पेचिश (Dysentery) एक गंभीर पाचन संबंधी रोग है जिसमें बार-बार मल त्याग के साथ श्लेष्म (mucus) या रक्त निकलता है। यह आंतों (Intestines) में संक्रमण के कारण होता है और अक्सर इसके साथ पेट दर्द, बुखार और कमजोरी भी देखी जाती है। यदि समय पर इसका उपचार न किया जाए, तो यह शरीर में पानी और पोषक तत्वों की कमी कर सकता है।
पेचिश क्या है? (What is Dysentery?)
पेचिश एक प्रकार का आंत्र संक्रमण (Intestinal infection) है जिसमें बड़ी आंत (Large intestine) में सूजन हो जाती है। इसके कारण बार-बार मल त्याग की इच्छा होती है और मल में खून या मवाद जैसी चीजें मिल सकती हैं।
पेचिश के प्रकार (Types of Dysentery)
- Amoebic Dysentery (अमीबिक पेचिश)
- इसका कारण Entamoeba histolytica नामक परजीवी होता है।
- यह दूषित पानी या भोजन के सेवन से फैलता है।
- लक्षण धीरे-धीरे बढ़ते हैं।
- Bacillary Dysentery (बेसिलरी पेचिश)
- इसका कारण Shigella या E. coli जैसे बैक्टीरिया होते हैं।
- यह संक्रमण अचानक होता है और अधिक गंभीर होता है।
पेचिश के कारण (Causes of Dysentery)
- दूषित या संक्रमित भोजन और पानी का सेवन
- गंदगी, अस्वच्छ शौचालय या खुले में शौच
- संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आना
- हाथ न धोना
- कमजोर पाचन शक्ति या इम्यून सिस्टम
लक्षण (Symptoms)
- बार-बार मल त्याग, जिसमें खून या मवाद हो
- पेट में मरोड़ और तेज दर्द
- बुखार और ठंड लगना
- उल्टी या मिचली
- कमजोरी और थकावट
- निर्जलीकरण (Dehydration)
- मल त्याग के बाद भी अधूरापन महसूस होना
Diagnosis (रोग की पहचान)
डॉक्टर निम्न जांचें कर सकते हैं:
- स्टूल टेस्ट – संक्रमण और परजीवी की पहचान के लिए।
- ब्लड टेस्ट – संक्रमण की गंभीरता जानने के लिए।
- सिग्मॉइडोस्कोपी – बड़ी आंत में सूजन या अल्सर की स्थिति जानने के लिए।
इलाज (Treatment)
1. प्रारंभिक देखभाल (First Aid)
- शरीर में पानी की कमी न होने दें।
- ORS (Oral Rehydration Solution) बार-बार लें।
- नारियल पानी, नींबू-पानी, सूप या छाछ पीना लाभकारी है।
2. एलोपैथिक उपचार (Allopathic Treatment)
- Antibiotics – जैसे Metronidazole, Tinidazole, या Ciprofloxacin (डॉक्टर की सलाह से)।
- Antispasmodic drugs – पेट दर्द और मरोड़ को कम करने के लिए।
- IV fluids – अगर रोगी बहुत कमजोर हो गया हो।
3. आयुर्वेदिक और घरेलू उपचार (Ayurvedic & Home Remedies)
- बेल फल का शरबत – पेचिश में सबसे उत्तम औषधि मानी जाती है।
- इसबगोल की भूसी – आंतों को ठंडक और राहत देती है।
- अनार का छिलका या रस – संक्रमण को कम करता है।
- मुलेठी और सौंफ का काढ़ा – पाचन को सुधारता है।
- दही में काला नमक मिलाकर सेवन करें – आंतों में अच्छे बैक्टीरिया बनाए रखता है।
- धनिया और सौंफ का पानी – पेट की जलन और सूजन को कम करता है।
क्या खाना चाहिए (Diet Tips)
✅ खिचड़ी, मूंग दाल सूप, सादा दलिया और उबला हुआ चावल।
✅ दही, केला, सेब और उबली सब्जियाँ लें।
✅ गुनगुना पानी पिएं।
✅ भोजन हल्का और कम तेल-मसाले वाला रखें।
क्या न खाएं (Avoid These Things)
- तले-भुने और मसालेदार भोजन से परहेज करें।
- दूध, कॉफी, चाय और सोडा न लें।
- सड़क किनारे का या दूषित पानी न पिएं।
- मीठे और कच्चे फलों से बचें।
रोकथाम (Prevention)
✅ हमेशा साफ और उबला हुआ पानी पिएं।
✅ भोजन से पहले और बाद में हाथ धोएं।
✅ फलों और सब्जियों को अच्छी तरह धोकर खाएं।
✅ खुले में शौच न करें और स्वच्छता बनाए रखें।
✅ बच्चों को साफ-सफाई की आदत डालें।
जटिलताएँ (Complications)
अगर पेचिश का इलाज न किया जाए, तो यह निम्न समस्याएं पैदा कर सकती है –
- निर्जलीकरण (Dehydration)
- वजन कम होना
- आंतों में अल्सर
- लिवर या अन्य अंगों में संक्रमण
निष्कर्ष (Conclusion)
पेचिश एक संक्रमणजन्य रोग है जो गंदे पानी या दूषित भोजन के सेवन से होता है। इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए क्योंकि यह शरीर में गंभीर पानी की कमी और कमजोरी पैदा कर सकता है। सही उपचार, स्वच्छता और संतुलित आहार से इसे आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है।
FAQ – पेचिश से जुड़े सामान्य प्रश्न
Q1. क्या पेचिश और दस्त एक ही चीज़ हैं?
➡ नहीं, दस्त में सिर्फ पतला मल आता है जबकि पेचिश में खून या मवाद भी आ सकता है।
Q2. क्या पेचिश में दूध पी सकते हैं?
➡ नहीं, दूध पचने में कठिन होता है और लक्षण बढ़ा सकता है।
Q3. पेचिश कितने दिन में ठीक होती है?
➡ हल्के मामलों में 3-5 दिन में, लेकिन गंभीर मामलों में डॉक्टर की दवाओं से 7-10 दिन लग सकते हैं।
Q4. क्या पेचिश संक्रामक है?
➡ हां, यह दूषित भोजन या संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से फैल सकती है।
Q5. क्या बच्चों में पेचिश खतरनाक है?
➡ हां, क्योंकि बच्चों में पानी की कमी जल्दी होती है, इसलिए ORS और समय पर इलाज जरूरी है।