1. आइसोमर्स (Isomers) किसे कहते हैं?
A) वे यौगिक जिनका आणविक सूत्र (Molecular Formula) भिन्न होता है, लेकिन भौतिक और रासायनिक गुण समान होते हैं।
B) वे यौगिक जिनका आणविक सूत्र समान होता है, लेकिन भौतिक और रासायनिक गुण भिन्न होते हैं।
C) वे यौगिक जिनका संरचनात्मक सूत्र समान होता है, लेकिन आणविक सूत्र भिन्न होता है।
D) वे यौगिक जो केवल गैस अवस्था में पाए जाते हैं।
सही उत्तर: B) वे यौगिक जिनका आणविक सूत्र समान होता है, लेकिन भौतिक और रासायनिक गुण भिन्न होते हैं।
व्याख्या:
- आइसोमर्स वे यौगिक होते हैं जिनका मॉलिक्यूलर फॉर्मूला एक समान होता है, लेकिन उनकी संरचना (Structure) या स्पेशियल अरेंजमेंट (Spatial Arrangement) अलग होता है, जिससे उनकी फिजिकल और केमिकल प्रॉपर्टीज अलग-अलग होती हैं।
2. आइसोमर्स मुख्य रूप से कितने प्रकार के होते हैं?
A) 2
B) 3
C) 5
D) 7
सही उत्तर: A) 2
व्याख्या:
आइसोमर्स मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं:
- स्ट्रक्चरल आइसोमर्स (Structural Isomers)
- स्टीरियो आइसोमर्स (Stereo Isomers)
3. निम्नलिखित में से कौन-सा आइसोमर्स का एक प्रकार नहीं है?
A) चेन आइसोमेरिज्म (Chain Isomerism)
B) फंक्शनल आइसोमेरिज्म (Functional Isomerism)
C) पोजीशन आइसोमेरिज्म (Position Isomerism)
D) बोंड आइसोमेरिज्म (Bond Isomerism)
सही उत्तर: D) बोंड आइसोमेरिज्म (Bond Isomerism)
व्याख्या:
- बोंड आइसोमेरिज्म नाम का कोई आइसोमर्स प्रकार नहीं होता।
- अन्य तीन विकल्प स्ट्रक्चरल आइसोमर के प्रकार हैं।
4. स्ट्रक्चरल आइसोमर्स (Structural Isomers) कितने प्रकार के होते हैं?
A) 2
B) 3
C) 5
D) 7
सही उत्तर: C) 5
व्याख्या:
स्ट्रक्चरल आइसोमर्स के 5 मुख्य प्रकार होते हैं:
- चेन आइसोमेरिज्म (Chain Isomerism)
- पोजीशन आइसोमेरिज्म (Position Isomerism)
- फंक्शनल आइसोमेरिज्म (Functional Isomerism)
- मेटामेरिज्म (Metamerism)
- टोटोमेरिज्म (Tautomerism)
5. चेन आइसोमेरिज्म (Chain Isomerism) किस कारण से होता है?
A) फंक्शनल ग्रुप की पोजीशन बदलने से
B) कार्बन चेन की संरचना बदलने से
C) हाइड्रोजन संख्या बदलने से
D) आइसोटोप्स की उपस्थिति से
सही उत्तर: B) कार्बन चेन की संरचना बदलने से
व्याख्या:
- जब कार्बन की मुख्य श्रृंखला (Main Chain) का रूप अलग-अलग होता है, लेकिन मॉलिक्यूलर फॉर्मूला समान होता है, तो उसे चेन आइसोमर्स कहते हैं।
उदाहरण:
- n-ब्यूटेन (n-Butane) : CH₃-CH₂-CH₂-CH₃
- आइसो-ब्यूटेन (Iso-Butane) : CH₃-CH(CH₃)-CH₃
6. पोजीशन आइसोमेरिज्म (Position Isomerism) किस कारण से होता है?
