क्या है? मसूड़ों की सूजन
इस रोग में मसूड़ों पर सूजन GINGIVITIS उत्पन्न हो जाती है। कभी-कभी पीव भी पड़ जाती है और रोगी को दाँतों में तीव्र पीड़ा होती है। यह पायरिया रोग की प्रथम अवस्था है। इसमें मसूड़े गुलाबी प्राकृतिक रंग में परिवर्तन होकर इनसे बहुत सरलता के साथ रक्त आने लगता है।
कभी-कभी दंतशूल के साथ-साथ मसूड़ों में भी सूजन हो जाती है जिसका कारण दाँत के अन्दर पीव एकत्रित होकर मसूड़ों तक को इन्फैक्शन हो जाता है। इस अवस्था में तीव्र स्वरूप का शूल होता है। साथ ही चेहरे पर सूजन और लालिमा दिखायी देती है l इस रोग में मसूड़ों पर सूजन उत्पन्न हो जाती है। कभी-कभी पीव भी पड़ जाती है और रोगी को दाँतों में तीव्र पीड़ा होती है। यह पायरिया रोग की प्रथम अवस्था है। इसमें मसूड़े गुलाबी प्राकृतिक रंग में परिवर्तन होकर इनसे बहुत सरलता के साथ रक्त आने लगता है।
Teeth movement- (दाँतों का हिलना)
Gingivitis causes
मसूड़े की सूजन का सबसे आम कारण खराब मौखिक स्वच्छता है। इसमें अपने दांतों को दिन में दो बार दो मिनट तक ब्रश न करना और दिन में एक बार फ्लॉसिंग न करना शामिल है। मसूड़े की सूजन के अन्य कारणों में शामिल हैं:
1.धूम्रपान
2.हार्मोनल परिवर्तन, जैसे गर्भावस्था या रजोनिवृत्ति के दौरान होने वाले परिवर्तन
3.कुछ दवाएँ, जैसे साइक्लोस्पोरिन (प्रत्यारोपण कराने वाले लोगों में अंग अस्वीकृति को रोकने के लिए उपयोग किया जाता है) और फ़िनाइटोइन (दौरे का इलाज करने के लिए उपयोग किया जाता है)
4.प्रणालीगत बीमारियाँ, जैसे मधुमेह और एचआईवी/एड्स
5.शुष्क मुंह
6.टेढ़े-मेढ़े दांत या दंत पुनर्स्थापन जिससे आपके दांतों को साफ करना मुश्किल हो जाता है
Gingivitis Symptoms
मसूड़े की सूजन के लक्षण आमतौर पर हल्के होते हैं और शुरुआत में ध्यान देने योग्य नहीं होते हैं। हालाँकि, जैसे-जैसे स्थिति बढ़ती है, लक्षण अधिक गंभीर हो सकते हैं। मसूड़े की सूजन के सबसे आम लक्षणों में शामिल हैं:
1.लाल, सूजे हुए मसूड़े
2.मसूड़ों से खून आना, खासकर जब आप अपने दांतों को ब्रश करते हैं या फ्लॉस करते हैं
3.मसूड़े जो आपके दांतों से दूर हो जाते हैं
4.आपके मुँह का स्वाद ख़राब होना
5.आपके मसूड़ों में भरापन या दबाव महसूस होना
6.SWELLING OF MOUTH DUE TO INFLAMMATION OF TEETH & GUMS- दाँत और मसूड़ों की शोथ के कारण मुँह की सूजन
निष्कर्ष
जिंजिवाइटिस (Gingivitis) एक सामान्य लेकिन गंभीर मौखिक समस्या है, जिसमें मसूड़ों में सूजन, लालपन और कभी-कभी रक्तस्राव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। यह रोग मुख्य रूप से दांतों और मसूड़ों पर जमा प्लाक तथा बैक्टीरिया के कारण होता है। यदि समय रहते इसका उपचार न किया जाए, तो यह आगे चलकर पेरियोडॉन्टाइटिस (Periodontitis) जैसी जटिल बीमारी का रूप ले सकता है, जिससे दांतों की जड़े कमजोर हो जाती हैं और दांत गिरने का खतरा बढ़ जाता है।
स्वस्थ मसूड़े न केवल दांतों की मजबूती के लिए जरूरी हैं, बल्कि पूरे पाचन तंत्र और शरीर की सेहत पर भी असर डालते हैं। जिंजिवाइटिस से बचने के लिए सबसे महत्वपूर्ण उपाय है नियमित रूप से दांतों और मसूड़ों की सफाई करना। दिन में कम से कम दो बार ब्रश करना, फ्लॉस का प्रयोग करना, माउथवॉश का उपयोग करना तथा मीठे और चिपचिपे खाद्य पदार्थों का कम सेवन करना बहुत जरूरी है।
इसके अलावा, धूम्रपान और तंबाकू जैसी आदतों से बचना चाहिए, क्योंकि यह मसूड़ों की सेहत को और खराब करते हैं। समय-समय पर दंत चिकित्सक से जांच कराना और पेशेवर क्लीनिंग कराना भी लाभकारी है।
अंततः यह कहा जा सकता है कि जिंजिवाइटिस एक ऐसी स्थिति है जिसे पूरी तरह रोका जा सकता है। थोड़ी सी जागरूकता, स्वच्छता की आदतें और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर हम अपने मसूड़ों को लंबे समय तक स्वस्थ रख सकते हैं। यदि किसी को मसूड़ों से खून आना, सूजन रहना या दर्द होना जैसी समस्याएं दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। समय पर उठाए गए कदम न केवल दांतों को बचाते हैं बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य को भी सुरक्षित रखते हैं।