Nephrotic Syndrome (नेफ्रोटिक सिंड्रोम): 5 Alarming Signs & Symptoms

What is nephrotic syndrome

Nephrotic syndrome (नेफ्रोटिक सिण्ड्रोम) गुर्दे की एक खास किस्म की बीमारी है जिसमें प्रोटीन गुर्दे से छनकर मूत्र में आने लगता है। पेशाब के रास्ते अत्यधिक प्रोटीन निकल जाने से शरीर में प्रोटीन की कमी हो जाती है और इस कमी के कारण पूरे शरीर में पानी का रुकाव हो जाता है। इस प्रकार पूरे शरीर में सूजन आ जाती है, जो आँखों के नीचे, पेट पर और पैरों पर अधिक होती है। बच्चों में इस तरह के नेफ्रोटिक रोग(Nephrotic Syndrome) की खास किस्म ‘मिनिमल चेंज रोग’ (Minimal change disease) देखा जाता है।

अधिक मात्रा में प्रोटीन का पेशाब के जरिये बाहर निकलना, खून में प्रोटीन की मात्रा कम हो जाना एवं शरीर पर सूजन आ जाने को ‘नेफ्रोटिक सिण्ड्रोम(Nephrotic Syndrome)’ के नाम से जाना जाता है l

nephrotic syndrome

Causes of nephrotic syndrome

नेफ्रोटिक सिण्ड्रोम का पूर्ण रूप से कारण अब तक अस्पष्ट है। नीचे लिखे कारण सुझाये गये हैं- एलर्जी, कुछ किस्म के वाइरस संक्रमण, कुछ • औषधियों के कुप्रभाव से, मधुमेह (डायबिटीज), मलेरिया, सिफिलिस, कुष्ठ रोग, श्लेष्मशोफ, बैक्टीरियल इण्डोकार्डाइटिस, ग्लोमेरूलोने- • फ्राइटिस आदि । अधिकतर बच्चों में इस रोग का कारण पता नहीं चल पाता। इस रोग का निदान पेशाब की और खून की जाँच से किया जाता है।

symptoms of nephrotic syndrome

इस रोग में चेहरे, पैर, तलुओं आदि पर सूजन आ जाती है, जिसे अँगूठे से दबाकर छोड़ा जाये, तो गड्ढा पड़ जाता है। कभी-कभी सूजन इतनी बढ़ जाती है कि सारा शरीर फूल जाता है। प्रायः सूजन सुबह सोकर उठने के बाद अधिक मालूम पड़ती है। मरीज फूला-फूला कमजोर व पीला दिखायी देता है। पेशाब की मात्रा कम हो जाती है। पेशाब में फेन की मात्रा अधिक दिखायी देती है। बच्चों में संक्रमण का अंदेशा बढ़ जाता है। नाखूनों पर चौड़ाई में बैंड से पड़ जाते हैं। बच्चों को बार-बार सर्दी- जुकाम हो जाता है। कभी-कभी B.P. बढ़ा हुआ मिलता है। इन बच्चों में निमोनिया, पेरीटोनाइटिस, दिमाग की झिल्ली में सूजन भी देखने को मिलती है। रोग अधिक समय तक रहने पर बढ़वाकर रुक जाती है।

nephrotic syndrome

रोग की पहचान

 रोग में निम्न नैदानिक अनिवार्यताएँ मिलती हैं-

1. पेशाब में प्रोटीन आना विशेष रूप से एल्ब्यूमिन ।

2. खून में प्रोटीन की कमी साथ ही एल्ब्यूमिन गलोब्यूलिन का प्रावृत अनुपात विपरीत हो जाना।

3. खून में कोलेस्ट्रोल की मात्रा अधिक होना ।

 4. मूत्र में लिपिड्स का पाया जाना ।

5. सारे शरीर में सूजन तथा निस्सरण (इन्फ्यूजन) के रूप में होती है।

6. E.S.R. बढ़ा हुआ मिलता है।

रोग का परिणाम 

रीनल या यूरीनरी ट्रेक्ट पेन, एक्यूट रीनल फेल्योर, एक्यूट हार्ट फेल्योर विद पल्मोनरी ओडीमा, यूरीनरी ट्रेक्ट इन्फेक्शन (Urinary tract infection) एवं हाइपरटेन्सिव इंसेफेलोपेथी आदि उपद्रवों (Complications) की सम्भावना रहती है। कभी-कभी वृक्क शिरा में रक्त का थक्का बनने के कारण मूत्र में खून आने लगता है। नीचे पेडुओं में दर्द होता है। मूत्र में प्रोटीन की मात्रा बढ़ जाती है।

Treatment

Nephrotic Syndrome (नेफ्रोटिक सिंड्रोम) is not just a kidney-related disorder—it’s a condition that can seriously affect your overall health if left untreated. The 5 alarming signs and symptoms—such as swelling (edema), frothy urine, fatigue, weight gain, and loss of appetite—are clear warnings that the body is struggling with protein loss and kidney damage.

Early recognition and timely medical intervention are the keys to managing this condition effectively. With proper diagnosis, medication, lifestyle changes, and regular monitoring, patients can reduce complications and improve quality of life. Remember, never ignore these symptoms; seeking prompt medical advice can help protect your kidneys and ensure long-term wellness. so always care of your body with Nephrotic Syndrome.

[Note: कृपया डॉक्टर की सलाह, निदान और इलाज के लिए हमें संपर्क करें।]

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top
Open chat
1
Hello 👋
Can we help you?
Call Now Button