परिचय about Foreign Bodies in the Ear
कान में बाहरी पदार्थ (Foreign Bodies in the Ear) का जाना बच्चों और वयस्कों दोनों में एक आम समस्या है। छोटे बच्चों में अक्सर मोती, बीज, कागज़ के टुकड़े, खिलौनों के हिस्से या कीड़े-मकौड़े कान में चले जाते हैं। वहीं वयस्कों में अक्सर कॉटन बड्स का रेशा, कीड़े या अन्य वस्तुएँ कान में फँस सकती हैं।
इस समस्या(Foreign Bodies in the Ear) के लक्षणों में कान में दर्द, खुजली, सुनने की क्षमता कम होना, बजना (टिनिटस), दुर्गंध, कान में दबाव महसूस होना और कभी-कभी पस या खून निकलना शामिल हैं। यदि कीड़े कान में चले जाएँ तो मरीज़ को असहनीय बेचैनी और तेज़ दर्द हो सकता है।
यदि समय पर iska (Foreign Bodies in the Ear) उपचार न किया जाए, तो कान की नाज़ुक संरचनाएँ क्षतिग्रस्त हो सकती हैं, ईयरड्रम फट सकता है, संक्रमण हो सकता है और सुनने की शक्ति स्थायी रूप से प्रभावित हो सकती है।
इलाज के लिए सबसे महत्वपूर्ण है कि खुद से कान में कोई वस्तु निकालने की कोशिश न करें। ऐसा करने से वस्तु और गहराई में जा सकती है और ईयरड्रम को नुकसान पहुँच सकता है। ENT विशेषज्ञ विशेष उपकरणों जैसे फोर्सेप्स, सक्शन या माइक्रोस्कोपिक तकनीक से सुरक्षित रूप से वस्तु निकालते हैं। कीड़े-मकौड़ों की स्थिति में अक्सर पहले मिनरल ऑयल या ग्लिसरीन डालकर उन्हें निष्क्रिय किया जाता है, उसके बाद निकाला जाता है।
बच्चे खेल-खेल में कुछ बाह्य पदार्थ अपने कान में डाल लेते हैं या वह चले जाते हैं। यह पदार्थ दो प्रकार के होते हैं-
1. सजीव-मक्खी, मच्छर, पतंगे, जीवित कीड़े-मकोडे आदि ।
2. निर्जीव-बीज, दाल, मटर के दाने, पेन्सिल की नोंक, माचिस के टुकड़े, बटन, मोती, पत्थर, लकड़ी, धातु या कोयले के टुकड़े। इसके अतिरिक्त गेहूँ, जौ, ज्वार, मक्का के दाने, प्लास्टिक के टुकड़े आदि ।
लक्षण(Foreign Bodies in the Ear):-
मक्खी-मच्छर किसी भी उम्र के लोगों के कान में घुस सकते हैं। इनके फड़फड़ाने से कान में बेचैनी व दर्द होता है। सपाट चिकनी वस्तुयें जो कान के पर्दे तक नहीं पहुँचती हैं, वह काफी समय तक श्रवण नली में बिना किसी लक्षण के रह सकती हैं। नुकीली दाँतेदार धार वाली वस्तुओं से कान में दर्द होता है एवं कभी-कभी सुनना भी बन्द हो जाता है।
🟢 Conclusion (निष्कर्ष)
कान में बाहरी पदार्थ का जाना(Foreign Bodies in the Ear) भले ही सामान्य समस्या लगे, लेकिन यह बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। बच्चों की जिज्ञासा या लापरवाही के कारण वस्तुएँ कान में चली जाती हैं, वहीं वयस्क अक्सर कॉटन बड्स या अन्य वस्तुओं से सफाई करते समय समस्या बढ़ा देते हैं। समय पर डॉक्टर से परामर्श न लेने पर कान में संक्रमण, स्थायी सुनने की कमी और गंभीर दर्द जैसी परेशानियाँ हो सकती हैं।
👉 इसलिए, सबसे ज़रूरी है कि कभी भी खुद से कान में फँसी वस्तु निकालने की कोशिश न करें।
सही उपचार के लिए तुरंत ENT विशेषज्ञ से संपर्क करें। साथ ही बच्चों को शिक्षित करें कि कान में कोई वस्तु न डालें और कान की स्वच्छता पर ध्यान दें।