A) कार्बन श्रृंखला में अंतर के कारण
B) फंक्शनल ग्रुप की पोजीशन बदलने से
C) इलेक्ट्रॉनों की संख्या बदलने से
D) केवल एरोमैटिक यौगिकों में पाया जाता है
सही उत्तर: B) फंक्शनल ग्रुप की पोजीशन बदलने से
व्याख्या:
- जब फंक्शनल ग्रुप या सब्स्टिटुएंट (Substituent) की स्थिति बदलती है, तो उसे पोजीशन आइसोमेरिज्म कहते हैं।
उदाहरण:
- 1-प्रोपेनॉल (1-Propanol) : CH₃-CH₂-CH₂-OH
- 2-प्रोपेनॉल (2-Propanol) : CH₃-CHOH-CH₃
7. फंक्शनल आइसोमेरिज्म (Functional Isomerism) किस कारण से होता है?
A) एक ही फॉर्मूला लेकिन अलग-अलग फंक्शनल ग्रुप्स
B) बॉन्ड एंगल्स में अंतर के कारण
C) आइसोटोप्स की भिन्नता के कारण
D) केवल इनऑर्गेनिक यौगिकों में पाया जाता है
सही उत्तर: A) एक ही फॉर्मूला लेकिन अलग-अलग फंक्शनल ग्रुप्स
व्याख्या:
- जब फंक्शनल ग्रुप भिन्न होते हैं लेकिन आणविक सूत्र समान होता है, तो उसे फंक्शनल आइसोमेरिज्म कहते हैं।
उदाहरण:
- अल्कोहल और ईथर (Alcohol & Ether)
- CH₃-CH₂-OH (इथेनॉल)
- CH₃-O-CH₃ (डाइमेथाइल ईथर)
- एल्डिहाइड और कीटोन (Aldehyde & Ketone)
- CH₃-CHO (एथेनल)
- CH₃-CO-CH₃ (प्रोपेनोन)
8. मेटामेरिज्म (Metamerism) किस कारण से होता है?
A) मुख्य श्रृंखला के अलग-अलग कार्बन वितरण से
B) इलेक्ट्रॉनिक कॉन्फ़िगरेशन में परिवर्तन से
C) कार्बन श्रृंखला की लंबाई में अंतर से
D) केवल साइक्लिक यौगिकों में पाया जाता है
सही उत्तर: A) मुख्य श्रृंखला के अलग-अलग कार्बन वितरण से
व्याख्या:
- जब ब्रिजिंग फंक्शनल ग्रुप (जैसे ईथर, अमीन, ईस्टर) के दोनों ओर अलग-अलग एल्काइल ग्रुप होते हैं, तो इसे मेटामेरिज्म कहते हैं।
उदाहरण:
- CH₃-O-CH₂CH₃ (मेथॉक्सी एथेन)
- CH₃CH₂-O-CH₃ (एथॉक्सी मीथेन)
9. टॉटोमेरिज्म (Tautomerism) क्या है?
A) संरचनात्मक आइसोमेरिज्म का एक प्रकार
B) इलेक्ट्रॉनिक कॉन्फ़िगरेशन में परिवर्तन
C) एक ही आणविक संरचना में स्थायी रूप से बदलाव
D) केवल कार्बनिक यौगिकों में पाया जाता है
सही उत्तर: A) संरचनात्मक आइसोमेरिज्म का एक प्रकार
व्याख्या:
- जब एक यौगिक जल्दी-जल्दी अपने दो रूपों में परिवर्तित होता है, तो उसे टॉटोमेरिज्म कहते हैं।
- यह आमतौर पर केटो-एनॉल संतुलन में पाया जाता है।
उदाहरण:
- केटोन और एनॉल (Keto & Enol) रूप
1. ज्योमेट्रिकल आइसोमेरिज्म (Geometrical Isomerism) किस कारण से होता है?
A) फंक्शनल ग्रुप की स्थिति बदलने से
B) कार्बन श्रृंखला के परिवर्तन से
C) यौगिक में डबल बॉन्ड या रिंग संरचना की कठोरता के कारण
D) परमाणुओं की इलेक्ट्रॉनिक संरचना में बदलाव से
✅ सही उत्तर: C) यौगिक में डबल बॉन्ड या रिंग संरचना की कठोरता के कारण
व्याख्या:
- ज्योमेट्रिकल आइसोमरिज्म तब होता है जब यौगिक में डबल बॉन्ड या रिंग संरचना होती है, जिससे रोटेशन प्रतिबंधित हो जाता है।
- इस कारण से, समान अणु दो रूपों में पाए जा सकते हैं:
- सिस (Cis) फॉर्म: जब समान समूह डबल बॉन्ड के एक ही तरफ होते हैं।
- ट्रांस (Trans) फॉर्म: जब समान समूह डबल बॉन्ड के विपरीत तरफ होते हैं।
2. ज्योमेट्रिकल आइसोमेरिज्म किस प्रकार के यौगिकों में पाया जाता है?
