क्या है? ANAEMIA
शरीर में रक्त की कमी को एनीमिया कहते हैं। एनीमिया शरीर में हीमोग्लोबिन नामक तत्व की कमी होने से होता है। हीमोग्लोबिन वह पदार्थ है जो रक्त में ऑक्सीजन को ले जाने का कार्य करता है और इसी कारण से रक्त का रंग लाल होता है। हीमोग्लोबिन आर बी. सी. के अन्दर पाया जाता है।

Anaemia causes
बच्चों में एनीमिया या तो कम मात्रा में R.B.C. की वजह से या R.B.C में कम मात्रा में हीमोग्लोबिन होने की वजह से या फिर दोनों ही कारणों से होता है। बच्चे के समय से पहले होने, जुड़वाँ बच्चे, ओवर नाल के जल्दी कटने पर, ओवर नाल के अच्छी प्रकार न बाँधने पर, रक्त निकलने से, गाय के दूध पर पलने वाला बालक, पेट में कीड़े होने पर, अल्सरेटिव कोलाइटिस, दस्त लगना, चोट के कारण अत्यधिक रक्त निकल जाने के कारण बच्चे के शरीर में खून की कमी हो जाती है। एनीमिया के प्रमुख कारणों में से असन्तुलित भोजन की कमी भी एक कारण है। इसके साथ-साथ कई और बीमारियाँ भी एनीमिया का कारण हो सकती हैं। पेट में कीड़ों की उपस्थिति एनीमिया का एक प्रमुख कारण है।

Anaemia Symptoms
ज्यादातर एनीमिया के कोई विशेष लक्षण नहीं होते, परन्तु थकावट, साँस का जल्दी चलना, तेज नब्ज या पीलिया (त्वचा व आँख के सफेद भाग का पीला पड़ना) की वजह से एनीमिया पहचाना जा सकता है। यदि बच्चा पीला सा दीख रहा हो तो उसके नाखून, आँखें, मुँह के अन्दर की परत देख लेनी चाहिये। इसके साथ-साथ एनीमिया के अन्य कारणों की भी जाँच कर लेनी चाहिये। जैसे कि खून की उल्टी, मल में रक्त का होना, असन्तुलित भोजन, लगातार दस्त या फिर किसी जहरीली वस्तु से सम्पर्क । बच्चा वे वस्तुयें जो खाने में काम नहीं आतीं जैसे कि लकड़ी, कोयला इत्यादि खाने की इच्छा रखता है। कमजोरी या चक्कर आना, हृदय की गति बढ़ जाना, पैरों में सूजन मिलती है।

रोग की पहचान
उपरोक्त लक्षणों के आधार पर निदान में कोई कठिनाई नहीं होती है। रक्त जाँच में हीमोग्लोबिन का प्रतिशत कम मिलता है। लाल रक्ताणुओं का आकार, आकृति तथा रंग भी रक्त की कमी के अनुसार बदल जाता है।
THALASSAEMIA-थेलेसिमिया
रोग का परिणाम
रक्त की कमी से संक्रामक रोग जल्दी-जल्दी होते हैं। बच्चे की वृद्धि प्रभावित होती है।
Note बच्चे को एनीमिया है कि नहीं यह जाँचने के लिये साधारण खून की जाँच कराई जाती है। परन्तु जरूरत पड़ने पर रक्त की विशेष जाँचें, मलमूत्र जाँच, पेट का एक्स-रे इत्यादि भी करवाया जाता है। इन जाँचों के द्वारा एनीमिया के प्रकार के बारे में पूर्ण जानकारी मिल सकती है।
