Principles of Inheritance and Variation

1. आनुवंशिकी (Genetics) क्या है?

आनुवंशिकी (Genetics) वह विज्ञान है जो माता-पिता से संतानों में लक्षणों के संचरण (inheritance) और उनमें आने वाली भिन्नताओं (variation) का अध्ययन करता है।

आनुवंशिकी के दो मुख्य पहलू:

  1. विरासत (Inheritance) – माता-पिता के लक्षणों का संतानों में स्थानांतरण।
  2. भिन्नता (Variation) – संतानों में माता-पिता से भिन्न विशेषताएँ होना।

आनुवंशिकता के अध्ययन का महत्व:

  • यह समझने में मदद करता है कि माता-पिता से संतानों में गुणसूत्र कैसे स्थानांतरित होते हैं।
  • आनुवंशिक बीमारियों की पहचान और उपचार में सहायक होता है।
  • नई फसलों और प्रजातियों के विकास में प्रयोग किया जाता है।

2. मेंडेलियन आनुवंशिकी (Mendelian Genetics)

ग्रेगर जॉन मेंडल (Gregor Johann Mendel) ने मटर (Pisum sativum) के पौधों पर प्रयोग करके आनुवंशिकी के तीन मूलभूत नियमों की खोज की। ये नियम आज भी आनुवंशिकी के आधारभूत सिद्धांत माने जाते हैं।

(A) मेंडल के तीन नियम (Mendel’s Laws):

1. विभाजन का नियम (Law of Segregation)

  • प्रत्येक जीव में प्रत्येक लक्षण के लिए दो गुणसूत्र (alleles) होते हैं।
  • प्रजनन (reproduction) के दौरान माता-पिता में से प्रत्येक केवल एक गुणसूत्र संतान को देता है।
  • इसका अर्थ है कि संतान को माता-पिता से किसी भी एक गुणसूत्र का संयोजन प्राप्त हो सकता है।
  • यह नियम सुनिश्चित करता है कि माता-पिता के जीन अगले पीढ़ी में अलग-अलग होकर जाते हैं।

2. स्वतंत्र संग्रहण का नियम (Law of Independent Assortment)

  • विभिन्न लक्षणों (traits) को नियंत्रित करने वाले जीन एक-दूसरे से स्वतंत्र रूप से संतान में जाते हैं।
  • इसका अर्थ है कि एक लक्षण के जीन का वितरण किसी अन्य लक्षण के जीन के वितरण को प्रभावित नहीं करता।
  • उदाहरण: यदि मटर के पौधे के बीज का रंग (पीला/हरा) और बीज की बनावट (मुलायम/कठोर) को देखा जाए, तो ये दोनों गुण स्वतंत्र रूप से विरासत में जाते हैं।

3. प्रभुत्व का नियम (Law of Dominance)

  • यदि किसी जीव के पास किसी विशेष लक्षण के लिए दो अलग-अलग जीन होते हैं (heterozygous condition), तो उनमें से केवल एक प्रभावी रूप से प्रकट होता है।
  • इस प्रभावी जीन को प्रधान या प्रभावी जीन (Dominant Allele) कहा जाता है, और दूसरे को प्रभावहीन जीन (Recessive Allele) कहा जाता है।
  • उदाहरण: मटर के पौधों में, पीला बीज (Y) प्रधान (dominant) है और हरा बीज (y) प्रभावहीन (recessive) है। यदि किसी पौधे में एक पीला (Y) और एक हरा (y) जीन हो, तो बीज का रंग पीला ही होगा।

3. गैर-मेंडेलियन आनुवंशिकी (Non-Mendelian Genetics)

कुछ विशेषताएँ मेंडल के नियमों का पालन नहीं करतीं। इन विशेषताओं को नियंत्रित करने वाले आनुवंशिक पैटर्न को गैर-मेंडेलियन आनुवंशिकी कहा जाता है।

