UNIT 6: Reproduction

1. जीवों में प्रजनन (Reproduction in Organisms)

प्रजनन (Reproduction) वह जैविक प्रक्रिया है, जिसके द्वारा जीवों की नई पीढ़ियाँ उत्पन्न होती हैं। यह जीवन की निरंतरता के लिए आवश्यक है। इस अध्याय में, हम गुणसूत्रीय प्रजनन (Asexual Reproduction) और युग्मजन्य प्रजनन (Sexual Reproduction) के बारे में विस्तार से जानेंगे, साथ ही इनकी प्रक्रिया और महत्व को समझेंगे।


गुणसूत्रीय प्रजनन (Asexual Reproduction)

  • परिभाषा (Definition): गुणसूत्रीय प्रजनन में एक ही पेरेंट से संतान उत्पन्न होती है, और यह बिना युग्म कोशिकाओं (gametes) के होता है। इससे उत्पन्न सभी संतानें माता-पिता के समान होती हैं और उनमें कोई आनुवंशिक विविधता नहीं होती।
  • प्रकार (Types of Asexual Reproduction):
    1. द्वैधविभाजन (Binary Fission):
      • इसमें एकल कोशिका का विभाजन होता है, और दोनों भाग नए जीवों के रूप में विकसित होते हैं।
      • उदाहरण: अमीबा (Amoeba), पैरामीशियम (Paramecium)।
    2. बूडिंग (Budding):
      • इसमें माता-पिता के शरीर से एक छोटा सा गुच्छा (बुड) विकसित होता है, जो एक नया जीव बनता है।
      • उदाहरण: हायड्रा (Hydra), यीस्ट (Yeast)।
    3. खंडन (Fragmentation):
      • इसमें जीव का शरीर टूटकर छोटे-छोटे टुकड़ों में बंट जाता है, और प्रत्येक टुकड़ा नया जीव बन सकता है।
      • उदाहरण: स्पाइरोगायरा (Spirogyra), प्लैनारिया (Planaria)।
    4. स्पोर निर्माण (Spore Formation):
      • इसमें विशेष कोशिकाएँ (स्पोर्स) उत्पन्न होती हैं, जो अनुकूल वातावरण में नए जीवों में बदल जाती हैं।
      • उदाहरण: कवक (Fungi), मूस (Mosses)।
    5. वनस्पतिक प्रजनन (Vegetative Propagation):
      • पौधों में यह प्रक्रिया तब होती है जब एक पौधे के किसी भाग (जैसे तना, जड़, पत्तियाँ) से नया पौधा उत्पन्न होता है।
      • उदाहरण: आलू (Potato), अदरक (Ginger), ब्रोयोफिलम (Bryophyllum)।

युग्मजन्य प्रजनन (Sexual Reproduction)

  • परिभाषा (Definition): युग्मजन्य प्रजनन में दो पेरेंट्स के युग्म कोशिकाएँ (gametes) मिलकर युग्मज (zygote) बनाती हैं, जो एक नया जीव उत्पन्न करता है। इस प्रक्रिया में आनुवंशिक विविधता होती है।
  • मुख्य घटक (Key Components):
    1. गैमेट्स (Gametes): ये पुरुष और महिला के प्रजनन कोशिकाएँ होती हैं – शुक्राणु (sperm) और अंडाणु (egg)।
    2. युग्मण (Fertilization): यह प्रक्रिया तब होती है जब पुरुष और महिला के gametes मिलकर एक युग्मज (zygote) बनाते हैं।
    3. युग्मज का विकास (Zygote Development): युग्मज विभाजित होकर भ्रूण (embryo) में विकसित होता है, जो नया जीव बनता है।
  • उदाहरण (Examples of Sexual Reproduction):
    • पौधे (Plants): फूलों में पुरुष (स्टामिन) और महिला (पिस्टिल) अंग होते हैं, जो युग्मण में शामिल होते हैं।
    • जानवर (Animals): प्रजनन अंगों से gametes का निर्माण होता है, और युग्मण के बाद नया जीव बनता है।

प्रजनन के तरीके (Modes of Reproduction)