A) केवल कार्बनिक यौगिकों में
B) केवल अकार्बनिक यौगिकों में
C) डबल बॉन्ड और साइक्लिक यौगिकों में
D) सभी प्रकार के यौगिकों में
✅ सही उत्तर: C) डबल बॉन्ड और साइक्लिक यौगिकों में
व्याख्या:
- ज्योमेट्रिकल आइसोमरिज्म विशेष रूप से डबल बॉन्ड वाले यौगिकों (C=C) और साइक्लिक यौगिकों में पाया जाता है।
- उदाहरण:
- ब्यूट-2-ईन (But-2-ene)
- 1,2-डाइब्रोमो-साइक्लोहेक्सेन
3. किस स्थिति में ज्योमेट्रिकल आइसोमेरिज्म संभव नहीं होगा?
A) यदि डबल बॉन्ड पर जुड़े दोनों समूह समान हों
B) यदि डबल बॉन्ड पर जुड़े दोनों समूह अलग-अलग हों
C) यदि यौगिक चक्रीय (Cyclic) हो
D) यदि कोई फंक्शनल ग्रुप उपस्थित हो
✅ सही उत्तर: A) यदि डबल बॉन्ड पर जुड़े दोनों समूह समान हों
व्याख्या:
- ज्योमेट्रिकल आइसोमरिज्म के लिए यह आवश्यक है कि डबल बॉन्ड पर जुड़े समूह अलग-अलग हों।
- यदि डबल बॉन्ड पर जुड़े दोनों समूह समान होंगे, तो आइसोमेरिज्म संभव नहीं होगा।
4. निम्नलिखित में से किस यौगिक में ज्योमेट्रिकल आइसोमरिज्म पाया जाएगा?
A) CH₂=CH₂ (एथीन)
B) CH₃-CH=CH-CH₃ (ब्यूट-2-ईन)
C) CH₄ (मीथेन)
D) CH₃-CH₃ (एथेन)
✅ सही उत्तर: B) CH₃-CH=CH-CH₃ (ब्यूट-2-ईन)
व्याख्या:
- ब्यूट-2-ईन में डबल बॉन्ड होता है, और दोनों कार्बन से जुड़े समूह भिन्न होते हैं, जिससे ज्योमेट्रिकल आइसोमरिज्म संभव होता है।
- एथीन (A) में केवल एक प्रकार के हाइड्रोजन जुड़े हैं, इसलिए इसमें ज्योमेट्रिकल आइसोमेरिज्म नहीं होगा।
5. E-Z नामकरण किस प्रकार के आइसोमरिज्म के लिए उपयोग किया जाता है?
A) संरचनात्मक आइसोमरिज्म
B) ज्योमेट्रिकल आइसोमरिज्म
C) ऑप्टिकल आइसोमरिज्म
D) टोटोमरिज्म
✅ सही उत्तर: B) ज्योमेट्रिकल आइसोमरिज्म
व्याख्या:
- E-Z प्रणाली तब उपयोग की जाती है जब डबल बॉन्ड वाले यौगिक में चार अलग-अलग समूह जुड़े हों।
- E (एंटी – Entgegen): उच्च प्राथमिकता वाले समूह विपरीत दिशाओं में होते हैं।
- Z (ज़ूज़ामैन – Zusammen): उच्च प्राथमिकता वाले समूह एक ही दिशा में होते हैं।
6. टोटोमरिज्म (Tautomerism) क्या है?
