जनिये आजकल Psoriasis की बीमारी इतनी आम क्यों है
Psoriasis एक आम त्वचा (Skin) रोग है जो त्वचा की कोशिकाओं के असामान्य तेजी से बढ़ने की वजह से होता है। इस स्थिति में, Skin की सतह पर सिल्वरी-सफेद पपड़ीदार परतें बन जाती हैं, जो अक्सर लाल, सूजन वाले, और खुजलीदार होते हैं। Psoriasis विशेष रूप से घुटनों, कोहनी, खोपड़ी, और निचले हिस्से में अधिक प्रचलित होता है, लेकिन यह किसी भी त्वचा क्षेत्र पर प्रभाव डाल सकता है।

Causes of Psoriasis
1. लाल पैचेस: त्वचा पर लाल चकत्ते जिन पर सफेद या चांदी के रंग की मोटी परतें होती हैं।
2. ड्राई स्किन: त्वचा सूखी, फटी हुई हो सकती है जो कभी-कभी खून बहने लगता है।
3. खुजली और जलन: प्रभावित क्षेत्रों में खुजली और जलन महसूस होना।
4. नाखूनों में परिवर्तन: नाखून मोटे, उखड़ सकते हैं या उनमें धब्बे बन सकते हैं।
5. सूजन जोड़: कुछ मामलों में, सोराइसिस से प्रभावित व्यक्तियों को पसोरियाटिक आर्थ्राइटिस भी हो सकता है जिससे जोड़ों में दर्द और सूजन होती है।

Symptoms of Psoriasis
सोराइसिस का सटीक कारण अभी तक पूरी तरह से समझा नहीं गया है, लेकिन इसे ऑटोइम्यून डिसऑर्डर माना जाता है। इसमें प्रतिरक्षा प्रणाली त्वचा कोशिकाओं के तेजी से निर्माण को प्रेरित करती है। आनुवांशिक कारक भी इसकी प्रवृत्ति में योगदान देते हैं।
Psoriasis के साथ सन्धि शोथ का अक्सर जुड़ा होना, इस बात की पुष्टि करता है। तीव्र संक्रमण, सिर पर आघात या मानसिक, तनाव इस रोग को आमंत्रित करने में सहायक होते हैं। आयुर्वेद में इसका मुख्य कारण त्रिदोषों अर्थात् वात, पित्त, कफ का विकृत होना बताया गया है। जब कोई भी मनुष्य देश, काल, आयु का विचार किये बिना मिथ्या आहार-विहार करता है तो त्रिदोष कुपित होकर सोरियासिस रोग की उत्पत्ति करते हैं


रोग की पहचान
शरीर के घुटने, कोहनी आदि स्थानों पर कई लाल रंग के उभरे चकत्ते (धब्बे) होना, इनके ऊपर से चाँदी के समान श्वेत रंग के छिलके उतरना तथा इनमें कोई स्राव नहीं होना आदि लक्षणों से इसे सरलतापूर्वक पहचाना जा सकता है।
रोग का परिणाम
यह एक बार अच्छा होकर फिर नये सिरे से हो जाता है और बार-बार हुआ करता है। पर इससे स्वास्थ्य की कोई विशेष हानि नहीं होती ।
Psoriasis treatment
सोराइसिस का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन विभिन्न उपचार इसके लक्षणों को प्रबंधित करने और राहत प्रदान करने में मदद कर सकते हैं। उपचार में शामिल हैं टॉपिकल क्रीम्स, फोटोथेरेपी, और सिस्टमिक दवाएँ। इन उपचारों का उद्देश्य सूजन को कम करना और त्वचा कोशिकाओं की वृद्धि को नियंत्रित करना है। जीवनशैली में बदलाव, जैसे कि स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम और तनाव प्रबंधन, भी सोराइसिस के प्रबंधन में महत्वपूर्ण हो सकते हैं।
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