  1. एकललिंगी प्रजनन (Unisexual Reproduction): इस प्रकार के प्रजनन में पुरुष और महिला अंग अलग-अलग व्यक्तियों में होते हैं।
    • उदाहरण: मनुष्य (Humans), अधिकांश जानवर (Most animals)।
  2. द्विलिंगी प्रजनन (Hermaphroditic Reproduction): इस प्रकार के प्रजनन में एक व्यक्ति के पास दोनों, पुरुष और महिला प्रजनन अंग होते हैं।
    • उदाहरण: पृथ्वी कृमि (Earthworm), घोंघा (Snail)।
  3. बाह्य युग्मण (External Fertilization): युग्मण बाहर, सामान्यत: जल में होता है।
    • उदाहरण: मछलियाँ (Fish), मेंढक (Frogs)।
  4. आंतरिक युग्मण (Internal Fertilization): युग्मण शरीर के अंदर होता है।
    • उदाहरण: मनुष्य (Humans), पक्षी (Birds)।
  5. परागण (Pollination) (पौधों में): परागकणों का स्थानांतरण पुरुष फूल से महिला फूल में, जिससे युग्मण होता है।
    • उदाहरण: कीट (Insects), वायु (Wind) द्वारा परागण।

NEET दृष्टिकोण से प्रश्न/उत्तर (NEET Perspective Q&A)

प्रश्न 1. गुणसूत्रीय और युग्मजन्य प्रजनन में अंतर क्या है?

उत्तर:

  • गुणसूत्रीय प्रजनन (Asexual Reproduction): इसमें एक ही माता-पिता से संतान उत्पन्न होती है, जो जीन के हिसाब से समान होती हैं, और इसमें आनुवंशिक विविधता नहीं होती है।
  • युग्मजन्य प्रजनन (Sexual Reproduction): इसमें दो माता-पिता की युग्म कोशिकाओं का मिलन होता है, और संतान में आनुवंशिक विविधता होती है।

प्रश्न 2. गुणसूत्रीय प्रजनन के प्रमुख प्रकार कौन से हैं?

उत्तर:
गुणसूत्रीय प्रजनन के प्रमुख प्रकार हैं:

  1. द्वैधविभाजन (Binary Fission)
  2. बूडिंग (Budding)
  3. खंडन (Fragmentation)
  4. स्पोर निर्माण (Spore Formation)
  5. वनस्पतिक प्रजनन (Vegetative Propagation)

प्रश्न 3. युग्म कोशिकाओं का क्या कार्य है?

उत्तर:
युग्म कोशिकाएँ (गैमेट्स) प्रजनन की प्रक्रिया में मुख्य भूमिका निभाती हैं। पुरुष का शुक्राणु और महिला का अंडाणु मिलकर युग्मण करते हैं और एक युग्मज (zygote) बनाते हैं, जो नए जीवन की शुरुआत करता है।

प्रश्न 4. बाह्य और आंतरिक युग्मण में अंतर क्या है?

उत्तर:

  • बाह्य युग्मण (External Fertilization): युग्मण बाहरी वातावरण (आमतौर पर जल में) में होता है।
    • उदाहरण: मछलियाँ, मेंढक।
  • आंतरिक युग्मण (Internal Fertilization): युग्मण महिला के शरीर के अंदर होता है।
    • उदाहरण: मनुष्य, पक्षी।

प्रश्न 5. वनस्पतिक प्रजनन का उदाहरण क्या है?

उत्तर:
वनस्पतिक प्रजनन के उदाहरण हैं:

  • आलू (Potato) – ट्यूबर द्वारा।
  • अदरक (Ginger) – राइजोम द्वारा।
  • ब्रोयोफिलम (Bryophyllum) – पत्तियों द्वारा।

2. Sexual Reproduction in Flowering Plants (फूलों वाले पौधों में युग्मजन्य प्रजनन)

फूलों वाले पौधों में युग्मजन्य प्रजनन की प्रक्रिया में कई जटिल चरण होते हैं, जिनमें फूलों की संरचना, परागण, दोहरे युग्मण (Double Fertilization), और बीज और फल का निर्माण शामिल होता है। आइए इसे विस्तार से समझें:


