परिचय
दाँत का दर्द एक आम रोग है। आधुनिक चिकित्सा पद्धति में इसको टूथ-एच (Toothache) कहा जाता है। इसको ओडोन्टाल्जिया (Odontalgia) के नाम से भी जाना जाता है ।

रोग के प्रमुख कारण
यह रोग दाँत में सूजन, मसूड़ों की सूजन एवं पायरिया तथा दाँत की जड़ आदि की सूजन के कारण होता है। दाँतों के खराब होने, उनमें सुराख होने, कीड़ा लगने, दाँत पोला होने या उसमें गड्ढा बन जाने, मसूड़े फूलने या उनमें बादी का पानी भर जाने पर दंतशूल की उत्पत्ति होती है। दुर्घटना में मुँह में चोट लगने, दाँत टूट जाने, दाँत के भुरभुरा होने, मसूड़ों के गलने या उनमें पीव पड़ने, गर्म के साथ एकाएक ठंडा या ठंडे के बाद अचानक गर्म खाद्य पेय सेवन करने से दाँत में वेदना होने लगती है। पायरिया इस रोग का एक प्रमुख कारण है।

रोग के प्रमुख लक्षण
दाँत की पीड़ा में रोगी दर्द के मारे बिलबिलाने लगता है। यहाँ तक कुछ रोगी बच्चों की भाँति रोते बिलखते देखे जाते हैं। रोगी अपना जबड़ा नहीं हिला पाता। मुँह हिलते ही पीड़ा में वृद्धि होने लगती है, रोगी को नींद नहीं आती है जिसके कारण रोगी को मानसिक तनाव रहता है। दाँत की पीड़ा से रोगी सिर दर्द की भी शिकायत करता है। कभी-कभी हरारत के लक्षण भी देखने को मिलते हैं।

तीव्र दंतशूल में रोगी के चेहरे पर लालिमा के लक्षण उभर आते हैं। दाँत में रह-रहकर पीड़ा के वेग उठना ही इसका प्रधान लक्षण है।
