मोटापा क्या है?
ज्यादा वसा संचित होने के कारण शारीरिक वजन बढ़ने की स्थिति को मोटापा कहते हैं। अर्थात् मापदण्डों के आधार पर मोटापा तब होता है जब शरीर का वजन व्यक्ति की उम्र, लिंग एवं जाति के प्रामाणिक वजन से 20 प्रतिशत अधिक हो।

Causes of Obesity
मोटापा के 3 प्रमुख कारण हैं-
1. ज्यादा खाना ।
2. आनुवांशिक प्रवृत्ति ।
3. अन्तःस्रावी ग्रन्थियों का प्रभाव ।
1. ज्यादा खाना (Over eating ) – 90% व्यक्तियों में अधिक खाना ही मोटापा का कारण होता है। अधिक खाया गया खाना जो ऊतकों की मरम्मत, शारीरिक परिश्रम एवं जीवनदायनी क्रियाओं को कायम रखने में हुए खर्च से अधिक होता है। वह वसा के रूप में संचित होने लगता है (विशेषकर जब व्यक्ति को शारीरिक परिश्रम कम करना पड़ रहा हो)।
2. आनुवांशिक प्रवृत्ति-मोटा होने की प्रवृत्ति पीढ़ी दर पीढ़ी चलती है। मोटे माँ-बाप के बेटे-बेटियाँ भी मोटे होते हैं।
3. अन्तःस्रावी ग्रन्थियों का प्रभाव – जिन अन्तःस्रावी व्याधियों में मोटापा होता है। वे हैं, जैसे- थाइरॉइड अल्पता, जनन ग्रन्थि अल्पता एवं कुशिंग संलक्षण ।

Symptoms of Obesity
शुरू में कोई दिक्कत नहीं होती सिवाय इसके कि मोटापा के कारण शरीर भददा दिखता है, लेकिन धीरे-धीरे शारीरिक गतिविधियाँ कम होने लगती हैं जो स्वास्थ्य के लिये हानिकर हैं। मोटे व्यक्तियों की जीवन की मियाद सामान्य व्यक्ति से अपेक्षाकृत कम होती है।
Note एक मोटे व्यक्ति में अतिरिक्त वसा होने के कारण उसके ऊतकों में रक्त पहुँचाने के लिये अधिक रक्त नलिकाओं की आवश्यकता पड़ती है। इसके फलस्वरूप हृदय पर अधिक भार पड़ता है और हृदय निकास बढ़ जाता है। मोटे व्यक्तियों में रक्तभार बढ़ जाता है तथा Left ventricular hypertrophy होना निश्चित हो जाता है। रक्त में ‘कोलेस्टेरॉल’ तथा ‘ट्राइग्लिसराइड’ दोनों प्रकार के लिपिडों की मात्रा बढ़ जाती है जिससे धमनी काठिन्य होने की सम्भावना होती है। मोटे व्यक्तियों में मधुमेह होने की चार गुना सम्भावना अधिक रहती है। इसके अतिरिक्त मोटे व्यक्तियों में वृक्कशोथ, पित्ताशय में पथरी, चपटे पैर, अस्थि सन्धि गाउट (गठिया), शोथ, हार्निया, क्रानिक ब्रोन्काइटिस, इम्फीसीमा, त्वचा का मोटा होना तथा पसीना की अधिकता से त्वचा संक्रमण आदि की आशंका रहती है।
मोटे व्यक्ति गर्मी बरदास्त नहीं कर पाते हैं। मोटे व्यक्ति को नींद अधिक आती है। उसे थोड़े परिश्रम के बाद ही श्वास कष्ट होने लगता है। बहुत मोटे व्यक्तियों में एक ऐसी स्थिति आती है कि उनमें पल्मोनरी हाइपरटेन्शन तथा दायाँ हृदयपात होने की सम्भावना होती है।
# सामान्यतः मोटापा महिलाओं में अधिक होता है। धनी वर्ग के लोगों में मोटापा अधिक होता है क्योंकि उन्हें खाने की कमी नहीं होती और शारीरिक परिश्रम नहीं करना पड़ता। हमारे देश में मोटापा अधिकतर शहरी क्षेत्र में धनी वर्ग के लोगों तक ही सीमित है।