A) ज्योमेट्रिकल आइसोमेरिज्म का ही एक प्रकार
B) इलेक्ट्रॉनिक संरचना में अस्थायी परिवर्तन
C) आणविक संरचना में एक स्थायी परिवर्तन
D) संरचनात्मक आइसोमेरिज्म का एक प्रकार
✅ सही उत्तर: D) संरचनात्मक आइसोमेरिज्म का एक प्रकार
व्याख्या:
- टोटोमरिज्म एक प्रकार का स्ट्रक्चरल आइसोमेरिज्म है जिसमें एक यौगिक तेजी से दो रूपों में परिवर्तित होता है।
- सबसे प्रसिद्ध उदाहरण कीटो-इनॉल टोटोमरिज्म (Keto-Enol Tautomerism) है।
7. निम्नलिखित में से कौन सा यौगिक टोटोमरिज्म दिखाएगा?
A) एसीटोएसिटिक एस्टर
B) बेंजीन
C) इथेनॉल
D) ब्यूटेन
✅ सही उत्तर: A) एसीटोएसिटिक एस्टर
व्याख्या:
- एसीटोएसिटिक एस्टर में कीटो-इनॉल संतुलन (Keto-Enol Equilibrium) पाया जाता है, जिससे यह टोटोमरिज्म प्रदर्शित करता है।
8. कीटो-इनॉल टोटोमरिज्म में क्या अंतर होता है?
A) केवल संरचना भिन्न होती है, लेकिन रासायनिक गुण समान होते हैं
B) आणविक सूत्र भिन्न होता है, लेकिन भौतिक गुण समान होते हैं
C) केवल प्रोटॉन (H⁺) की स्थिति बदलती है
D) कोई परिवर्तन नहीं होता
✅ सही उत्तर: C) केवल प्रोटॉन (H⁺) की स्थिति बदलती है
व्याख्या:
- कीटो-इनॉल टोटोमरिज्म में केवल हाइड्रोजन (H⁺) की स्थिति बदलती है, जिससे यौगिक इनॉल और कीटोन के बीच परिवर्तित होता है।
9. टोटोमेरिज्म और रेजोनेंस में क्या अंतर है?
A) रेजोनेंस में परमाणुओं की स्थिति बदलती है, जबकि टोटोमरिज्म में नहीं
B) टोटोमरिज्म में इलेक्ट्रॉनिक संरचना स्थिर रहती है
C) टोटोमरिज्म में एक परमाणु समूह दूसरे समूह में परिवर्तित होता है
D) उपरोक्त सभी
✅ सही उत्तर: D) उपरोक्त सभी
व्याख्या:
- रेजोनेंस (Resonance):
- इसमें केवल इलेक्ट्रॉनों की स्थिति बदलती है, लेकिन परमाणुओं की स्थिति स्थिर रहती है।
- टोटोमरिज्म (Tautomerism):
- इसमें एक अणु दूसरे अणु में वास्तविक रूप से परिवर्तित होता है, जिससे उसकी संरचना और गुण दोनों बदलते हैं।
10. निम्नलिखित में से किस यौगिक में टोटोमरिज्म नहीं पाया जाएगा?
A) एसीटोएसिटिक एस्टर
B) बेंजालडिहाइड
C) पेंटेन-2-ओन
D) एसीटोफेनोन
✅ सही उत्तर: B) बेंजालडिहाइड
व्याख्या:
- बेंजालडिहाइड में अल्फा हाइड्रोजन नहीं होता, इसलिए यह टोटोमरिज्म नहीं दिखा सकता।
11. निम्नलिखित में से कौन सा यौगिक ज्योमेट्रिकल आइसोमेरिज्म दिखाएगा?
A) प्रोपेन-1-इन
B) ब्यूट-2-इन
C) पेंटेन
D) मीथेनॉल
✅ सही उत्तर: B) ब्यूट-2-इन
व्याख्या:
- ब्यूट-2-इन (But-2-ene) में डबल बॉन्ड मौजूद होता है, और यदि डबल बॉन्ड पर जुड़े समूह भिन्न होते हैं, तो ज्योमेट्रिकल आइसोमेरिज्म संभव होता है।
- प्रोपेन-1-इन (A) और पेंटेन (C) में ज्योमेट्रिकल आइसोमेरिज्म नहीं पाया जाता क्योंकि इनमें आवश्यक डबल बॉन्ड नहीं है।
12. निम्नलिखित में से कौन सा यौगिक सिज़-ट्रांस आइसोमेरिज्म नहीं दिखाएगा?
