CONGESTIVE CARDIAC FAILURE (C.C.F.)-कन्जेस्टिव कार्डियक फेल्योर

यह हृदय की एक ऐसी असामान्य (Abnormal) स्थिति है जिसमें हृदय की माँसपेशी पूरी तरह से संकुचित नहीं हो पाती, जिससे शरीर में रक्त प्रवाह (Blood circulation) के कम होने से उसकी उपापचय (मेटाबोलिक) जरूरत पूरी नहीं हो पाती। यह एक हानिकारक आपातकालीन स्थिति है। इसे सामान्य बोलचाल में दिल का फेल होना (C.H.F.) भी कहते हैं।

Congestive Cardiac Failure (C.C.F.)

Congestive Cardiac Failure (C.C.F.) Causes  

यह मुख्य रूप से 3 कारणों से हो सकता है- 

1. मायोकार्डियल आरटरी डिजीज (70%)। 

2. रक्त के दबाव के बढ़ने पर । 

3. रक्त की मात्रा (Volume) के बढ़ने पर । 

Congestive Cardiac Failure (C.C.F.)

अन्य कारण भी हो सकते हैं- 

1. रियूमेटिक हार्ट डिसीज । 

2.मायोकार्डियल इन्फार्शन । 

3. पल्मोनरी इम्बोलिज्म । 

5. मायोकार्डाइटिस। 

6. अनीमिया/रक्ताल्पता । 

7. थायरोटॉक्सीकोसिस । 

8. कोरपल्मोनेल । 

9. गर्भावस्था । 

10. फ्लूड ओवर लोड। 

11. अत्यधिक रक्तस्राव । 

12. औषधि का अत्यधिक प्रयोग । 

13. डिजीटेलिस का भली प्रकार प्रयोग न करने से (अधिक मात्रा खतरनाक होती है)। 

14. इन्फेक्शन/संक्रमण ।

Congestive Cardiac Failure (C.C.F.)

Congestive Cardiac Failure (C.C.F.) Symptoms

 इस रोग में रोगी को साँस लेने में तकलीफ होती है। साँस देर-देर में लेने पर रोगी मजबूर होता है। साधारण प्रकार की नीलिमा तथा नाड़ी की गति तीव्र होती है। कभी-कभी नाड़ी असंतुलित हो जाती है। दाहिनी ओर के हृदय की विफलता के कारण गर्दन की जुगलर शिराओं में रक्त का दबाव बढ़ जाता है। यकृत के स्थान पर दुखन और वृद्धि मिलती है। पैरों में सूजन एवं अंगुली से दबाने में पर गड्ढा पड़ जाता है। हृदय की धड़कन में बदलाव आ जाता है। रोगी को रात में कई बार पेशाब के लिये जाना पड़ता है। रोगी को कई बार रात को सोते हुए उठना पड़ता है। उसको एकदम गले में कुछ अटका हुआ व छाती जकड़ी हुई प्रतीत होती है। वह उठ कर लम्बी-लम्बी साँस लेता है। रोग के पुराने होने पर सारे शरीर में सूजन आ जाती है।

Congestive Cardiac Failure (C.C.F.)

रोग की पहचान 

इस रोग को निम्न लक्षणों तथा चिन्हों के आधार पर आसानी से पहचाना जा सकता है- 1. श्रमजन्य श्वास कष्ट, यह अक्सर बढ़ते-बढ़ते इतना हो जाता है कि रोगी को बैठे या खड़े होने की स्थिति में साँस लेने में कष्ट होता है।

Congestive Cardiac Failure (C.C.F.)

रोग का परिणाम 

इस रोग में किन्हीं कारणों से दाहिना निलय (R.V.) कार्य नहीं करता तो बायाँ भी क्रियाहीन होकर हत्स्तम्भ हो जाता है। यदि समय पर रोगी की चिकित्सा न हो तो मरीज ‘कार्डियोजेनिक शॉक’ में चला जाता है। इस रोग में तीव्र रीनल फेल्योर की भी संभावना रहती है।

Congestive Cardiac Failure (C.C.F.)

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