गलसुआ क्या है?
Mumps एक तेज छूत की बीमारी है। इसके लार-सम्बन्धी तथा कनपटी के पास की गिल्टियों में सूजन उत्पन्न हो जाती है। इसके जीवाणुओं के कारण पुष्पों के अण्डकोष और स्त्रियों के स्तन में भी सूजन उत्पन्न हो सकती है।

Causes of Mumps
यह रोग एक प्रकार के छाने जा सकने वाले अत्यन्त सूक्ष्म वायरस जीवाणुओं के कारण होता है। इसका अन्तर्विकास काल 20 दिन से 30 दिन तक होता है। प्रथम सप्ताह में यह अत्यन्त संक्रामक होता है। इसके जीवाणु थूक में पाये जाते हैं। इसकी छूत बिन्दु-संक्रमण (Droplet-infection), सम्पर्क और दूषित कपड़ों तथा बर्तनों के द्वारा फैलती है। मम्स मुख्यतया 5 से 15 वर्ष की उम्र वाले बालकों और किशोर वयस्कों में भी होता है। महामारी मुख्यतः स्कूल तथा संस्थानों में होती
Symptoms of Mumps
कुछ मामलों में Mumps बीमारी का आरम्भिक चिन्ह चेहरे की सूजन है। पहले एक कान के नीचे की गिल्टी में सूजन उत्पन्न होती है। रोगी गला और कल्ले में कड़ापन और दर्द अनुभव करता है। शरीर का तापमान 101 फा० से 102 फा० तक हो जाता है। तीसरे या चौथे दिन ज्वर छूट जाता है। यह दबाने पर लचीला और मुलायम तो मालूम पड़ता है, परन्तु घटता-बढ़ता नहीं। कुछ समय के बाद कान के दूसरी ओर भी इसी तरह की सूजन उत्पन्न हो जाती है। कुछ चबाने पर घोंटने में दर्द मालूम पड़ता है। जीभ रूखड़ी और श्वास बदबूदार हो जाती है। इन गिल्टियों में शायद ही मवाद भरता हो। पुरुषों के अण्डकोष का फूलना अथवा औरतों के स्तन में सूजन इत्यादि सम्बन्धित अन्य विकार सम्भव हैं। ग्रन्थियों की सूजन प्रायः 7 से 10 दिन के अंदर समाप्त हो जाती है। कुछ ही दिनों में जब ग्रन्थियों की सूजन समाप्त होने लगती है तो तापक्रम भी कम हो जाता है।

नोट
इस रोग के दैहिक लक्षण (जैसे- सिर दर्द, गले में दर्द, ज्वर तथा बेचैनी ग्रन्थियों में सूजन होने के कुछ दिन पहले से ही हुआ करते हैं। 70% केसों में दोनों तरफ की ग्रन्थियाँ अक्रान्त होती हैं। मुँह खोलने में दिक्कत होती है।
रोग की पहचान
निदान लक्षण-चिन्हों के आधार पर किया जाता है। इसके एण्टीबॉडी की पहचान की जा सकती है तथा वायरस को लार या मस्तिष्क मेरुतरल (मस्तिष्कावरण शोथ होने पर) सम्वर्धन करके निकाला जा सकता है। रोग के बहुत तीव्र आक्रमण में ग्रीवा पर हार्स-शू आकार का शोथ देखा जाता है। रोग निर्णय के लिये लालास्राव (Saliva) का कल्चर करना होता है।

रोग का परिणाम
इस व्याधि के उपद्रव काफी महत्वपूर्ण होते हैं. जिनमें कुछ अति गम्भीर या घातक भी हो सकते हैं।
1. वृषणशोथ (Orchitis) सबसे अधिक होने वाला उपद्रव है और अधिकतर वयस्कों में होता है। एक या दोनों वृषणों में सूजन होती है।
2. पैन्क्रियाजशोथ अचानक उदर के ऊपरी भाग में दर्द, तीव्र ज्वर एवं उल्टी होती है l
3. स्तनशोथ।
4. 6% रोगियों में मस्तिष्कावरण शोथ का उपद्रव होती है.