A) 2-ब्यूटीन
B) 1-ब्यूटीन
C) 2-हेक्सीन
D) 3-हेप्टीन
✅ सही उत्तर: B) 1-ब्यूटीन
व्याख्या:
- 1-ब्यूटीन में पहला कार्बन हाइड्रोजन से जुड़ा होता है, जिससे डबल बॉन्ड के दोनों कार्बन पर अलग-अलग समूह मौजूद नहीं होते हैं।
- सिज़-ट्रांस आइसोमरिज्म के लिए डबल बॉन्ड पर जुड़े समूह अलग-अलग होने चाहिए।
13. ज्योमेट्रिकल आइसोमरिज्म के लिए आवश्यक शर्त क्या है?
A) यौगिक में डबल बॉन्ड या चक्रीय संरचना होनी चाहिए
B) सभी समूह एक ही प्रकार के होने चाहिए
C) यौगिक में केवल एकल बॉन्ड होने चाहिए
D) यौगिक ध्रुवीय होना चाहिए
✅ सही उत्तर: A) यौगिक में डबल बॉन्ड या चक्रीय संरचना होनी चाहिए
व्याख्या:
- ज्योमेट्रिकल आइसोमरिज्म तब संभव होता है जब डबल बॉन्ड की कठोरता या रिंग संरचना रोटेशन को रोकती है।
14. निम्नलिखित में से कौन सा यौगिक 1,3-डाइऑक्सो टोटोमेरिज्म प्रदर्शित करेगा?
A) पेंटेन-3-ऑन
B) एसीटोएसिटिक एस्टर
C) ब्यूटेन-2-ऑन
D) 2-हाइड्रॉक्सीब्यूटेन
✅ सही उत्तर: B) एसीटोएसिटिक एस्टर
व्याख्या:
- एसीटोएसिटिक एस्टर में 1,3-डाइऑक्सो टोटोमेरिज्म (Keto-Enol tautomerism) पाया जाता है, जिसमें एक कार्बनyl (C=O) ग्रुप और एक हाइड्रॉक्सिल (-OH) ग्रुप डायनेमिक इक्विलिब्रियम में रहते हैं।
15. निम्नलिखित में से कौन सा टोटोमरिज्म नहीं दिखाएगा?
A) एसीटोएसिटिक एस्टर
B) बेंजालडिहाइड
C) ब्यूटेन-2-ऑन
D) 1-फेनिल-2-प्रोपेन-1-ऑन
✅ सही उत्तर: B) बेंजालडिहाइड
व्याख्या:
- टोटोमरिज्म के लिए यौगिक में कम से कम एक अल्फा हाइड्रोजन होना आवश्यक है।
- बेंजालडिहाइड में कोई अल्फा हाइड्रोजन नहीं होता, इसलिए यह टोटोमरिज्म प्रदर्शित नहीं करता।
16. कीटो-इनॉल टोटोमरिज्म की स्थिरता किन कारकों पर निर्भर करती है?
A) इलेक्ट्रॉनिक प्रभाव
B) हाइड्रोजन बॉन्डिंग
C) एरोमेटिक संरचना
D) उपरोक्त सभी
✅ सही उत्तर: D) उपरोक्त सभी
व्याख्या:
- टोटोमरिज्म की स्थिरता विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है, जैसे:
- इलेक्ट्रॉनिक प्रभाव (Electron delocalization)
- हाइड्रोजन बॉन्डिंग (Hydrogen bonding)
- एरोमेटिक स्थिरता (Aromatic stabilization)
17. निम्नलिखित में से कौन सा यौगिक ज्योमेट्रिकल आइसोमरिज्म प्रदर्शित करेगा?
A) 2-मिथाइल-2-ब्यूटीन
B) 2-क्लोरोब्यूट-2-इन
C) 3-हेक्सीन
D) 1-प्रोपीन
✅ सही उत्तर: C) 3-हेक्सीन
व्याख्या:
- 3-हेक्सीन में डबल बॉन्ड के दोनों कार्बन पर भिन्न समूह जुड़े होते हैं, जिससे यह ज्योमेट्रिकल आइसोमरिज्म प्रदर्शित कर सकता है।
18. किस स्थिति में कीटो फॉर्म की अपेक्षा इनॉल फॉर्म अधिक स्थिर होगा?
