जननांगी पथ का कैण्डीडियेसिस- CANDIDIASIS OF THE GENITAL TRACT

परिचय –

यह जननांगी पथ का कैण्डीडा एल्बीकैन्स (Candida albicans) नामक कवक (Fungus) का संक्रमण है, जिससे जननांगों में चिड़चिड़ाहट होती है और जननांगी पथ से स्राव निकलता है। महिलाओं में तीव्र योनि शोथ (Acute vaginitis) होता है। इस संक्रमण जनित रतिज रोग को ‘थ्रेस’ (Thrush) या कैंडिडा रुग्णता (Candidiasis) के नाम से भी जाना जाता है।

रोग के कारण

यह रुग्णता ‘कैंडिडा एल्बीकैन्स’ (Candida albicans) नामक फंगस के संक्रमण के कारण होती है। संक्रमण अधिकतर यौन सम्भोग द्वारा उपार्जित होता है। यह रोग पुरुषों की अपेक्षा स्त्रियों में अधिक होता है। पुरुषों में यह रोग सामान्यतः लैंगिग संसर्ग से उत्पन्न होता है। कुछ स्त्रियों में भी यह इसी प्रकार उत्पन्न होता है और बहुत से योनिगत संक्रमण अन्य तरीकों से सम्भवतः आँत से भी आते हैं। कैंडिडा एल्बीकेन्स नामक फंगस स्वस्थ स्त्री के जननांगी पथ में प्राकृत रूप में पाया जाता है, परन्तु अनुकूल दशाओं में जैसे-गर्म और नम जलवायु में साफ-सफाई में कमी. गर्भावस्था में, कुपोषण में, मधुमेह में अथवा ब्रॉड स्पैक्ट्रम एण्टीबायोटिक, (Steroids) या मुखीय गर्भनिरोधक अथवा रोगक्षय अनुक्रिया को कम करने वाली औषधियों के प्रयोग से रोग उत्पादक हो जाते हैं।

रोग के लक्षण

महिलाओं में तीव्र योनि शोथ (Acute Vagin- itis) होता है। पीड़ित स्त्री को योनि में हल्के दर्द के साथ खुजली होती है तथा योनि से सफेद रंग का स्राव होता है। बहुत सी स्त्रियों में कोई लक्षण नहीं मिलते हैं या उनमें बहुत ही हल्के लक्षण मिलते हैं, परन्तु बहुत-सी स्त्रियों में भग तथा योनि का बहुत तीव्र क्षोभण (Irritation) होता है, जिससे योनि से स्राव निकलने लगता है और स्राव नहीं भी निकलता है। योनि से जो स्राव निकलता है वह सफेद गाढ़ा दही के समान होता है जिसमें खटास की बदबू आती है जिससे योनि के अंदर और बाहर खुजली और जलन रहने लगती है। परन्तु स्राव जलीय होता है। और कभी-कभी यह पूयमय हो जाता है। सम्भोग के समय कष्ट होता है।

मूत्रत्याग कठिनाई से होता है। पुरुषों में शिश्नमुण्ड शोथ अथवा मुण्डधर्म शिश्नमुण्ड शोध हो जाता है जिसमे लिंगेन्द्रिय पर जलन होती है और उससे एक श्वेत या हल्का पूयमय स्राव निकलता है। मुण्डचर्म की आन्तरिक सतह और शिशनमुण्ड (Glance) Penis) लाल और सूजे हुए हो जाते हैं, जिन पर फैले हुए चकत्ते हो जाते है या छाले पड़ जाते हैं। किसी में कोई लक्षण नहीं होते है।

#गर्भावस्था के दौरान या रजोनिवृत्ति के उपरान्त या गर्भ निरोधक गोलियाँ खाने वाली महिलाओं में यह संक्रमण अधिक होता है। पुरुषों में संक्रमण (Infection) मूत्रमार्ग शोध एवं शिश्नमुण्ड शोथ (Balanitis) उत्पन्न करता है। यद्यपि बहुत से पुरुषों में कोई लक्षण नहीं मिलते है. परन्तु फिर भी स्त्रियों को संक्रमित करने के लिए वे शक्तिशाली स्रोत हो सकते हैं।

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