1. Structure of Flower (फूल की संरचना)

फूल एक पौधे का प्रजनन अंग होता है, जिसमें पुरुष और महिला प्रजनन अंग होते हैं। फूल के विभिन्न हिस्सों को समझना आवश्यक है:

  • मुख्य भाग (Main Parts):
    1. पंखुड़ियाँ (Petals): फूल की रंगीन पंखुड़ियाँ आकर्षण का कार्य करती हैं और परागणकों को आकर्षित करती हैं।
    2. गुलाबी (Sepals): ये पंखुड़ियों को सुरक्षा प्रदान करते हैं जब फूल कलिका अवस्था में होता है।
    3. स्त्री प्रजनन अंग (Pistil or Carpel): यह महिला अंग होता है और इसमें तीन प्रमुख भाग होते हैं:
      • आवली (Ovary): इसमें अंडाणु (ovules) होते हैं, जो बीज का निर्माण करते हैं।
      • स्टाइल (Style): यह आवली और stigma के बीच का हिस्सा है, जो पराग कणों के लिए मार्ग प्रदान करता है।
      • स्टिग्मा (Stigma): यह हिस्सा पराग कणों को पकड़ता है और उन्हें स्टाइल में प्रवेश करने का मार्ग प्रदान करता है।
    4. पुरुष प्रजनन अंग (Stamen): यह पुरुष अंग है, जिसमें दो मुख्य भाग होते हैं:
      • अन्थेर (Anther): इसमें पराग कण (pollen grains) बनते हैं।
      • फिलामेंट (Filament): यह अन्थेर को पौधे के बाकी हिस्सों से जोड़ता है।

2. Pollination (परागण)

परागण वह प्रक्रिया है जिसमें पराग कण (pollen grains) स्त्री अंग (stigma) तक पहुँचते हैं। यह दो प्रकार से होता है:

  1. स्वयं परागण (Self-pollination):
    • इसमें पराग कण उसी फूल के स्टिग्मा तक पहुँचते हैं।
    • Example: मटर (Pea), टमाटर (Tomato)
  2. पराय परागण (Cross-pollination):
    • इसमें पराग कण एक फूल से दूसरे फूल तक पहुँचते हैं, जो समान जाति का होता है।
    • यह प्रक्रिया कीटों (जैसे मधुमक्खियाँ), हवा, पानी आदि द्वारा होती है।
    • Example: सूरजमुखी (Sunflower), गेंहूँ (Wheat)

3. Double Fertilization (दोहरा युग्मण)

फूलों वाले पौधों में युग्मण की प्रक्रिया दोहरे युग्मण (Double Fertilization) के रूप में होती है। यह विशेष रूप से पौधों के लिए एक अनूठी प्रक्रिया है:

  1. प्रारंभ (Initiation): पराग कण स्टिग्मा पर गिरते हैं, और वहां से वे एक नलिका (pollen tube) बनाते हुए आवली (ovary) की ओर बढ़ते हैं।
  2. दोहरी युग्मण प्रक्रिया (Double Fertilization Process):
    • पहला युग्मण (First Fertilization): एक शुक्राणु (sperm) अंडाणु (ovule) से मिलकर युग्मज (zygote) बनाता है।
    • दूसरा युग्मण (Second Fertilization): दूसरा शुक्राणु दो पोलर न्यूक्लियाई (polar nuclei) से मिलकर एक ट्रिप्लॉइड (triploid) कोशिका (endosperm) बनाता है, जो भविष्य में बीज के पोषण के रूप में काम करता है।

4. Seed and Fruit Formation (बीज और फल का निर्माण)

  1. बीज का निर्माण (Seed Formation):
    • युग्मण के बाद, युग्मज (zygote) विकसित होकर बीज (seed) में बदल जाता है।
    • बीज में एक बाहरी आवरण (seed coat), एक विकसित भ्रूण (embryo), और एक पोषक पदार्थ (endosperm) होता है जो विकास के लिए आवश्यक ऊर्जा प्रदान करता है।
  2. फल का निर्माण (Fruit Formation):
    • फल का निर्माण स्त्री प्रजनन अंग (ovary) से होता है। जैसे ही बीज का निर्माण होता है, आवली का हिस्सा विकसित होकर फल (fruit) में बदल जाता है।
    • फल का कार्य बीज को बचाना और फैलाना है।
    • फल में बीज के अंदर वृद्धि के लिए आवश्यक पोषण होता है।

NEET Perspective Questions/Answers (NEET दृष्टिकोण से प्रश्न/उत्तर)

प्रश्न 1. फूल की संरचना के कौन-कौन से भाग होते हैं?

