परिचय-

यदि कोई व्यक्ति रात को सोने के समय यत्नपूर्वक सोने की कोशिश के बावजूद सो न पाये तो उसे ‘अनिद्रा’ कहते हैं। अनिद्रा से पीड़ित लोगों को अक्सर यों तो काफी समय तक लेटे रहने के बावजूद नींद नहीं आती या फिर सोने के कुछ समय बाद ही आँख खुल जाती है।
रोग के कारण

1. शारीरिक कारण-दमा, खाँसी, दर्द, कब्ज, अपच, भूखे पेट रहना, अत्यधिक धूम्रपान या मदिरा या चाय का अधिक मात्रा में सेवन आदि है।
2. मनोवैज्ञानिक कारण- डिप्रेशन, ईर्ष्या, भय, चिन्ता, द्वेष, वियोग, मिलन की प्रतीक्षा, क्रोध, उत्तेजना आदि ।
* अनिद्रा की सबसे प्रमुख वजह चिंता (तनाव- Tension) ही है। अनिद्रा से पीड़ित सभी लोगों में से लगभग आधे लोग चिंता या तनाव की वजह से परेशान होते हैं।
* हमारे आस-पास का वातावरण या माहौल भी अनिद्रा के प्रमुख कारणों में से एक है। आस-पास रात के समय भी अगर शोरगुल होता रहता हो, तो या कम्पनी, कारखाने या किसी अन्य वजह से ध्वनि प्रदूषण होता रहता हो तो यह भी अनिद्रा का कारण बन सकता है। जो लोग मेहनत-मसक्कत का कार्य नहीं करते हैं। अक्सर इस रोग के शिकार होते हैं।
रोग के लक्षण

इस रोग में रोगी का मन और शरीर दोनों थके-थके असहाय हो जाते हैं। रोगी चिड़चिड़ा और क्रोधी स्वभाव का हो जाता है। शरीर और मानसिक शक्ति कम हो जाती है। नींद न आने से रोगी व्याकुलता और बेचैनी अनुभव करने लगता है। उसका मन खिन्न रहता है और भूख नहीं लगती है, अरुचि हो जाती है। रोगी हमेशा खीझता रहता है। हल्की सी आहट होते ही नींद टूट जाती है। कुछ रोगियों की नींद बीच-बीच में टूटती रहती है। नींद पूरी न होने पर रोगी का सुबह पेट साफ नहीं होता है। जलन और पेट में गैस की शिकायत रहती है। रोगी दिन में स्वयं को काफी थका हुआ व सुस्त महसूस करता है। कोई भी काम एकाग्रचित्त होकर नहीं कर पाता और उसे अक्सर सिर में भारीपन महसूस होता है।