7 Shocking Facts You Must Know About Rabies (Hydrophobia – रेबीज): Causes, Symptoms & Life-Saving Remedies

desceiption:- Rabies (Hydrophobia – रेबीज) is a deadly viral disease that spreads through animal bites, mainly from dogs, and affects the brain and nervous system. Discover 7 shocking facts about its causes, early symptoms, risks, and life-saving remedies you must know to protect yourself and your loved ones

रेबीज क्या है?

यह(RABIES) तंत्रिका तंत्र का एक तीव्र वायरसजन्य संक्रामक रोग है जो पागल जानवर (विशेषकर पागल कुत्ते के काटने से उत्पन्न होता है। रोगी की 2 से 4 दिनों के भीतर मृत्यु हो जाती है। इस रोग की केवल रोकथाम की जा सकती है। रोग उत्पन्न होने पर इसकी कोई चिकित्सा नहीं है। सम्भवतः यह(RABIES) अकेला वायरसजन्य रोग है जिसमें मृत्यु दर 100% होती है।

Rabies

Causes of Rabies

यह(RABIES) एक तंत्रिका प्रेरित ‘राब्डो वायरस’ के संक्रमण से होता है। प्राथमिक तौर पर यह रोग कुत्तों कतिपय अन्य जानवरों बिल्लियों, गीदड़ों, भेड़ियों, बन्दरों, चूहों, छछूदरों, चमगादड़ों में होता है। अक्रान्त जानवरों के लार में इसके वायरस मौजूद होते हैं। ऐसे किसी अक्रान्त जानवर द्वारा काटे जाने या खरोंच लगे स्थान पर महज चाट जाने पर भी, इस रोग के वायरस मनुष्य के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। अक्रान्त जानवर पागल होता है और अक्सर 10 दिन के भीतर मर जाता है। इस जानवर द्वारा विगत कई दिन के अन्दर अन्य व्यक्तियों के काटने से उसके पागल होने की सम्भावना अधिक रहती है। अक्सर ऐसा कुत्ता उत्तेजित रहता है और पागल जैसा दौड़ता रहता है। उसकी भौंक तीखी आवाज वाली होती है तथा उसके मुँह से लार टपकती रहती है।

Rabies

Symptoms of Rabies

इसका(RABIES) उद्भवन काल काफी लम्बा (एक से दो महीने का) होता है। यह काटने के स्थान तथा गहराई पर निर्भर करता है। तदनुसार, यह 10 दिन का भी या एक साल का भी हो सकता है। रोग के शुरू होते ही, इसके लक्षण अत्यन्त तीव्र वेग से प्रकट होते हैं- काटे हुए स्थान पर दर्द तथा शून्यता का बोध होना पहला लक्षण होता है। हल्का ज्वर सिर दर्द, अनिद्रा, बदन में दर्द तथा चिड़चिडा- पन इसके अन्य लक्षण होते हैं।

प्राथमिक लक्षणों के बाद रोगी को निगलने में परेशानी होने लगती है, खाना-पीना बन्द हो  जाता है। रोगी प्यासा होता है लेकिन पानी पीने का प्रयास करने पर उसका दम घुटने लगता है। इस कारण रोगी पानी देखते ही डर जाता है। आवाज तेज कुत्ते के भौंकने जैसी (भौंक के समान) होती है। रोगी बेचैन रहता है तथा पागलों जैसी हरकत करता है। जरा भी शोर या किसी प्रकार की अशान्ति होने पर सारे शरीर में आकर्ष होने लगता है। अन्त में रोगी बेहोश हो जाता है और । सप्ताह के अन्दर मर जाता है।

पहचान(RABIES)

RABIES पागल कुत्ते द्वारा काटे जाने का इतिहास मिलना, काटे जाने के बाद पागल कुत्ते का 10 दिन के अन्दर मर जाना, जलभीति का लक्षण मिलना, जो रोगी को पानी पिलाने का प्रयास करके प्रत्यक्ष देखा जा सकता है।

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