उत्तर:
फूल की संरचना में मुख्य रूप से निम्नलिखित भाग होते हैं:

  1. पंखुड़ियाँ (Petals)
  2. गुलाबी (Sepals)
  3. स्त्री प्रजनन अंग (Pistil or Carpel)
  4. पुरुष प्रजनन अंग (Stamen)

प्रश्न 2. परागण के प्रकार क्या हैं?

उत्तर:
परागण के दो प्रकार होते हैं:

  1. स्वयं परागण (Self-pollination)
  2. पराय परागण (Cross-pollination)

प्रश्न 3. दोहरे युग्मण की प्रक्रिया को समझाइए।

उत्तर:
दोहरा युग्मण (Double Fertilization) एक विशेष प्रक्रिया है जिसमें:

  1. एक शुक्राणु अंडाणु से मिलकर युग्मज (zygote) बनाता है।
  2. दूसरा शुक्राणु दो पोलर न्यूक्लियाई से मिलकर ट्रिप्लॉइड कोशिका (endosperm) बनाता है, जो बीज को पोषण प्रदान करती है।

प्रश्न 4. बीज और फल का निर्माण कैसे होता है?

उत्तर:

  • बीज का निर्माण युग्मण के बाद होता है, जिसमें युग्मज (zygote) भ्रूण (embryo) में विकसित होता है, और इस प्रक्रिया में endosperm का भी निर्माण होता है।
  • फल का निर्माण स्त्री प्रजनन अंग (ovary) से होता है, जो बीजों को संरक्षित करता है और उन्हें फैलाने में मदद करता है।

सारांश (Summary):
फूलों वाले पौधों में युग्मजन्य प्रजनन एक जटिल और आकर्षक प्रक्रिया है, जिसमें फूल की संरचना, परागण, दोहरे युग्मण, और फल एवं बीज का निर्माण शामिल है। इन सभी प्रक्रियाओं को समझना NEET परीक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।

3. Human Reproduction (मानव प्रजनन)

मानव प्रजनन की प्रक्रिया एक जटिल और प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसमें पुरुष और महिला के प्रजनन अंगों का योगदान होता है। इस प्रक्रिया में अंडाणु और शुक्राणु का निर्माण, युग्मण (Fertilization), गर्भावस्था (Pregnancy), और मासिक धर्म चक्र (Menstrual Cycle) शामिल होते हैं। आइए इसे विस्तार से समझते हैं।


1. Male Reproductive System (पुरुष प्रजनन प्रणाली)

पुरुष प्रजनन प्रणाली में मुख्य रूप से निम्नलिखित अंग होते हैं:

  • अण्डकोष (Testes): अण्डकोष पुरुष के प्रजनन अंग होते हैं, जो शुक्राणु (sperm) का उत्पादन करते हैं और पुरुष हार्मोन टेस्टोस्टेरोन का निर्माण भी करते हैं।
  • वृषणवाहिनी (Vas deferens): यह शुक्राणुओं को अण्डकोष से शुक्रवाहिका (urethra) तक पहुँचाने का कार्य करती है।
  • प्रोस्टेट ग्रंथि (Prostate gland): यह ग्रंथि शुक्राणुओं को पोषण देने वाली तरल पदार्थ (semen) का निर्माण करती है।
  • शुक्रवाहिका (Urethra): यह शुक्राणुओं को पुरुष के लिंग से बाहर निकालने का कार्य करती है।

मुख्य कार्य: शुक्राणु का निर्माण, हार्मोन का स्राव, और यौन क्रिया के दौरान शुक्राणु को बाहर निकालना।


