परिचय (Introduction)
Amenorrhoea का अर्थ है मासिक धर्म का रुक जाना या कभी न आना।
यह महिलाओं में एक सामान्य लेकिन चिंता का विषय हो सकता है।
मासिक धर्म हर महिला के स्वास्थ्य का महत्वपूर्ण संकेत है। इसके रुकने से कई बार हार्मोनल असंतुलन, प्रजनन क्षमता की समस्या या अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का पता चलता है।
अमेनोरेया क्या है? (What is Amenorrhoea?)
मासिक धर्म न आने को दो प्रकार में बाँटा जा सकता है:
- Primary Amenorrhoea (प्राथमिक अमेनोंरिया):
- जब कोई लड़की 16 साल की उम्र तक पहली बार मासिक धर्म नहीं पाती।
- Secondary Amenorrhoea (द्वितीयक अमेनोंरिया):
- जब महिला पहले मासिक धर्म पा रही थी, लेकिन 3–6 महीने या उससे अधिक समय तक मासिक धर्म बंद हो जाता है।
मुख्य कारण (Causes of Amenorrhoea)
1. हार्मोनल असंतुलन (Hormonal Imbalance)
- थायरॉयड की समस्या (Hypothyroidism / Hyperthyroidism)
- प्रोलैक्टिन का बढ़ा स्तर (Hyperprolactinemia)
- पित्यूटरी ग्रंथि या अंडाशय की विकृति
2. गर्भावस्था और स्तनपान (Pregnancy & Lactation)
- गर्भधारण के दौरान मासिक धर्म रुक जाता है।
- स्तनपान के दौरान भी हार्मोन के कारण अस्थायी अमेनोंरिया हो सकती है।
3. तनाव और जीवनशैली (Stress & Lifestyle)
- मानसिक तनाव, अत्यधिक व्यायाम, अचानक वजन घटाना या बढ़ना।
4. ओवेरियन समस्याएँ (Ovarian Issues)
- PCOS (Polycystic Ovary Syndrome)
- Premature ovarian failure (अंडाशय जल्दी काम न करना)
5. अनुवांशिक और शारीरिक कारण (Genetic / Structural Causes)
- अंडाशय या यौन अंग की जन्मजात विकृतियाँ।
- Turner syndrome जैसी जीन संबंधी समस्याएँ।
लक्षण (Symptoms)
- मासिक धर्म का रुकना (Primary या Secondary)
- पेट या पीठ में दर्द, असामान्य स्राव (यदि कोई विकृति हो)
- अत्यधिक या कम बाल उगना, चेहरे पर बाल (Hormonal imbalance के कारण)
- वजन में अचानक बदलाव
- त्वचा संबंधी समस्याएँ जैसे मुंहासे (Acne)
- थकान, चिड़चिड़ापन, नींद न आना
निदान (Diagnosis)
डॉक्टर निम्नलिखित जाँच कर सकते हैं:
- Pregnancy Test
- गर्भावस्था की पुष्टि या अस्वीकृति।
- Blood Tests
- FSH, LH, Estrogen, Progesterone, Prolactin, Thyroid hormones
- Ultrasound (Pelvic/Transvaginal)
- अंडाशय और गर्भाशय की स्थिति देखने के लिए।
- MRI / CT Scan
- पिट्यूटरी ग्रंथि या अन्य हार्मोन संबंधी समस्या जांचने के लिए।
- Karyotyping (Genetic Testing)
- Turner Syndrome या अन्य जीन दोषों की जांच।
उपचार (Treatment)
🔹 एलोपैथिक उपचार
- हार्मोनल थेरेपी:
- Estrogen और Progesterone supplementation
- PCOS या थायरॉयड के लिए दवाएँ
- सर्जिकल उपचार:
- जन्मजात विकृतियों या पिट्यूटरी ग्रंथि समस्याओं में।
- दूसरी दवाएँ:
- Hyperprolactinemia में Dopamine agonists
🔹 आयुर्वेदिक उपचार
आयुर्वेद में अमेनोंरिया को “राजस्व अभाव” या “विसर्जन दोष” कहा गया है।
- मुख्य जड़ी-बूटियाँ और औषधियाँ:
- अश्वगंधा (Ashwagandha): हार्मोन संतुलन में सहायक
- लौह मिश्रण (Loha Bhasma) / शतावरी (Shatavari): प्रजनन क्षमता बढ़ाने के लिए
- चंद्रप्रभा वटी / नारीवल काढ़ा / आयुर्वेदिक महिला टॉनिक: मासिक धर्म नियमित करने में लाभकारी
- आयुर्वेदिक जीवनशैली:
- हल्का व्यायाम, योग और नियमित दिनचर्या
आहार और जीवनशैली (Diet & Lifestyle)
क्या करें:
- फलों और सब्जियों से भरपूर आहार लें
- पर्याप्त पानी पीएं
- तनाव कम करें
- योग, प्राणायाम और हल्का व्यायाम करें
क्या न करें:
- अत्यधिक जंक फूड और तली-भुनी चीज़ें न खाएं
- अत्यधिक वजन घटाने या बढ़ाने की कोशिश न करें
- नींद की कमी और मानसिक तनाव से बचें
बचाव के उपाय (Prevention Tips)
- मासिक धर्म के पैटर्न पर ध्यान दें
- नियमित व्यायाम और संतुलित आहार अपनाएँ
- हार्मोनल और मानसिक स्वास्थ्य की जांच समय-समय पर करवाएँ
- तनाव और नींद की कमी से बचें
निष्कर्ष (Conclusion)
Amenorrhoea (मासिक धर्म न आना) केवल हार्मोनल समस्या नहीं, बल्कि यह किसी गंभीर स्वास्थ्य स्थिति का संकेत भी हो सकता है।
समय पर निदान और उपचार से न केवल मासिक धर्म नियमित किया जा सकता है, बल्कि प्रजनन क्षमता और समग्र स्वास्थ्य को भी संरक्षित किया जा सकता है।
आयुर्वेदिक उपाय और प्राकृतिक जीवनशैली इस स्थिति में काफी मददगार साबित हो सकते हैं।
FAQ – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Q1. क्या Amenorrhoea हमेशा गर्भावस्था का संकेत है?
👉 नहीं, यह हार्मोनल, आनुवंशिक या जीवनशैली के कारण भी हो सकती है।
Q2. क्या आयुर्वेद से मासिक धर्म नियमित किया जा सकता है?
👉 हाँ, शतावरी, अश्वगंधा और आयुर्वेदिक महिला टॉनिक काफी प्रभावी होते हैं।
Q3. क्या यह समस्या स्थायी हो सकती है?
👉 यदि कारण जन्मजात या गंभीर हार्मोनल असंतुलन है तो स्थायी हो सकती है, अन्यथा सही उपचार से सुधारी जा सकती है।
Q4. क्या वजन का मासिक धर्म पर प्रभाव पड़ता है?
👉 हाँ, अत्यधिक वजन बढ़ना या घटना मासिक धर्म को प्रभावित कर सकता है।