What is conjunctivitis
Conjunctivitis (आंखें दुखना/आंखें आना) एक सामान्य नेत्र रोग है, जिसे आमतौर पर “पिंक आई” भी कहा जाता है। यह आंख के सफेद हिस्से और पलकों की अंदरूनी सतह को ढकने वाली झिल्ली (कंजंक्टिवा) की सूजन या संक्रमण है।यह एक तरह का छुतहा विकार है, जिसमें नेत्र श्लेष्मिका में सूजन आ जाती। है एवं सफेद झिल्ली लाल हो जाती है।

Types of conjunctivitis
Causes of conjunctivitis
कोई रासायनिक, बाह्य वस्तु या जीवाणु का नेत्र श्लेष्मकला में प्रवेश। खून द्वारा एलर्जी के परिणामस्वरूप/ठंड लगना, आँख में चोट, आँखों में धूल-कण जाना, कई चर्म रोग फैल कर आँख का अक्रान्त हो जाना, धूप, ओस, ठंडी हवा, धुआँ, खसरा, चेचक एवं सुजाक, एक मनुष्य अक्रान्त होने पर उसके व्यवहार में आई वस्तुओं का उपयोग करना या दुखती आँख का स्राव लगना आदि कारणों से यह रोग होता है । रोग की उग्रता बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करती है कि रोग किस रोगाणु (Bacteria) से हुआ है। प्रायः किसी किस्म का वायरस या बैक्टीरिया ही इसके लिये जिम्मेदार होता है, जिसकी उग्रता तथा रोगी को मिले उपचार से रोग की गम्भीरता तय होती है।

Symptoms of conjunctivitis
कंजक्टिवाइटिस की शुरूआत अचानक होती है। बिलकुल शुरू में एक या दोनों आँखों में जलन होती है और फिर किरकिरापन महसूस होता है। आँखें सुर्ख लाल गुलाबी हो जाती हैं। पलकों में सूजन आ जाती है। आँखों से पानी की बाढ़ लग जाती है या मवाद या कीचड़ आने लगता है इससे पलकों के बाल आपस में चिपक जाते हैं एवं उन पर गंदगी जम जाती है। आँखें खोल पाना भी इसीलिये मुश्किल हो जाता है। अगर सूजन अधिक हो तो आँख दर्द भी करने लगती हैं। आँख में खुजली होती है और पढ़ पाना या तेज रोशनी में देख पाना मुश्किल हो जाता है। रोग अधिक उम्र हो तो नेत्र श्लेष्मिका की सूक्ष्म रक्तनाड़ियों से रक्तस्त्राव भी हो सकता है। इस खून के साफ होने में कई दिन लग जाते हैं।
अधिकतर मामलों में रोग का प्रकोप चौथे-पाँचवें दिन से घटने लगता है। अधिक गम्भीर स्थिति 7वें 10वें दिन से आती है। इसमें स्वच्छ मंडल की सतह पर छोटे-छोटे जख्म हो जाते हैं। लापरवाही से सफेदी ऊपर आकर आँख की दृष्टि जा सकती है है

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