NEPY RASH- नैपी रैश

परिचय

इसको नैपकिन रैश, डायपर रैश (Diaper Rash) आदि नामों से भी जाना जाता है। जहाँ पर बच्चे को डायपर यानि लँगोटी (कच्छा) पहनाई जाती है उस जगह का लाल होना नैपी रैश कहलाता है। यह छोटे बच्चों में सामान्यतः पाया जाने वाला रोग है।

Nappy rash

Causes

यह अधिकतर लंगोटी को धोने वाले साबुन से या त्वचा रोग से पीड़ित व्यक्ति के कपड़ों से फैल जाता है। एमोनिया, एलर्जी एवं संक्रमण भी इसके कारण हैं। लगभग सभी बच्चों में नैपी रैश हो जाता है। यह नमी, मूत्र व कच्छ / नेपकिन्स के कपड़ों में मिले रसायनों के कारण होते हैं। यह अधिकतर लंगोटी को धाने वाले साबुन से या त्वचा रोग तथा विभिन्न प्रकार के डिटरजेन्टों, प्लास्टिक या रबड़ की पैंट यदि सूती कच्छे के ऊपर पहनाई गई है तब भी कई बार एलर्जी के कारण रोग हो जाता है।

Nappy rash

Symptoms

यह रोग कूल्हों पर, स्कोटल सेक, जौंधी की भीतरी तरफ आदि पर पाया जाता है। इसमें संक्रमण के कारण त्वचा लाल हो जाती है एवं छोटे छोटे पानी वाले दाने हो जाते हैं। साधारण प्रकार की नैपी रेश में त्वचा खुरदरी, लाल व परतदार मालूम होती है। जिस-जिस स्थान पर कच्छे का त्वचा से सम्पर्क रहता है उन स्थानों पर दाने उभर आते हैं। आजकल डिस्पोजेबल नैपीज बच्चे को पहनाई जाती है। कई बार इनको बनाने में इस्तेमाल हुए रसायनों के कारण भी त्वचा में दाने उमर आते हैं।

कई बार पेशाब में निकले अमोनिया के कारण भी दाने उभर आते हैं, यह तब होता है जब बच्चे के मूत्र में भीगे कच्छे/ जाँघिया को लम्बे समय तक बदला न जाये। बच्चे की लैंगोटी में इलास्टिक लगा होने से उसके साथ-साथ एक लाल रंग का बैण्ड सा बन जाता है। बार-बार दस्त होने से बच्चे के मलद्वार पर ललाई आ जाती है और खुजलाहट होती है। कई बार छोटे-छोटे लाल दाने सारे शरीर पर भी निकल आते हैं।

Nappy rash
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