2. Female Reproductive System (महिला प्रजनन प्रणाली)

महिला प्रजनन प्रणाली में मुख्य रूप से निम्नलिखित अंग होते हैं:

  • अंडाशय (Ovary): अंडाशय अंडाणुओं (eggs) का निर्माण करते हैं और महिला हार्मोन (एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन) का स्राव करते हैं।
  • फैलोपियन ट्यूब (Fallopian tube): यह अंडाणु को अंडाशय से लेकर गर्भाशय तक पहुँचाती है, और यह स्थान युग्मण (fertilization) का होता है।
  • गर्भाशय (Uterus): यह अंडाणु के निषेचन के बाद भ्रूण (embryo) का विकास करता है। गर्भाशय में भ्रूण के विकास के लिए उपयुक्त वातावरण होता है।
  • योनि (Vagina): यह अंग यौन संबंध के दौरान प्रवेश और प्रसव के समय से भ्रूण को बाहर निकालने का कार्य करता है।

मुख्य कार्य: अंडाणु का निर्माण, हार्मोन का स्राव, गर्भधारण और प्रसव।


3. Gametogenesis (गैमेटोजेनेसिस)

गैमेटोजेनेसिस वह प्रक्रिया है जिसमें पुरुष और महिला दोनों के शरीर में यौन कोशिकाएँ (गैमेट) बनती हैं।

  • Spermatogenesis (शुक्राणु निर्माण):
    • यह प्रक्रिया अण्डकोष में होती है, जहाँ पुरुष शरीर में शुक्राणुओं का निर्माण होता है।
    • यह प्रक्रिया पुरुषों में बचपन से लेकर उम्र के अंत तक चलती रहती है।
    • शुक्राणु के निर्माण में डिप्लॉइड कोशिकाएँ (2n) पहले विभाजित होती हैं, जिससे चार हाप्लॉइड शुक्राणु (n) बनते हैं।
  • Oogenesis (अंडाणु निर्माण):
    • यह प्रक्रिया अंडाशय में होती है, जिसमें अंडाणु (egg) बनते हैं।
    • महिला शरीर में अंडाणु का निर्माण गर्भ में ही शुरू हो जाता है, और महिलाएं जन्म से लेकर प्रौढ़ावस्था तक सीमित अंडाणु ही रखती हैं।
    • प्रत्येक मासिक चक्र में एक अंडाणु विकसित होता है और फैलोपियन ट्यूब में रिलीज़ होता है।

4. Menstrual Cycle (मासिक धर्म चक्र)

महिलाओं में हर महीने एक मासिक धर्म चक्र होता है, जिसमें अंडाणु का निर्माण और रिलीज़ होता है, साथ ही गर्भधारण की प्रक्रिया के लिए शरीर तैयार होता है।

मासिक धर्म चक्र के प्रमुख चरण:

  1. Follicular phase (फोलिक्युलर चरण):
    • इस चरण में अंडाशय में अंडाणु का विकास होता है और एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ता है।
    • अंततः एक प्रमुख अंडाणु रिलीज़ के लिए तैयार होता है।
  2. Ovulation (ओवुलेशन):
    • यह वह चरण है जब परिपक्व अंडाणु अंडाशय से फैलोपियन ट्यूब में रिलीज़ होता है।
    • ओवुलेशन के समय, एस्ट्रोजन का स्तर उच्चतम होता है और प्रोजेस्टेरोन का स्तर बढ़ने लगता है।
  3. Luteal phase (ल्यूटियल चरण):
    • इस चरण में, अंडाशय से अंडाणु निकलने के बाद, उसे कोरपस ल्यूटियम (Corpus Luteum) कहते हैं, जो प्रोजेस्टेरोन का स्राव करता है।
    • यह हार्मोन गर्भाशय की दीवार को गर्भधारण के लिए तैयार करता है।
  4. Menstruation (मासिक धर्म):
    • यदि अंडाणु का निषेचन नहीं होता है, तो हार्मोन का स्तर गिर जाता है और गर्भाशय की दीवार की परत ऊपरी हिस्से के रूप में बाहर निकल आती है, जिससे मासिक धर्म होता है।