A) जब कंपाउंड एरोमेटिक बन जाए
B) जब कंपाउंड पॉलीमराइज़ हो जाए
C) जब कंपाउंड में केवल एक हाइड्रोजन हो
D) जब कंपाउंड में हाइड्रोजन बॉन्डिंग संभव न हो
✅ सही उत्तर: A) जब कंपाउंड एरोमेटिक बन जाए
व्याख्या:
- यदि इनॉल फॉर्म अपनाने से कंपाउंड एरोमेटिक हो जाए, तो वह अधिक स्थिर होगा।
- उदाहरण: फेनोल का इनॉल रूप एरोमेटिक होता है, इसलिए यह अधिक स्थिर रहता है।
19. निम्नलिखित में से कौन सा आइसोमरिज्म पुनर्संतुलन (Rearrangement) द्वारा होता है?
A) ज्योमेट्रिकल आइसोमरिज्म
B) संरचनात्मक आइसोमरिज्म
C) टोटोमरिज्म
D) ऑप्टिकल आइसोमरिज्म
✅ सही उत्तर: C) टोटोमरिज्म
व्याख्या:
- टोटोमरिज्म में हाइड्रोजन परमाणु के पुनर्संतुलन (Rearrangement) के कारण आइसोमरिज्म होता है।
- यह संरचनात्मक आइसोमरिज्म का एक विशेष प्रकार है।
20. यदि एक यौगिक ज्योमेट्रिकल आइसोमरिज्म दिखाता है, तो यह किस कारण से संभव होता है?
A) बॉन्ड रोटेशन की स्वतंत्रता
B) डबल बॉन्ड या चक्रीय संरचना की कठोरता
C) हाइड्रोजन बॉन्डिंग
D) इलेक्ट्रॉनिक प्रवाह
✅ सही उत्तर: B) डबल बॉन्ड या चक्रीय संरचना की कठोरता
व्याख्या:
- ज्योमेट्रिकल आइसोमरिज्म तब होता है जब डबल बॉन्ड या रिंग संरचना रोटेशन को प्रतिबंधित करती है, जिससे आइसोमर्स (Cis/Trans) बनते हैं।
ज्योमेट्रिकल और ऑप्टिकल आइसोमेरिज्म से जुड़े 10 और महत्वपूर्ण प्रश्न
21. निम्नलिखित में से कौन सा यौगिक ऑप्टिकल आइसोमेरिज्म दिखाएगा?
A) 2-ब्यूटीन
B) ग्लाइसिन
C) लैक्टिक एसिड
D) एसीटोन
✅ सही उत्तर: C) लैक्टिक एसिड
व्याख्या:
- ऑप्टिकल आइसोमेरिज्म के लिए आवश्यक है कि यौगिक में एक कायरल कार्बन हो।
- लैक्टिक एसिड (CH3-CHOH-COOH) में कायरल कार्बन मौजूद होता है, इसलिए यह ऑप्टिकल आइसोमेरिज्म दिखाएगा।
22. निम्नलिखित में से कौन सा यौगिक ऑप्टिकली इनएक्टिव होगा?
A) 2-क्लोरोप्रोपेन
B) 2-ब्रोमोब्यूटेन
C) 2-हाइड्रॉक्सीप्रोपेन-1-ऑन
D) ग्लूकोज़
✅ सही उत्तर: A) 2-क्लोरोप्रोपेन
व्याख्या:
- 2-क्लोरोप्रोपेन में कोई कायरल कार्बन नहीं होता क्योंकि इसमें दो समान समूह जुड़े होते हैं।
- कायरल कार्बन की अनुपस्थिति के कारण, यह ऑप्टिकली इनएक्टिव रहेगा।
23. ज्योमेट्रिकल आइसोमर्स के बीच प्राथमिक अंतर क्या है?
