REGURGITATION-दूध डालना

What is regurgitation

कोई-कोई शिशु प्रसव के 2-3 दिन बाद से दूध पीने के तुरन्त बाद दूध पलट देते हैं। इस विकृति को दूध डालना (Regurgitation) कहते हैं l

regurgitation

Causes 0f regurgitation

कुछ बच्चे प्रसव के लगभग एक सप्ताह 10 दिनों बाद दूध पलटना शुरू करते हैं जो प्रायः आमाशय के पाइलोरिक वाल्व की संकीर्णता के कारण होता है। आमाशय के पाइलोरिक वाल्व की यह संकीर्णता इसकी अतिवृद्धि (हाइपरट्रोफी) के कारण भी हो सकती है। अपच के कारण भी बच्चे दूध डाल सकते हैं। किसी-किसी में ग्रास-नलिका शोथ (Oesophagitis) के कारण भी ऐसा हो सकता है। आँतों की रुकावट में भी ऐसा होता है।

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Symptoms of regurgitation

इस विकार में कोई-कोई नवजात शिशु प्रसव के 2-3 दिन बाद से दूध पीने के तुरन्त बाद दूध पलट देते हैं। कभी-कभी वमन का वेग इस तीव्रता से हो सकता है कि मुँह के साथ-साथ शिशु की नाक से भी दूध बाहर पिचकारीनुमा निकल सकता है। कुछ बच्चे प्रसव के लगभग एक सप्ताह 10 दिनों बाद दूध पलटना शुरू करते हैं। अपच के कारण ज्यों ही दूध पेट में पहुँचता है तुरन्त ही उल्टी हो जाती है।

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नोट

किसी-किसी में ग्रास नलिका शोथ (Oesophagitis) के कारण दूध ग्रास नलिका से नीचे आमाशय में जाने ही नहीं पाता और पलट कर नासा-छिद्रों तथा मुख द्वारा बाहर निकल आता है। कुछ को जब अधिक मात्रा में दूध पिला दिया जाता है या दूध पिलाने की विधि में कोई दोष हो ।

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[Note: कृपया डॉक्टर की सलाह, निदान और इलाज के लिए हमें संपर्क करें।]

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