5. Fertilization (युग्मण)

युग्मण वह प्रक्रिया है जिसमें पुरुष के शुक्राणु और महिला के अंडाणु का मिलन होता है। यह प्रक्रिया फैलोपियन ट्यूब में होती है। जब एक शुक्राणु अंडाणु से मिल जाता है, तो यह युग्मज (zygote) बनाता है, जो विकास के लिए गर्भाशय में प्रवेश करता है।


6. Pregnancy (गर्भावस्था)

गर्भावस्था वह स्थिति है जब महिला के गर्भाशय में भ्रूण का विकास होता है। इसमें निम्नलिखित महत्वपूर्ण चरण होते हैं:

  1. Embryonic Development (भ्रूण का विकास): युग्मज (zygote) विभाजित होकर भ्रूण में बदलता है और गर्भाशय में इम्प्लांट (implant) हो जाता है।
  2. Placenta (सांसधारी): यह गर्भावस्था के दौरान भ्रूण को पोषण और ऑक्सीजन प्रदान करता है।
  3. Fetal Development (भ्रूण का विकास): गर्भावस्था के दौरान भ्रूण का आकार बढ़ता है और अंगों का विकास होता है।

NEET Perspective Questions/Answers (NEET दृष्टिकोण से प्रश्न/उत्तर)

प्रश्न 1. पुरुष प्रजनन प्रणाली में मुख्य अंग कौन-कौन से होते हैं?

उत्तर:
पुरुष प्रजनन प्रणाली में मुख्य अंग हैं:

  1. अण्डकोष (Testes)
  2. वृषणवाहिनी (Vas deferens)
  3. प्रोस्टेट ग्रंथि (Prostate gland)
  4. शुक्रवाहिका (Urethra)

प्रश्न 2. महिला प्रजनन प्रणाली के मुख्य अंग कौन-कौन से होते हैं?

उत्तर:
महिला प्रजनन प्रणाली के मुख्य अंग हैं:

  1. अंडाशय (Ovary)
  2. फैलोपियन ट्यूब (Fallopian tube)
  3. गर्भाशय (Uterus)
  4. योनि (Vagina)

प्रश्न 3. मासिक धर्म चक्र के प्रमुख चरण क्या हैं?

उत्तर:
मासिक धर्म चक्र के प्रमुख चरण हैं:

  1. फोलिक्युलर चरण (Follicular phase)
  2. ओवुलेशन (Ovulation)
  3. ल्यूटियल चरण (Luteal phase)
  4. मासिक धर्म (Menstruation)

प्रश्न 4. गर्भावस्था के दौरान भ्रूण का विकास कैसे होता है?

उत्तर:
गर्भावस्था के दौरान भ्रूण का विकास युग्मज से शुरू होता है, जो धीरे-धीरे विभाजित होकर भ्रूण में बदलता है। यह गर्भाशय में इम्प्लांट होता है और वहां से पोषण प्राप्त करता है। इस दौरान, भ्रूण का आकार बढ़ता है और अंगों का विकास होता है।

4. Reproductive Health (प्रजनन स्वास्थ्य)

प्रजनन स्वास्थ्य वह स्थिति है जिसमें व्यक्ति शारीरिक, मानसिक, और सामाजिक दृष्टिकोण से स्वस्थ होता है, और अपनी प्रजनन प्रणाली को अच्छे तरीके से बनाए रखता है। इसमें प्रजनन से संबंधित समस्याओं का उपचार, परिवार नियोजन, और असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (ART) जैसी प्रक्रियाएं शामिल हैं।

आइए इसे विस्तार से समझते हैं:


1. Birth Control Methods (प्रजनन नियंत्रण विधियाँ)

प्रजनन नियंत्रण (Birth Control) का उद्देश्य अनचाहे गर्भधारण को रोकना है। इसके लिए कई प्रकार की विधियाँ उपलब्ध हैं, जो शारीरिक, हार्मोनल, और शल्य चिकित्सा आधारित हो सकती हैं।

प्रजनन नियंत्रण की मुख्य विधियाँ:

  1. Contraceptive Pills (गर्भ निरोधक गोलियाँ):
    • यह गोलियाँ महिला के शरीर में हार्मोनल परिवर्तन करती हैं, जिससे अंडाणु का निर्माण रुक जाता है और गर्भधारण की संभावना कम हो जाती है।
    • इन गोलियों में आमतौर पर एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन होते हैं।
  2. Condoms (कंडोम):
    • पुरुष और महिला दोनों के लिए उपलब्ध होते हैं।
    • कंडोम गर्भावस्था को रोकने के साथ-साथ यौन संचारित रोगों (STDs) से भी सुरक्षा प्रदान करते हैं।
  3. Intrauterine Device (IUD) (गर्भाशय में लगाने वाली यंत्र):
    • यह एक छोटा प्लास्टिक या तांबे का उपकरण है जिसे महिला के गर्भाशय में डाला जाता है।
    • यह अंडाणु और शुक्राणु को मिलकर निषेचन से रोकता है, और गर्भधारण को रोकता है।
  4. Implants (इम्प्लांट्स):
    • यह हार्मोनल कंट्रासेप्टिव्स होते हैं जो महिला के हाथ की त्वचा के नीचे डाले जाते हैं। ये लंबे समय तक प्रभावी रहते हैं और अंडाणु के निर्माण को रोकते हैं।
  5. Sterilization (स्थिरीकरण):
    • Male Sterilization (Vasectomy): इसमें पुरुष के शुक्रवाहिका (vas deferens) को काटकर जोड़ा जाता है, जिससे शुक्राणु वीर्य से बाहर नहीं आते।
    • Female Sterilization (Tubectomy): इसमें महिला के फैलोपियन ट्यूब को काटकर या बांधकर अंडाणु के गर्भाशय तक पहुँचने से रोका जाता है।
  6. Natural Methods (प्राकृतिक विधियाँ):
    • इसमें मासिक धर्म चक्र, बासल बॉडी टेम्परेचर (BBT), और गर्भधारण के लिए उपयुक्त समय की पहचान करके गर्भधारण से बचने के प्रयास किए जाते हैं। हालांकि, इन विधियों की सफलता दर अन्य विधियों की तुलना में कम होती है।
  7. Emergency Contraceptive Pills (आपातकालीन गर्भनिरोधक गोलियाँ):
    • यह गोलियाँ गर्भधारण के लिए जोखिमपूर्ण संबंध के बाद 72 घंटों के भीतर ली जाती हैं। ये गर्भधारण को रोकने में मदद करती हैं, लेकिन यह एक स्थायी उपाय नहीं हैं।

2. Infertility (बांझपन)

बांझपन वह स्थिति है जब एक जोड़ा एक वर्ष या उससे अधिक समय तक नियमित यौन संबंध बनाने के बावजूद गर्भधारण नहीं कर पाता। पुरुषों और महिलाओं दोनों में बांझपन हो सकता है और इसके कई कारण हो सकते हैं:

बांझपन के कारण:

  • पुरुषों में:
    • शुक्राणुओं की कमी या गुणवत्ता में कमी
    • शुक्राणु मार्ग में रुकावट
    • हार्मोनल असंतुलन
    • तनाव, शराब या धूम्रपान जैसी जीवनशैली समस्याएँ
  • महिलाओं में:
    • अंडाशय की समस्या (PCOS, पीरियड्स में अनियमितता)
    • फैलोपियन ट्यूब में रुकावट
    • गर्भाशय की असामान्यताएँ
    • हार्मोनल असंतुलन

Infertility Diagnosis (बांझपन का निदान):

बांझपन का निदान विभिन्न परीक्षणों के माध्यम से किया जाता है, जैसे:

  1. Semen Analysis (वीर्य परीक्षण): पुरुषों के शुक्राणु की संख्या और गुणवत्ता को मापता है।
  2. Hormonal Tests (हार्मोनल परीक्षण): महिला के हार्मोनल स्तर की जांच की जाती है।
  3. Ultrasound (अल्ट्रासाउंड): महिला के गर्भाशय और अंडाशय की स्थिति का निरीक्षण किया जाता है।

