What is cataract
Cataract (मोतियाबिन्द) आंखों की एक सामान्य बीमारी है जिसमें आंख के लेंस का धुंधला हो जाना होता है। आम तौर पर यह समस्या उम्र बढ़ने के साथ होती है और इससे दृष्टि में कमी आती है। लेंस का काम होता है प्रकाश को आंख के पीछे के हिस्से में स्थित रेटिना पर फोकस करना, जिससे हमें स्पष्ट दृष्टि प्राप्त होती है। जब यह लेंस धुंधला हो जाता है, तो दृष्टि अस्पष्ट हो जाती है।

Causes of cataract
रोगी की बढ़ती हुई उम्र, नेत्र में चोट लगना, अल्ट्रावायलेट चिकित्सा का अधिक प्रयोग, सूर्य का प्रकाश, औद्योगिक उच्च ताप का लेंस पर प्रकोप। कुछ दवायें मसलन स्टीरॉयड या एन्टी-कोलिनेस्ट्रेस (Anticholenestress) औषधियाँ भी अगर लम्बे समय तक इस्तेमाल की जायें तो मोतियाबिन्द पैदा कर सकती हैं।
कुछ शारीरिक बीमारियाँ भी मोतियाबिन्द को बढ़ावा देती हैं जैसे-मधुमेह (डायबिटीज), पैराथायरॉयड, टिटैनी, मायोटानिक डिस्ट्राफी बगैरह । इसकी वजह से मोतियाबिन्द कम उम्र में ही उभर सकता हैं। आँख में चोट लग जाने पर भी लैंस धुँधला पड़ सकता है। यह रोग विरासत में भी मिल सकता है। ऐसा मोतियाबिन्द जन्मजात बच्चों में मिलता है। इसके अतिरिक्त रासायनिक पदार्थों के प्रयोग से, करंट लग जाने से तथा कुछ त्वचा के रोग मोतियाबिन्द पैदा करते हैं।

Symptoms of cataract
1.धुंधली दृष्टि: धीरे-धीरे देखने की क्षमता कम होती जाती है।
2.रात में देखने में कठिनाई: रात में या कम रोशनी में देखने में परेशानी होती है।
प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता: तेज रोशनी में आंखों को 3.असुविधा होना।
4.हेलो देखना: रात में रोशनी के आस-पास हलो या घेरे दिखाई देना।
5.दोहरी दृष्टि: एक ही आंख से दोहरी दृष्टि का अनुभव होना।
6.चश्मे का नंबर बार-बार बदलना: दृष्टि में निरंतर परिवर्तन के कारण चश्मे का नंबर बदलते रहना।
मोतियाबिन्द की पहचान
अपरिपक्व मोतियाबिन्द की पहचान-
1. हल्के सलेटी रंग का लेंस ।
2. आइरिस सैडो उपस्थित ।
3. रोगी आँख के पास से अँगुलियाँ गिन सकता है।
4. दवाई डालकर प्यूपिल को फैलाने के बाद, अँधेरे कमरे में यदि सादे काँच से प्रकाश डाला जाये तो काली परछाईं दिखाई देती है। जो लाल रंग की फंडल- ग्लो के विपरीत होती है।
परिपक्व मोतियाबिन्द की पहचान-
1. मोती जैसा सफेद लैंस ।
2. आइरिस शैडो अनुपस्थित ।
3. दृष्टि केवल हाथ हिलाने भर को ही तक सीमित ।
4. लाल रंग की फंडल ग्लो नहीं होती।
7.काला मोतिया/सवलवाय [GLOUCOMA
Treatment of cataract
मोतियाबिन्द का सबसे प्रभावी उपचार सर्जिकल हस्तक्षेप है, जिसमें धुंधले लेंस को निकालकर उसकी जगह कृत्रिम लेंस प्रत्यारोपित किया जाता है। यह ऑपरेशन सामान्यतया सुरक्षित और प्रभावी होता है, और इससे रोगी की दृष्टि में काफी सुधार होता है।यह बीमारी आमतौर पर बढ़ती उम्र के साथ होती है, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि उम्र बढ़ने के साथ साथ नियमित आँखों की जांच की जाए। प्रारंभिक चरणों में मोतियाबिन्द के लक्षणों को पहचानना और सही समय पर उपचार प्राप्त करना दृष्टि के नुकसान को रोकने में मदद कर सकता है।
रोकथाम के तरीके:
हालांकि मोतियाबिन्द को पूर्ण रूप से रोक पाना संभव नहीं है, कुछ उपायों को अपनाकर इसके जोखिम को कम किया जा सकता है:
1.स्वस्थ आहार: आँखों के स्वास्थ्य के लिए अच्छे विटामिन और मिनरल्स युक्त आहार का सेवन करें। विटामिन C, विटामिन E, जिंक, और ओमेगा-3 फैटी एसिड्स से भरपूर खाना खाएं जैसे कि हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, नट्स और फैटी मछलियां।
2.धूम्रपान से बचें: धूम्रपान से मोतियाबिन्द का खतरा बढ़ सकता है, इसलिए धूम्रपान न करना या धूम्रपान छोड़ना लाभदायक हो सकता है।
3.सनग्लासेस का उपयोग करें: यूवी रेडिएशन से आँखों की रक्षा के लिए सनग्लासेस पहनें जो 100% UV रेडिएशन ब्लॉक करते हैं। यह आँखों को सूरज की हानिकारक किरणों से बचाकर मोतियाबिन्द के खतरे को कम कर सकते हैं।
4.नियमित आँखों की जांच: नियमित रूप से आँखों की जांच करवाने से मोतियाबिन्द समेत अन्य आँखों की समस्याओं का पता चल सकता है और जल्दी उपचार संभव हो सकता है।
उपचार के बाद की देखभाल:
मोतियाबिन्द सर्जरी के बाद, रोगी को आँखों की अच्छी देखभाल करनी चाहिए। डॉक्टर द्वारा दी गई दवाइयों का उपयोग करें और अपनी आँखों को धूल और गंदगी से बचाएं। सर्जरी के बाद के कुछ हफ्तों के लिए भारी वजन उठाने या जोरदार गतिविधियों से बचें।
मोतियाबिन्द का उपचार सरल और प्रभावी होता है, और यह लोगों को उनकी सामान्य दृष्टि वापस पाने में मदद करता है। उम्र बढ़ने के साथ ही इसकी संभावना बढ़ती है, इसलिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाना और नियमित जांच आवश्यक है।
गुहेरी (स्टाई)/पलक के नीचे फुंसी