What is pterygium
Pterygium (सूर्य पट्टिका) एक गैर-घातक (non-cancerous) वृद्धि है जो आंख के सफेद भाग (सक्लेरा) से शुरू होकर कॉर्निया (पुतली के ऊपर की पारदर्शी परत) तक फैल सकती इस रोग में कंजंक्टाइवा के नीचे का ऊतक (Sub-cutaneous or Fibro vascular layer) मोटा होकर। कॉर्निया की ओर बढ़ता है। रोग एक या दोनों आँखों में हो। सकता है। इसे सामान्य बोलचाल में ‘नाखूना’ कहते हैं।

Causes of pterygium
आमतौर से यह विकार गर्म जलवायु वाली शुष्क जगहों में देखा जाता है और यह समझा जाता है कि इसका जन्म लम्बे समय तक तेज धूप, हवा और धूल सहन करते रहने से होता है। रोग प्रायः घर से बाहर काम करने वाले वृद्ध पुरुषों में होता है। अल्ट्रा-वायलेट किरण, इन्फ्रारेड किरण तथा गर्द से इसका सम्बन्ध प्रतीत होता है।
Symptoms of pterygium
1.इस रोग में नेत्र श्लेष्मिका वाले हिस्से में कोने से माँस की एक परत स्वच्छ मण्डल की ओर बढ़ती है, जो शक्ल में तिकोनी होती है। अक्सर यह नाक की तरफ से शुरू होती है और यह जरूरी नहीं कि हर मामले में वह स्वच्छ मण्डल पर चढ़ाई करे ही।
2.आँख में लाली: आंख के कोने में लाल या सफेद गोश्त के जैसी संरचना दिखाई देना जो धीरे-धीरे कॉर्निया की ओर बढ़ सकती है।
3.जलन और खुजली: आँख में जलन या खुजली होना, खासकर सूरज के प्रकाश में।
4.दृष्टि में परिवर्तन: अगर टेरिजिअम कॉर्निया के केंद्र तक पहुँच जाता है, तो यह दृष्टि को प्रभावित कर सकता है।
Treatment of pterygium
1.लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप्स: सूखापन और जलन को कम करने के लिए लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप्स का इस्तेमाल किया जा सकता है।
2.सनग्लासेस: यूवी प्रकाश से सुरक्षा के लिए सनग्लासेस पहनना चाहिए।
3.सर्जरी: अगर टेरिजिअम कॉर्निया के केंद्र की ओर बढ़ रहा है या दृष्टि को प्रभावित कर रहा है, तो सर्जरी की जा सकती है।
Prevention of pterygium
1.यूवी संरक्षण: यूवी ब्लॉक करने वाले चश्मे का इस्तेमाल करें।
2.आंखों की सुरक्षा: धूल भरे और प्रदूषित वातावरण में आँखों की अतिरिक्त सुरक्षा करें।
3.आँखों की नियमित जांच: नियमित रूप से आँखों की जांच करवाएं, खासकर अगर आप उच्च जोखिम वाले वातावरण में काम करते हैं।
CONJUNCTIVITIS- आँखें दुखना/आँखें आना
