खाद्यान्न विषाक्तता [FOOD POISONING]

परिचय –

विषाक्त भोजन करने के उपरान्त, रोगी को पेट में दर्द, दस्त व उल्टी तथा अन्य लक्षण उत्पन्न हो जाते हैं।

रोग के कारण

यह रोग स्टेफाइलोकोकाई, क्लोस्ट्रीडियम बोटुलिनम’, ‘क्लोस्ट्रीडियम पर फ्रिन्जेंस (मीट खाने वालों में) के द्वारा होता है। पर सबसे ज्यादा स्टेफाइलोकोकस फूड पायजनिंग देखने को मिलती है। ऐसा भोजन जिसमें स्टेफाइलोकोकाई पहले से हों, उसे खाने के बाद रोगी में 1 से 6 घण्टे बाद लक्षण दिखायी देने शुरू हो जाते हैं। भली प्रकार फ्रिज में न रखी वस्तुएँ जैसे पैस्टीज, दही, मिठाइयाँ, दूध की बनी अन्य वस्तुएँ और माँस। इन सबमें स्टेफाइलोकोकाई एक प्रकार का जहर पैदा कर देते हैं।

रोग के लक्षण

रोगी में लक्षण सामान्यतः । से 6 घण्टों के अन्दर दिखायी देने लगते हैं। रोगी को एकाएक तीव्र स्वरूप की उल्टियों आने लगती है अथवा उसका जी मिचलाता है। पेट में रह-रह कर तेज दर्द होता है। साथ में मरोड़ होती है। पतले दस्त आते हैं और रोगी निढाल हो जाता है। यह रोग थोड़ी देर तक ही रहता है। विषाक्त पदार्थों के शरीर में से निकल जाने के बाद रोगी की हालत ठीक होती चली जाती है। यह रोग महामारी के रूप में फैलता है।

बाटुलिज्म’ भी एक खाद्यान्न विषाक्तता है जो ‘क्लोस्ट्रीडियम वोटुलिनम’ नामक रोगाणुओं से फैलता है। इसके लक्षणों में रोगी को धुंधला और एक वस्तु की दो दिखायी देती हैं।

उपचार –

रोगी को विश्राम करायें। रोग के कारण को ज्ञात करने की कोशिश करें। रोगी के हाइड्रेशन का ध्यान रखें। मुँह द्वारा पानी न ले सकने पर आई. वी. ड्रिप द्वारा ग्लूकोज और नार्मल सैलाइन दें। पेट दर्द के लिये कोई एण्टी-स्पाजमोडिक (Anti-spasmodic) जैसे डिक्लोफेनिक (वोवेरान) या बुस्कोपान (Buscopan) इन्जेक्शन के रूप में दें। अधिक तीव्र स्थिति में रोगी को एण्टीबायोटिक्स दिया जाना चाहिये।

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