3. Assisted Reproductive Technologies (ART) (सहायिका प्रजनन तकनीक)

यदि पारंपरिक गर्भधारण संभव न हो, तो Assisted Reproductive Technologies (ART) का उपयोग किया जा सकता है। इन तकनीकों के माध्यम से जोड़ों को गर्भधारण में सहायता मिलती है।

मुख्य ART विधियाँ:

  1. In Vitro Fertilization (IVF) (इन विट्रो निषेचन):
    • इस प्रक्रिया में महिला के अंडाणु और पुरुष के शुक्राणु को लैब में मिलाया जाता है और निषेचन (fertilization) किया जाता है। फिर विकसित भ्रूण को महिला के गर्भाशय में इम्प्लांट किया जाता है।
    • IVF कई चरणों में होती है: अंडाणु उत्तेजना, अंडाणु निकालना, निषेचन, और भ्रूण का इम्प्लांटेशन।
  2. Intrauterine Insemination (IUI) (गर्भाशय में शुक्राणु डालना):
    • इस प्रक्रिया में पुरुष के शुक्राणु को सीधे महिला के गर्भाशय में डाला जाता है। यह तब किया जाता है जब शुक्राणु की संख्या कम हो या शुक्राणु को गर्भाशय में प्रवेश करने में परेशानी हो।
  3. Egg/Sperm Donation (अंडाणु/शुक्राणु दान):
    • यदि किसी कारणवश महिला या पुरुष के पास स्वस्थ अंडाणु या शुक्राणु नहीं होते, तो दान की गई सामग्री का उपयोग किया जाता है।
    • इसे IVF या IUI के साथ जोड़ा जा सकता है।
  4. Surrogacy (किराए की कोख):
    • यदि महिला का गर्भधारण करना संभव नहीं है, तो एक अन्य महिला (सरोगेट) महिला के अंडाणु और पुरुष के शुक्राणु से भ्रूण को अपने गर्भ में पालती है।

NEET Perspective Questions/Answers (NEET दृष्टिकोण से प्रश्न/उत्तर)

प्रश्न 1. प्रजनन नियंत्रण के प्रमुख तरीके कौन से हैं?

उत्तर:
प्रजनन नियंत्रण के प्रमुख तरीके निम्नलिखित हैं:

  1. गर्भनिरोधक गोलियाँ
  2. कंडोम
  3. गर्भाशय यंत्र (IUD)
  4. इम्प्लांट्स
  5. स्थिरीकरण (Vasectomy, Tubectomy)
  6. प्राकृतिक विधियाँ
  7. आपातकालीन गर्भनिरोधक गोलियाँ

प्रश्न 2. Assisted Reproductive Technologies (ART) क्या हैं?

उत्तर:
Assisted Reproductive Technologies (ART) का उपयोग तब किया जाता है जब प्राकृतिक गर्भधारण संभव नहीं हो पाता। मुख्य ART विधियाँ हैं:

  1. IVF (In Vitro Fertilization)
  2. IUI (Intrauterine Insemination)
  3. Egg/Sperm Donation
  4. Surrogacy (किराए की कोख)

प्रश्न 3. बांझपन के प्रमुख कारण क्या हैं?

उत्तर:
बांझपन के प्रमुख कारणों में शामिल हैं:

  1. पुरुषों में शुक्राणु की कमी या गुणवत्ता में कमी
  2. महिलाओं में अंडाशय या फैलोपियन ट्यूब की समस्या
  3. हार्मोनल असंतुलन
  4. जीवनशैली से जुड़ी समस्याएँ (जैसे धूम्रपान, शराब)

प्रश्न 4. IVF प्रक्रिया क्या है और यह कैसे काम करती है?

उत्तर:
IVF (In Vitro Fertilization) एक ART प्रक्रिया है जिसमें महिला के अंडाणु और पुरुष के शुक्राणु को लैब में मिलाकर निषेचन किया जाता है। फिर भ्रूण को महिला के गर्भाशय में इम्प्लांट किया जाता है। यह प्रक्रिया अंडाणु उत्तेजना, अंडाणु निकालना, निषेचन, और भ्रूण का इम्प्लांटेशन जैसे चरणों में होती है।

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