(A) अपूर्ण प्रभुत्व (Incomplete Dominance)

  • जब दो विपरीत जीन (alleles) संतान में मिलते हैं, और उनमें से कोई भी पूरी तरह प्रभावी नहीं होता, तो जो विशेषता उत्पन्न होती है वह माता-पिता दोनों से भिन्न होती है।
  • उदाहरण: चटक फूल (Mirabilis jalapa) – यदि एक लाल फूल (RR) और एक सफेद फूल (rr) को मिलाया जाए, तो संतान में गुलाबी फूल (Rr) विकसित होगा।

(B) सह-प्रभुत्व (Co-dominance)

  • जब दो जीन एक साथ कार्य करते हैं और दोनों अपने प्रभाव को समान रूप से प्रकट करते हैं।
  • उदाहरण: AB रक्त समूह – यदि माता के पास A समूह का जीन है और पिता के पास B समूह का, तो संतान का रक्त समूह AB होगा।

(C) पॉलीजेनिक विरासत (Polygenic Inheritance)

  • जब एक विशेष लक्षण कई जीनों द्वारा नियंत्रित होता है, तो इसे पॉलीजेनिक विरासत कहते हैं।
  • उदाहरण: त्वचा का रंग, ऊँचाई, आँखों का रंग आदि।

(D) कई पुनरावृत्तियाँ (Multiple Alleles)

  • जब किसी विशेष लक्षण के लिए दो से अधिक जीन मौजूद होते हैं, तो इसे कई पुनरावृत्तियों का सिद्धांत (Multiple Alleles Concept) कहते हैं।
  • उदाहरण: रक्त समूह का निर्धारण (A, B, O)

4. लिंकज और क्रॉसिंग ओवर (Linkage and Crossing Over)

(A) लिंकज (Linkage)

  • जब एक ही गुणसूत्र पर स्थित दो या अधिक जीन एक साथ विरासत में मिलते हैं, तो इसे लिंकज कहते हैं।
  • यह स्वतंत्र संग्रहण के नियम का अपवाद है।

(B) क्रॉसिंग ओवर (Crossing Over)

  • जब माइटोटिक विभाजन (Meiosis) के दौरान गुणसूत्रों का आपसी भाग बदल जाता है, तो इसे क्रॉसिंग ओवर कहते हैं।
  • यह आनुवंशिक विविधता को बढ़ाने में मदद करता है।

5. म्यूटेशन (Mutation)

म्यूटेशन वह प्रक्रिया है जिसमें डीएनए (DNA) में स्थायी परिवर्तन होता है, जिससे आनुवंशिक जानकारी बदल जाती है।

म्यूटेशन के प्रकार:

  1. जीन म्यूटेशन (Gene Mutation): जब किसी जीन की संरचना में परिवर्तन होता है।
  2. क्रोमोसोमल म्यूटेशन (Chromosomal Mutation): जब गुणसूत्रों की संख्या या संरचना में बदलाव होता है।

म्यूटेशन के प्रकार:

  • प्वाइंट म्यूटेशन (Point Mutation): जब एक ही न्यूक्लियोटाइड में परिवर्तन होता है।
  • फ्रेमशिफ्ट म्यूटेशन (Frameshift Mutation): जब न्यूक्लियोटाइड हटाने या जोड़ने से पूरे डीएनए अनुक्रम की दिशा बदल जाती है।

निष्कर्ष (Conclusion)

  • विरासत और भिन्नता जीवों के विकास (evolution) का आधार हैं।
  • मेंडल के नियम आनुवंशिकी की नींव रखते हैं, लेकिन कुछ विशेषताएँ गैर-मेंडेलियन आनुवंशिकी का पालन करती हैं।
  • म्यूटेशन और क्रॉसिंग ओवर आनुवंशिक विविधता में योगदान करते हैं।
  • यह विषय NEET परीक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और इसमें से कई प्रश्न पूछे जाते हैं।

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