1.HEADACHE (सिर दर्द)

परिचय

– सिर दर्द सम्भवतः मनुष्य की सबसे सामान्य रुग्ण स्थिति होती है। सिर दर्द अधिकांश केसों में एक अल्पकालीन क्रियात्मक (Functional) रुग्ण स्थिति के रूप में होता है। (95 प्रतिशत) और मात्र कुछ केसों में ही (5 प्रतिशत) इसका कारण कुछ गम्भीर होता है।

Causes

सिर दर्द का प्रमुख कारण कब्ज है। पेट के रोग विशेषकर अजीर्ण रोग, अग्निमांद्य, ‘मंदाग्नि, अफारा आदि के कारण भी सिर दर्द बना रहता है। मानसिक एवं शारीरिक थकावट से भी यह परेशानी उत्पन्न हो सकती है। मानसिक तनाव सिर दर्द का सबसे बड़ा कारण होता है। आँखों में दृष्टिदोष के कारण भी सिर दर्द होता है। अति रक्तदाब में भी सिर दर्द होता है।

सिर में आघात लगने के कारण (भीतरी चोट के कारण) या अधोतनिका में हीमेटोना होने के कारण होता है। मस्तिष्क में कोई जगह छेंकने वाली विक्षति होने पर सिर दर्द एक प्रमुख लक्षण होता है। माइग्रेन का दर्द अधिकतर पढ़ी-लिखी, भावुक महत्वाकांक्षी एवं कामकाजी महिलाओं में होता है। खाने-पीने की एलर्जी से भी सिर दर्द होता है। इसके अतिरिक्त संक्रामक रोगों, मस्तिष्क में घाव, फोड़े, अर्बुद होना, गुर्दा रोग, E. N. T. रोगों, मासिक धर्म के समय कष्ट, रजोनिवृत काल एवं गर्भावस्था के कारण भी सिर दर्द होता है।

symptoms

तनावी सिर दर्द माथे में एक जकड़न या दबाव जैसा मालूम पड़ता है। यह कुछ देर तक ही ठहरता है। थोड़ा सुस्ती या अवसाद की स्थिति बनी रहती है तथा समुचित नींद नहीं हो पाती है। बालों में कंघी करने पर दर्द होता है। ऐसा सिर दर्द अक्सर शाम को, दिनभर काम करने के बाद होता है। ‘अर्धक- पारी की शुरूआत अक्सर दृष्टि या संवेदी पूर्वाभास के साथ होती है और उल्टी के साथ खत्म होती है। इसके दौरे वयस्क होने पर शुरू होते हैं और अधेड़ावस्था तक चलते रहते हैं। गुच्छी (Cluster) सिर दर्द युवा पुरुषों में होता है।

ऐसा सिर दर्द एकतरफा, तेज और क्षणकालिक (20 से 60 मिनट तक रहने वाला)। ऐसा दौर दिन में कई बार होता है। दर्द आँखों के पास, कपाल के अग्रभाग में होता है और पूरे चेहरे या गर्दन पर फैल जाता है। तीव्र दर्द के साथ-साथ चेहरा और आँखें लाल हो उठती हैं। नाक बन्द हो जाती न है और पानी चलने लगता है। मस्तिष्क में यदि अर्बुद (ट्यूमर) आदि हो तो रोगी को प्रातःकाल अक्सर सिर दर्द होता है। भयंकर स्वरूप के सिर दर्द में रोगी का चेहरा विकृत हो जाता है और ऐसा मालूम होता है कि सिर फटकर टुकड़े-टुकड़े हो जायेगा।

नोट-

पेट की गैस, स्नायु दुर्बलता तथा रक्तभार के रोगी को चौबीसों घण्टे (रात-दिन) ही सिर दर्द बना रहता है।

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