INFANTILE LIVER CIRRHOSIS क्या है
यह रोग 1 से 5 वर्ष तक की आयु वाले बच्चों को होता है। कभी-कभी बड़े बच्चों में भी पाया जाता है। इसमें बच्चे का पेट अपेक्षाकृत बड़ा दिखाई पड़ता है एवं पेट में नीली- नीली शिरायें चमकने लगती हैं और शरीर में रक्त की मात्रा कम हो जाती है।

Causes
बच्चों को कम उम्र से ही भोजन बार-बार देने अथवा माँ के दूध की जगह गाय, भैंस अथवा कृत्रिम दूध देने से एवं सस्ते किस्म के बिस्कुट आदि खिलाने से उसकी पाचन क्रिया बिगड़ जाती है। इसके अतिरिक्त कभी-कभी वायरल इन्फैक्शन अथवा अन्य वैक्टीरियल इन्फैक्शन (infection) होने से यह रोग हो जाता है। मिट्टी, चाक, कोयला आदि खाने वाले बच्चों को भी यह रोग हो जाता है।
Symptoms
बच्चा धीरे-धीरे कमजोर होने लगता है। लेकिन पेट अपेक्षाकृत बड़ा दिखायी पड़ता है। पाचन शक्ति बिगड़ जाने के कारण खाना खाने के तुरन्त बाद बच्चा पखाने को भाग लेता है। दिन रात में 5-6 बार पाखाना आता है। पाखाना अधपचा, दरदरा, फूला-फूला सफेद बदबूदार होता है।
प्रायः बच्चे की भूख बहुत बढ़ जाती है। बच्चा हमेशा आलू, चावल आदि नमकीन चीजें खाने को माँगता है। शरीर में रक्त की मात्रा कम हो जाती है। कुछ बच्चे खाना छोड़ देते हैं। पेट में नीली नीली शिरायें चमकने लगती हैं। सोने पर नाभि के ऊपर एक लम्बा गुब्बारे जैसा (Lump) फूलने लगता है। यह इस रोग का विशिष्ट लक्षण है। पेट में स्पर्श करने पर यकृत दाहिनी तरफ पसलियों से 2 अंगुल नीचे तक बढ़ा हुआ मिलता है। कभी-कभी आँखें पीली पड़ जाती हैं। रोग ज्यादा बढ़ने पर पैर, चेहरे तथा पेट में शोथ आ जाता है। एवं कामला (Jaundice) के लक्षण स्पष्ट हो जाते हैं। अन्त में कुम्भक कामला के कारण। रोगी बालक की मृत्यु हो जाती है।
