प्रस्तावना
क्या आप रात भर करवटें बदलते रहते हैं? नींद तो आती है, लेकिन गहरी नहीं? या फिर नींद जल्दी खुल जाती है? यह सब अनिद्रा (Insomnia) के लक्षण हो सकते हैं। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में नींद की कमी एक आम समस्या बन चुकी है, लेकिन इसे नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है।
आयुर्वेद में अनिद्रा को “निद्रानाश” कहा गया है और इसका सीधा संबंध मन, शरीर और आत्मा की असंतुलन से होता है।

नींद ना आने के मुख्य कारण (Causes of Insomnia)
- तनाव और चिंता – मानसिक तनाव व चिंता नींद को सबसे पहले प्रभावित करते हैं।
- अनियमित दिनचर्या – देर रात मोबाइल चलाना, TV देखना, देर से खाना खाना आदि।
- कैफीन व निकोटीन का अधिक सेवन – चाय, कॉफी, धूम्रपान।
- शारीरिक बीमारियाँ – हॉर्मोनल गड़बड़ी, दर्द, थायरॉयड आदि।
- दवाइयों का दुष्प्रभाव – कई दवाइयों से भी नींद पर असर पड़ता है।
लक्षण (Symptoms)
- रात में नींद न आना या बार-बार नींद खुलना
- सुबह जल्दी नींद खुल जाना
- दिनभर थकान और चिड़चिड़ापन
- एकाग्रता में कमी
- सिरदर्द और डिप्रेशन की भावना
आयुर्वेदिक इलाज (Ayurvedic Remedies)
1. अश्वगंधा (Ashwagandha)
➡ यह एक बेहतरीन तनाव निवारक औषधि है।
🔸 सेवन विधि: अश्वगंधा चूर्ण 3–5 ग्राम गुनगुने दूध के साथ रात को लें।
2. जटामांसी (Jatamansi)
➡ यह तंत्रिका तंत्र को शांत करती है और मानसिक शांति देती है।
🔸 सेवन विधि: 1–2 ग्राम चूर्ण या कैप्सूल के रूप में सोने से पहले लें।
3. ब्राह्मी (Brahmi)
➡ मस्तिष्क को ठंडक पहुंचाती है और नींद को बेहतर करती है।
🔸 सेवन विधि: ब्राह्मी सिरप या चूर्ण दिन में 1-2 बार लें।
4. गर्म दूध में जायफल
➡ जायफल की थोड़ी-सी मात्रा गर्म दूध में मिलाकर सोने से पहले पीने से अच्छी नींद आती है।
5. नस्य (Nasya) थैरेपी
➡ आयुर्वेदिक नस्य चिकित्सा में नाक में औषधीय तेल डाला जाता है, जिससे सिर व मन शांत होते हैं।
🔸 तेल: ब्राह्मी तेल या अनुतैल।
6. ध्यान और प्राणायाम
- अनुलोम-विलोम, भ्रामरी और योग निद्रा नींद को प्राकृतिक रूप से बढ़ाते हैं।
- सोने से पहले 10 मिनट का ध्यान अवश्य करें।
घरेलू उपाय
✅ सोने से पहले गर्म पानी से स्नान करें
✅ सोने का समय नियमित रखें
✅ सोने से पहले मोबाइल स्क्रीन और कैफीन से दूर रहें
✅ शुद्ध देसी घी से तलवों की मालिश करें
आयुर्वेदिक दवाइयाँ (Over-the-Counter Ayurvedic Products)
आयुर्वेदिक दवा | उपयोग |
---|---|
अश्वगंधा टेबलेट | तनाव और नींद के लिए |
ब्राह्मी सिरप | मस्तिष्क शांति |
सर्पगंधा वटी | उच्च रक्तचाप व अनिद्रा |
मानसामित्र वटी | डिप्रेशन व नींद की कमी के लिए |
(डॉक्टर या वैद्य से परामर्श ज़रूर लें)
निष्कर्ष
अनिद्रा केवल एक नींद की समस्या नहीं, बल्कि यह पूरे शरीर और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है। आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से इसे संतुलित आहार, दिनचर्या, औषधियाँ और ध्यान के माध्यम से ठीक किया जा सकता है।
FAQ (Frequently Asked Questions)
Q1. क्या अनिद्रा का इलाज आयुर्वेद में संभव है?
👉 हाँ, आयुर्वेद में अश्वगंधा, ब्राह्मी, जटामांसी जैसी जड़ी-बूटियों से इसका इलाज संभव है।
Q2. क्या अनिद्रा केवल तनाव की वजह से होती है?
👉 नहीं, तनाव एक बड़ा कारण है लेकिन जीवनशैली, खानपान और हार्मोनल असंतुलन भी कारण बन सकते हैं।
Q3. क्या मोबाइल फोन नींद पर असर डालता है?
👉 हाँ, मोबाइल की ब्लू लाइट मेलाटोनिन हार्मोन को दबा देती है जिससे नींद नहीं आती।
Q4. क्या ब्राह्मी और अश्वगंधा साथ में ली जा सकती हैं?
👉 हाँ, ये दोनों साथ में ली जा सकती हैं लेकिन मात्रा और समय वैद्य से पूछें।
Q5. क्या अनुलोम-विलोम से नींद आती है?
👉 हाँ, यह प्राणायाम मस्तिष्क को शांति देता है जिससे नींद बेहतर होती है।