क्या है? दाँतों में कीड़ा लगना
दंतशूल यानि दांत के दर्द का सबसे बड़ा कारण दाँत या दाढ़ का खोखला होना या कीड़ा लगना कहलाता है जिसे कैरीज (Caries) रोग कहते हैं एवं खोखले स्थान को कैविटी (Cavity) कहते हैं। यह रोग आमतौर पर देखने को मिलता है।

Dental caries causes
दाँतों को साफ न रखने से सूक्ष्म कीटाणु दाँत के तने में घुस जाते हैं और दंतमज्जा में फैल जाते हैं । अन्त में यह कीटाणु दन्तमज्जा के गड्ढे में पहुँच जाते हैं जहाँ यह सड़न की जलन पैदा कर खतरनाक दर्द की स्थिति उत्पन्न होती है। यही कृमि दन्त है।

Dental caries symptoms
इसमें दाँत या जाढ़ गल जाती है अन्त में वह स्वयं टुकड़े-टुकड़े होकर निकल जाती है या उसे दाँतों के डॉक्टर से निकलवाना पड़ता है। इसमें समय-समय पर तीव्र दर्द के दौरे पड़ते हैं जिसके कारण रोगी अत्यन्त बेचैन हो जाता है। वह बार-बार छटपटाता है। रोगी के मुँह से दुर्गन्ध आती है।

रोग की पहचान
इसमें दाँत के भीतर कोटर (खोल) सा बन जाता है, अथवा दाँत गल-गल कर नष्ट होता जाता है। दाँत के खोल में यदि कोई चीज चली जाये तो अत्यन्त असह्य पीड़ा होती है। इन लक्षणों के आधार पर प्रत्यक्ष रूप से देखकर निदान में कोई कठिनाई नहीं होती है।
PYORRHOEA- पायेरिया
रोग का परिणाम
यदि यह बढ़ जाये तो दाँत दर्द, स्नायुशूल, अस्थि आवरण प्रदाह, मज्जा में पीव आना. दंत व्रण और कभी-कभी पेशी का पक्षाघात (Muscles Paralysis) आदि इससे उपसर्ग पैदा हो सकते हैं।
