फाँसी लगाना

परिचय

आत्महत्या के उद्देश्य से अधिकांशतः महिलायें और गृह कलह से पीड़ित पुरुष फाँसी (रस्सी को गले में फँसा कर लटक जाना) लगा लेते हैं और झूलकर आत्महत्या कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर लेते हैं।

बचाव के उपाय

यदि किसी ने फाँसी लगा ली है और वह जिन्दा प्रतीत हो रहा है तो उसे बचाने के लिए सबसे पहले उसे पकड़ कर ऊँचा उठा लेना चाहिए, ताकि गले पर रस्सी का दवाब कम हो । तत्पश्चात् किसी अन्य व्यक्ति की सहायता से, अथवा सम्भव हो तो स्वयं ही ऊपर से रस्सी कटवा देनी चाहिए। रस्सी के कटते ही रोगी झटके के साथ नीचे न गिरे इसका ध्यान रखना चाहिए। तत्पश्चात् रोगी के गले से रस्सी खोलकर उसे सीधा लिटाकर शरीर के सभी कपड़े ढीले कर देने चाहिए। इसके बाद उसे कृत्रिम विधि से श्वसन दिलवाना चाहिए।

जैसे ही रोगी की साँस चलने लगे उसे निकेथामाइड या डेक्सामेथासोन का इन्जैक्शन लगाना चाहिए।

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