GAS TROUBLE – गैस की तकलीफ: 7 Proven & Effective Remedies for Fast Relief

रोग का परिचय

Gas Troubles

GAS TROUBLE पाचन तंत्र में भोजन के पाचन क्रिया के समय अनेक प्रकार के ‘पाचक रस उसमें मिलते हैं। इन रसों के मिलने से भोजन के तत्वों में अनेक प्रकार की ‘प्रतिक्रिया’ (Reaction) होती है। इन प्रतिक्रियाओं के फलस्वरूप एक निश्चित मात्रा में वायु उत्पन्न होती है जिसे ‘आन्त्र वायु’ या ‘पेट की गैस’ कहते हैं। आमतौर पर यह गैस मल के साथ ही बाहर निकल जाती है। किन्तु यदि कब्ज हो तो यह गैस छोटी आँतों और बड़ी आँतों में जमा हो जाती है और आँतों की दीवारों पर दबाव डालती है।

गैस की तकलीफ कोई स्वतन्त्र रोग नहीं है, किन्तु पाचन संस्थान की कमजोरी से उत्पन्न होने वाली स्थिति का एक लक्षण है। गुरुतर भोजनों के आन्त्र में विदग्ध होने से गैस उत्पन्न होती है, जो अपान वायु और डकार के साथ बाहर निकलती है।

रोग के प्रमुख कारण

1. भोजन को ठीक से चबाये बिना ही निगल जाना (अपाचित आहार)।

2. भूख से कहीं अधिक भोजन करना। 3. गरिष्ठ आहार का खूब पेट भर खाना।

4. खाने के समय ज्यादा हवा का निगलना।

5. खाने के समय ढेर सारा पानी या पेय

लेते रहने से।

6. मन्दाग्नि एवं अपच । 

7. बड़ी आँत्र की शोथ की स्थिति में।

8. चटपटे नमकीन पदार्थ अधिक लेते रहने से गैस का निर्माण अधिक होता है।

9. दालों में प्रोटीन अधिक होता है। इनको अधिक लेने से गैस पैदा होती है। 

10. वायु प्रधान भोजन अधिक लेने से।

11. रूखा आहार सेवन करने से।

 12. छौंक रहित आहार के सेवन से।

13. अकर्मण्य जीवन व्यतीत करने से।

14. स्थूलता भी एक गैस उत्पादक कारण है। 15. रहन-सहन के बहुत ही अव्यवस्थितnरहने एवं पर्याप्त निद्रा के अभाव में। 

16. टिफिन या लंच बॉक्स का भोजन करने से।

17. शाम और दोपहर के भोजन के बाद कुछ घूमना- टहलना एवं विश्राम के अभाव में।

18. मानसिक तनाव ।

रोग के प्रमुख लक्षण

Gastric-Problems-Symptoms

GAS TROUBLE की तकलीफ में मुख्य लक्षण इस प्रकार होते हैं-

1. अधिक मात्रा में अपान वायु का निकलना 

2. अधिक डकारों का आना।

3. हिचकी आना 

4. गैस के अधिक भरने से पेट फूल जाता है।

5. गैस अवरोध के प्रभाव से हृदय की धड़कन का बढ़ना, साँस लेने में रुकावट एवं कठिनाई से साँस लेना।

6. आमाशय की वायु प्रकोप से हृदय, नाभि, पार्श्व एवं उदर में पीड़ा होती है। 

7. वमन, प्यास एवं कंठ तथा मुँह के अनेक रोग । 

8. पेट और छाती में जलन, बेचैनी. घबराहट आदि उपद्रवों का जन्म होता है। 

9. अनिद्रा / नींद न आना।

10. गैस महिलाओं में बाँझपन का कारण भी है।

11. भोजन के बाद पेट भारी हो जाता है।

12. कभी-कभी गैस के कारण हाथ-पैर में स्फुरण होता है।

13. कभी-कभी रोगी को एकाएक सर्दी हो जाती है और अत्यधिक छींकें आने लगती हैं।

14. मुँह से लार टपकना, मुँह में बार-बार थूक आना, मुँह में पानी आना, मुँह का बेजायका बना रहना, छाले पड़ना आदि गैस के कारण ही होता है।

Gastritis Symptoms

Note

यदि मल GAS TROUBLE में अपाचित अवस्था में पड़ा रहे और उसका समय पर शरीर से बाहर निष्कासन न हो तो वह सड़ता रहता है और उससे गैस बनती है। यह गैस नीचे से होकर निकलती है। यदि गैस अधिक मात्रा में हो और वह पर्याप्त मात्रा में नीचे से बाहर न निकल पाये तो वह ऊपर की ओर चढ़ती है अथवा नीचे का मार्ग चिकने मल से अवरुद्ध होने की स्थिति में यदि गैस नीचे से न निकल पाये तो वह भी ऊपर की ओर चढ़ने लगती है। इस प्रकार ऊपर बढ़ी हुई गैस जिन-जिन अंगों में पहुँचती है, वहाँ-वहाँ अपना असर दिखाती है।

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