-कभी बुखार या खून वाला मल

Diagnosis (रोग की पहचान)

डॉक्टर रोग के कारण जानने के लिए निम्न जांचें कर सकते हैं –

  • स्टूल टेस्ट – संक्रमण या परजीवियों की जांच के लिए।
  • ब्लड टेस्ट – डिहाइड्रेशन या संक्रमण का पता लगाने के लिए।
  • एंडोस्कोपी/कोलोनोस्कोपी – अगर दस्त लंबे समय तक बना रहे।

इलाज (Treatment)

1. तत्काल प्राथमिक उपचार (First Aid)

  • ORS (Oral Rehydration Solution) का सेवन करें ताकि शरीर में पानी और लवणों की कमी पूरी हो सके।
  • नारियल पानी, नींबू-पानी, या चावल का माड़ (Rice water) भी लाभदायक है।

2. आयुर्वेदिक और घरेलू उपचार

  • बेल का शरबत – दस्त को रोकने और आंतों को मजबूत करने में मदद करता है।
  • इसबगोल की भूसी – आंतों को ठंडक देती है और मल को गाढ़ा बनाती है।
  • सोंठ, काली मिर्च और हींग का सेवन गैस और संक्रमण को कम करता है।
  • अनार का छिलका या उसका काढ़ा दस्त रोकने में उपयोगी है।
  • धनिया पानी – शरीर में ठंडक और संतुलन बनाए रखता है।

3. एलोपैथिक इलाज

  • एंटीबायोटिक्स (यदि बैक्टीरियल संक्रमण हो)।
  • प्रोबायोटिक्स (आंतों के अच्छे बैक्टीरिया को बनाए रखने के लिए)।
  • Hydration therapy (IV fluids) अगर रोगी बहुत कमजोर हो गया हो।

क्या खाना चाहिए (Diet Tips)

  • हल्का, पचने वाला भोजन जैसे दलिया, खिचड़ी, सूप आदि।
  • दही, छाछ, केला, चावल और सेब खाना फायदेमंद है।
  • मसालेदार, तले-भुने और भारी भोजन से परहेज करें।
  • पर्याप्त पानी और तरल पदार्थ लें।

क्या न करें (Avoid These Things)

  • बाहर का दूषित खाना या पानी न पिएं।
  • दूध, कॉफी और अल्कोहल का सेवन न करें।
  • बिना डॉक्टर की सलाह के एंटीबायोटिक दवाएं न लें।

रोकथाम (Prevention)

  • भोजन से पहले और बाद में हाथ धोएं।
  • हमेशा साफ और शुद्ध पानी पिएं।
  • फलों और सब्जियों को अच्छी तरह धोकर खाएं।
  • बच्चों को ORS और हाइड्रेशन की आदत डालें।
  • स्वच्छता और हाइजीन बनाए रखें।

निष्कर्ष (Conclusion)

Diarrhea भले ही एक आम समस्या लगे, लेकिन अगर इसे समय पर नियंत्रित न किया जाए तो यह गंभीर रूप ले सकता है। सही खानपान, स्वच्छता, और समय पर उपचार से इस बीमारी को पूरी तरह रोका और ठीक किया जा सकता है।

FAQ – अतिसार से जुड़े आम प्रश्न

Q1. क्या दस्त के दौरान खाना बंद कर देना चाहिए?
➡ नहीं, हल्का और पचने वाला भोजन लेना जरूरी है ताकि शरीर को ऊर्जा और पोषण मिलता रहे।

Q2. क्या दस्त में दूध पी सकते हैं?
➡ नहीं, दूध दस्त बढ़ा सकता है, इसलिए इससे बचें।

Q3. क्या बच्चे को दस्त में ORS देना सही है?
➡ हां, बच्चों में डिहाइड्रेशन जल्दी होता है, इसलिए ORS देना बहुत जरूरी है।

Q4. कब डॉक्टर से मिलना चाहिए?
➡ अगर दस्त 3 दिन से ज्यादा चले, खून आने लगे, या बुखार/डिहाइड्रेशन बढ़े तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

Q5. क्या घरेलू उपाय से दस्त ठीक हो सकते हैं?
➡ हल्के दस्त में घरेलू उपाय जैसे बेल शरबत, इसबगोल, अनार का छिलका आदि काफी प्रभावी हैं।

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