RING WORM/FUNGAL INFECTION-दाद

जानिए Fungal infection क्या है   

 Fungal infection जिसमें गोल गुलाबी रंग के चकत्ते, जिनकी परिधि सीमित होती है. बन जाते हैं। यह सिर, दाढ़ी, शरीर पर, हाथ-पैर, नाखून या जाँघों में होते हैं। इसको टीनिया, ट्राइकोफाइटिसिस त्वचा का रोग भी कहते हैं। टीनिया संक्रमण (Tiniasis) या दिनाय (Ringworm infection) भी इसी का नाम है। यह त्वचा का सामान्य रोग है।

Fungal infection

Types of Fungal infetion

1. टीनिया केपेटिस- यह सिर में पाया जाने वाला दाद है (अधिकतर बच्चों में)। जिसमें रिंग वाले दाने व कभी-कभी गोल घेरे में गंजापन होता है।

Fungal infection

2. टीनिया बारबी- यह पुरुषों की डाढ़ी का संक्रमण है। यह नाई से डाढी बनवाने के समय इन्फैक्शन से हो जाता है। इसमें गाल पर गोल चकत्ते, कभी-कभी बैक्टीरियल इन्फैक्शन से मवाद वाले दाने भी हो जाते हैं।

Fungal infection

3. टीनिया कारपोरीस ऐसा दाद गर्दन, शरीर तथा भुजाओं पर होता है। चकत्ते रिंग के आकार के एक या अनेक होते है। खुजली और किनारों पर पानी वाले दाने होते हैं।

Fungal infection

4. टीनिया क्रूरिस- यह संक्रमण जनन अग गुदा के चारों ओर व जंघाओं में होता है। यह अधिकतर जाँघ से प्रारम्भ होकर पैरो के अन्दर वाली सतह पर तथा ऊपर प्यूबिक एरिया में भी हो जाता है। लगातार रगड़ खाने से और जगह के नर्म रहने से यह रोग हो जाता है।

Fungal infection

5. टीनिया मेनस-यह हाथ में होने वाला संक्रमण है। इसमें जगह मोटी हो जाती है। हथेली या अँगुलियों के किनारों पर मोटी तह वाले दाने निकल आते हैं।

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6. टीनिया पेडिस- यह जूते पहनने वाले लोगों में होता है। क्योंकि हवा न जाने से वह जगह नम बनी रहती है और तलुए पर लाल चकत्ते हो जाते हैं।

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7. टीनिया पूनजियम – यह नाखूनों में होने वाला दाद है। नाखून सफेद पडकर टेढ़े-मेढ़े व जल्दी टूटने लगते हैं। 

Fungal infection

 Causes of Fungal infection

Fungal infection रोग डर्मोफाइट जाति के कई टीनियों (फंगस) द्वारा होता है। टीनिया क्रूरिस सघन क्षेत्रों तथा जाँघों के भीतरी भागों को अक्रान्त करता है। शीर्ष का दाद, टीनिया मायोलेसियम नामक फंगस के कारण होता है। पैर का दाद, फंगस इ. फलोकोसम द्वारा होता है। नखों का दाद टीनिया रूब्रम नामक फंगस के द्वारा होता है।

यदि नियमित रूप से सफाई का ध्यान न रखा जाये तो फंगस जल्दी बढ़ती है। यह एक छूत की बीमारी है। इसलिये किसी रोगी के सम्पर्क में आने से भी हो सकता है। 

Meaning of fungal infection

पहले त्वचा पर कुछ छोटे-छोटे दाने होते हैं जिनमें थोड़ा द्रव भी रहता है। दानों के ऊपर पपड़ी जमती है और उनके चारों ओर नये दाने निकल कर एक रिंग सा बना लेते हैं। रिंग बाहर को उभरी हुई होती है। यह शरीर के एक भाग या अनेक स्थान पर हो सकते है। शरीर के जिस भाग में यह रोग फैलता है उसी के अनुसार उसको नाम दिया जाता है।

रोग की पहचान

दाद कई प्रकार के होते हैं। मटर के दाने से लेकर हथेली जितने (चक्राकार, कभी-कभी अण्डाकार) होते हैं। दाद का स्थान शोथयुक्त और उभरा हुआ होने से पहचानने में सरलता होती है। निदान की पुष्टि के लिये, विक्षतियों से लिये गये खरोंचों (Scrapping) को 10% पोटेशियम हाइड्रोक्साइड के जलीय घोल में एक काँच के स्लाइड पर 30 मिनट तक काँच के ढक्कन (Coverslip) ढककर रखने के बाद माइक्रोस्कोप से जाँच करनी पड़ती है। इसमें माइसेलिया के धागे शाखाओं, प्रशाखाओं में फैले दिखाई देते हैं।

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