नाक के रोग (DISEASES OF THE NOSE)

1.बाह्य वस्तु का नाक में प्रवेश [FOREIGN BODIES IN THE NOSE]

परिचय –

नाक में बाह्य वस्तु का प्रयोग अधिकतर बच्चों में पाया जाता है। प्रायः बच्चे बटन, बीज, मटर, मोती, पेपर, रबड़ या प्लास्टिक के छोटे टुकड़े नाक में डाल लेते हैं। कभी-कभी बन्दूक की गोली या पत्थर के छोटे टुकड़े चेहरे की चोट के समय नाक में चले जाते हैं।

कारण

यह विकृति उपरोक्त बताये गये पदार्थों के नाक में चले जाने से उत्पन्न होती है। इसके अतिरिक्त मैगटस, काटन, ऊन (Cotton, Wool), Pledgets or Swab के पिछले हिस्से में Accidentally रूप में पहुँच जाने पर । रोगी अधिकांशतः बाह्य पदार्थ को भूल जाता है जो संक्रमण, नेजल डिस्चार्ज एवं ग्रेनूलेशन उत्पन्न कर देता है।

लक्षण एवं चिन्ह

बच्चे के द्वारा बाह्य पदार्थ का नाक में प्रवेश का इतिहास मिल सकता है अथवा नहीं भी । बार-बार छींकना (Sneezing), रक्तस्राव (Bleeding), नाक बन्द होने (Blocking) एवं नाक में दर्द सम्बन्धी लक्षण मिलते हैं। बालक में उसकी नाक के अन्दर बाह्य पदार्थ का प्रवेश पिछले लम्बे समय से है तो रोगी में Unilateral foul smelling blood stained discharge सम्बन्धी लक्षण देखने को मिलते हैं। एण्टीरियर रिनोस्कोपी (Anterior Rhi- noscopy) करने पर बाह्य पदार्थ को देखा जा सकता है पर पुराने केस में बाह्य पदार्थ के साथ-साथ डिस्चार्ज तथा ग्रेन्यूलेशन भी मिलता है।

पहचान

रेडियोग्राफी (Radiography) केवल Radio- opaque Foreign bodies को दर्शाता है। इस विकृति का भेद केवल डिफ्थीरिया, रिनोलिथ एवं सीक्वेस्ट्रा से करना होता है।

परिणाम

बाह्य पदार्थ पीछे फिसल कर निगला जा सकता है। कभी-कभी यह ट्रेकियो ब्रोन्कियल ट्री में प्रवेश कर जाता है।

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