1. परिचय (Introduction)
कोशिका चक्र (Cell Cycle) वह प्रक्रिया है, जिसमें एक कोशिका बढ़ती है, अपनी सामग्री को दोहराती है और फिर विभाजित होकर दो नई कोशिकाएँ बनाती है। यह जीवन की निरंतरता बनाए रखने के लिए आवश्यक प्रक्रिया है।
2. कोशिका चक्र के चरण (Phases of Cell Cycle)
कोशिका चक्र मुख्य रूप से दो चरणों में विभाजित होता है:
- अंतरावस्था (Interphase) – यह कोशिका चक्र का सबसे लंबा चरण होता है, जहाँ कोशिका विभाजन के लिए तैयारी करती है।
- G₁ चरण (Growth Phase 1) – कोशिका का आकार बढ़ता है और प्रोटीन संश्लेषण होता है।
- S चरण (Synthesis Phase) – DNA की प्रतिकृति (Replication) होती है।
- G₂ चरण (Growth Phase 2) – विभाजन के लिए आवश्यक प्रोटीन और एंजाइम संश्लेषित होते हैं।
- मिटोटिक चरण (M Phase) – इसमें कोशिका विभाजित होती है और दो नई कोशिकाएँ बनती हैं।
3. कोशिका विभाजन के प्रकार (Types of Cell Division)
कोशिका विभाजन मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं:
प्रकार | उदाहरण | मुख्य विशेषताएँ |
---|---|---|
माइटोसिस (Mitosis) | शारीरिक कोशिकाएँ (Somatic Cells) | दो समान संतति कोशिकाएँ बनती हैं। |
मीयोसिस (Meiosis) | युग्मज कोशिकाएँ (Gametes – शुक्राणु और अंडाणु) | चार संतति कोशिकाएँ बनती हैं, जिनमें आधा क्रोमोसोम संख्या होती है। |
अमितोसिस (Amitosis) | बैक्टीरिया, अमीबा | सीधा विभाजन होता है, कोई निश्चित चरण नहीं होते। |
4. माइटोसिस (Mitosis) – समान विभाजन
माइटोसिस में एक कोशिका दो समान संतति कोशिकाओं में विभाजित होती है। यह चार चरणों में होता है:
- प्रोफेज (Prophase) – क्रोमोसोम सघन (Condense) होते हैं, स्पिंडल तंतु (Spindle Fibers) बनते हैं।
- मेटाफेज (Metaphase) – क्रोमोसोम मध्य रेखा (Equatorial Plane) पर संरेखित होते हैं।
- एनेफेज (Anaphase) – क्रोमेटिड्स विपरीत ध्रुवों पर खिंचते हैं।
- टेलोफेज (Telophase) – न्यूक्लियर मेंब्रेन पुनः बनता है और साइटोकाइनेसिस (Cytokinesis) द्वारा कोशिका विभाजित हो जाती है।
5. मीयोसिस (Meiosis) – गुणसूत्रों की संख्या आधी करने वाला विभाजन
मीयोसिस में एक कोशिका से चार संतति कोशिकाएँ बनती हैं, जिनमें मूल कोशिका की तुलना में आधे क्रोमोसोम होते हैं। यह दो चरणों में विभाजित होता है:
- मीयोसिस-I (Meiosis I) – क्रॉसिंग ओवर (Crossing Over) होता है, जिससे अनुवांशिक विविधता आती है।
- मीयोसिस-II (Meiosis II) – माइटोसिस के समान प्रक्रिया होती है, जिससे चार हाप्लॉइड (Haploid) कोशिकाएँ बनती हैं।
6. कोशिका चक्र का नियंत्रण (Regulation of Cell Cycle)
कोशिका चक्र विभिन्न चेकपॉइंट्स द्वारा नियंत्रित होता है, ताकि कोई गलती न हो।
- G₁ Checkpoint – कोशिका के विकास और DNA क्षति की जाँच करता है।
- G₂ Checkpoint – विभाजन के लिए सभी आवश्यक प्रोटीन तैयार हैं या नहीं, इसकी जाँच करता है।
- M Checkpoint – यह सुनिश्चित करता है कि सभी क्रोमोसोम स्पिंडल तंतुओं से जुड़े हों।
7. निष्कर्ष (Conclusion)
कोशिका चक्र और कोशिका विभाजन जीवों की वृद्धि, मरम्मत और पुनरुत्पादन (Reproduction) के लिए आवश्यक प्रक्रियाएँ हैं। माइटोसिस शरीर की सामान्य वृद्धि में मदद करता है, जबकि मीयोसिस आनुवंशिक विविधता को बनाए रखते हुए युग्मक उत्पादन करता है। NEET परीक्षा में यह एक महत्वपूर्ण टॉपिक है।