परिचय (Introduction)
PCOS (Polycystic Ovary Syndrome) और PCOD (Polycystic Ovary Disease) महिलाओँ में आम हार्मोनल समस्या हैं।
ये स्थिति अंडाशय में सिस्ट (Cysts) बनने, हार्मोन असंतुलन, अनियमित मासिक धर्म और प्रजनन समस्या का कारण बनती हैं।
हालांकि PCOS और PCOD के लक्षण मिलते-जुलते हैं, PCOS एक सिंड्रोम (Complex Hormonal Disorder) है जबकि PCOD सिर्फ अंडाशय में बदलाव वाली बीमारी है।
इन समस्याओं का समय पर इलाज न करने पर अनियमित मासिक धर्म, बांझपन, मोटापा, डायबिटीज और हार्ट प्रॉब्लम जैसी जटिलताएँ हो सकती हैं।
PCOS/PCOD क्या हैं?
- PCOD: अंडाशय में कई छोटे सिस्ट बन जाते हैं, हार्मोनल असंतुलन और अनियमित मासिक धर्म के साथ।
- PCOS: हार्मोनल और मेटाबोलिक समस्या जिसमें अंडाशय, हार्मोन और इंसुलिन लेवल प्रभावित होते हैं।
मुख्य अंतर:
| Feature | PCOD | PCOS |
|---|---|---|
| गंभीरता | हल्की से मध्यम | अधिक गंभीर और सिंड्रोम |
| हार्मोन असंतुलन | कभी-कभी | हमेशा |
| अनियमित मासिक धर्म | कभी-कभी | लगातार |
| मेटाबोलिक असर | कम | ज्यादा (Weight, Diabetes) |
PCOS/PCOD के कारण (Causes)
- हार्मोनल असंतुलन:
- टेस्टोस्टेरोन और LH हार्मोन का बढ़ना
- इंसुलिन रेसिस्टेंस
- अनुवांशिक कारण:
- परिवार में यदि किसी को PCOS/PCOD है तो जोखिम बढ़ जाता है।
- लाइफस्टाइल फैक्टर:
- मोटापा, असंतुलित आहार, sedentary lifestyle।
- अन्य कारण:
- तनाव, नींद की कमी, अत्यधिक स्ट्रेस।
लक्षण (Symptoms of PCOS & PCOD)
- अनियमित मासिक धर्म या मासिक धर्म का बंद होना
- वजन बढ़ना और पेट का मोटापा
- चेहरे और शरीर पर अधिक बाल (Hirsutism)
- मुँहासे (Acne) और तैलीय त्वचा
- बाल झड़ना या पतले होना
- बांझपन या गर्भधारण में समस्या
- थकान, नींद और मूड स्विंग्स
यदि लक्षण लंबे समय तक बने रहें, तो समय पर इलाज जरूरी है।
निदान (Diagnosis)
- Ultrasound / Sonography: अंडाशय में सिस्ट की पहचान।
- Hormone Tests: LH, FSH, Testosterone, Progesterone, Insulin।
- Blood Sugar & Lipid Profile: मेटाबोलिक असर की जांच।
- Physical Examination: वजन, चेहरे और शरीर पर बालों की स्थिति।
इलाज (Treatment of PCOS/PCOD)
🔹 मेडिकल ट्रीटमेंट (Medical Treatment):
- Hormonal Therapy: मासिक धर्म को नियमित करने और हार्मोन संतुलन के लिए।
- Insulin Sensitizers: अगर इंसुलिन रेसिस्टेंस है।
- Fertility Medicines: गर्भधारण में मदद के लिए।
- Pain Relief / Anti-androgens: मुँहासे और बाल बढ़ने पर।
🔹 आयुर्वेदिक उपाय (Ayurvedic Treatment):
- शतावरी (Shatavari): हार्मोन संतुलन और प्रजनन अंगों की मजबूती।
- अशोक वटी / अशोक चूर्ण: मासिक धर्म को नियमित करने के लिए।
- त्रिफला चूर्ण: पाचन और वजन नियंत्रण के लिए।
- योग और प्राणायाम: तनाव कम करने और मेटाबोलिज़्म सुधारने के लिए।
🔹 जीवनशैली सुधार (Lifestyle & Diet):
- नियमित व्यायाम और योग
- वजन नियंत्रित करना
- संतुलित और हेल्दी आहार
- तनाव कम करना
आहार और जीवनशैली (Diet & Lifestyle Tips)
खाने योग्य:
- साबुत अनाज, दलिया, दालें
- हरी सब्जियाँ और फल
- हल्का प्रोटीन: दूध, दही, अंडा, मछली
- नारियल पानी, जूस
🚫 बचने योग्य:
- तैलीय, जंक और प्रोसेस्ड फूड
- ज्यादा मीठा और शुगर
- शराब और कैफीन
अन्य सुझाव:
- नियमित नींद
- स्ट्रेस कम करने के लिए ध्यान और योग
- मासिक धर्म और हार्मोन का नियमित निगरानी
PCOS & PCOD से बचाव (Prevention Tips)
- संतुलित आहार और नियमित व्यायाम
- वजन को नियंत्रित रखना
- तनाव कम करना और मानसिक स्वास्थ्य बनाए रखना
- मासिक धर्म चक्र और हार्मोन की समय-समय पर जांच
- गर्भधारण या IVF के दौरान डॉक्टर की सलाह
निष्कर्ष (Conclusion)
PCOS और PCOD आज की जीवनशैली की वजह से आम हो रही हैं।
सही मेडिकल ट्रीटमेंट, जीवनशैली सुधार और आयुर्वेदिक उपायों से हार्मोन संतुलन बनाए रखा जा सकता है और प्रजनन स्वास्थ्य सुरक्षित रखा जा सकता है।
शुरुआती पहचान और नियमित देखभाल ही सबसे प्रभावी उपाय हैं।
FAQ – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Q1. PCOS और PCOD में अंतर क्या है?
👉 PCOD अंडाशय की बीमारी है, PCOS हार्मोनल और मेटाबोलिक सिंड्रोम है।
Q2. क्या PCOS/PCOD में गर्भधारण संभव है?
👉 हाँ, उचित इलाज और जीवनशैली सुधार से संभव है।
Q3. आयुर्वेद PCOS/PCOD में मदद करता है?
👉 हाँ, शतावरी, अशोक और त्रिफला जैसी औषधियाँ हार्मोन संतुलन और मासिक धर्म सुधारने में मदद करती हैं।
Q4. क्या वजन कम करने से लाभ होता है?
👉 हाँ, वजन नियंत्रित करने से हार्मोन संतुलन और इंसुलिन रेसिस्टेंस बेहतर होती है।
Q5. क्या यह बीमारी उम्र के साथ बढ़ती है?
👉 अगर समय पर इलाज और जीवनशैली सुधार न हो तो जटिलताएँ बढ़ सकती हैं।