A) वे अलग-अलग संरचनात्मक समूह होते हैं
B) वे प्रतिबंधित रोटेशन के कारण विभिन्न स्थानिक व्यवस्थाएँ होती हैं
C) वे अलग-अलग प्रकार के बांड रखते हैं
D) वे केवल चक्रीय यौगिकों में पाए जाते हैं
✅ सही उत्तर: B) वे प्रतिबंधित रोटेशन के कारण विभिन्न स्थानिक व्यवस्थाएँ होती हैं
व्याख्या:
- ज्योमेट्रिकल आइसोमर्स में डबल बॉन्ड या रिंग संरचना के कारण स्वतंत्र रोटेशन संभव नहीं होता।
- इसी कारण सिज़ और ट्रांस आइसोमर बनते हैं।
24. ऑप्टिकल आइसोमेरिज्म की खोज किस वैज्ञानिक ने की थी?
A) रदरफोर्ड
B) लुई पाश्चर
C) मैक्सवेल
D) लिनुस पॉलिंग
✅ सही उत्तर: B) लुई पाश्चर
व्याख्या:
- लुई पाश्चर ने ऑप्टिकल आइसोमरिज्म की खोज की थी और उन्होंने टार्ट्रेट्स (Tartrates) पर किए गए प्रयोगों में पाया कि वे प्लेन-पोलराइज़्ड लाइट को घुमा सकते हैं।
25. निम्नलिखित में से कौन सा ऑप्टिकली इनएक्टिव यौगिक होगा?
A) रेसमिक मिश्रण
B) 2-ब्रोमोब्यूटेन
C) 2-हाइड्रॉक्सीप्रोपेन-1-ऑन
D) 3-मिथाइलपेंटेन-2-ऑन
✅ सही उत्तर: A) रेसमिक मिश्रण
व्याख्या:
- रेसमिक मिश्रण में बराबर मात्रा में डेक्स्ट्रो और लीवो आइसोमर्स होते हैं, जो एक-दूसरे के प्रभाव को संतुलित कर देते हैं।
- इसलिए, यह ऑप्टिकली इनएक्टिव होता है।
26. निम्नलिखित में से कौन सा यौगिक ज्योमेट्रिकल आइसोमरिज्म प्रदर्शित कर सकता है?
A) 2-मिथाइल-2-ब्यूटीन
B) 2-हेक्सीन
C) बेंजीन
D) एथेनॉल
✅ सही उत्तर: B) 2-हेक्सीन
व्याख्या:
- 2-हेक्सीन (CH3-CH=CH-CH2-CH3) में डबल बॉन्ड मौजूद होती है और इससे जुड़े समूह भिन्न होते हैं, जिससे ज्योमेट्रिकल आइसोमरिज्म संभव होता है।
- बेंजीन (C) में डेलोकलाइज्ड इलेक्ट्रॉन्स होते हैं, जिससे यह ज्योमेट्रिकल आइसोमरिज्म नहीं दिखाता।
27. ऑप्टिकल आइसोमेरिज्म के लिए आवश्यक शर्त क्या है?
A) यौगिक में कम से कम एक डबल बॉन्ड होना चाहिए
B) यौगिक में एक कायरल केंद्र (chiral center) होना चाहिए
C) यौगिक में केवल एकल बॉन्ड होने चाहिए
D) यौगिक ध्रुवीय होना चाहिए
✅ सही उत्तर: B) यौगिक में एक कायरल केंद्र (chiral center) होना चाहिए
व्याख्या:
- कायरल केंद्र (Asymmetric carbon) वह कार्बन होता है, जिसमें चार अलग-अलग समूह जुड़े होते हैं।
- यह रोटेशनल असममिति (Rotational asymmetry) के कारण ऑप्टिकल आइसोमेरिज्म दिखाता है।
28. निम्नलिखित में से कौन सा ज्योमेट्रिकल आइसोमर्स का सही उदाहरण है?
A) सिस-ब्यूट-2-इन और ट्रांस-ब्यूट-2-इन
B) एथेनॉल और डाइमिथाइल ईथर
C) एथिलामीन और डाइएथाइलामीन
D) ग्लूकोज़ और फ्रक्टोज़
✅ सही उत्तर: A) सिस-ब्यूट-2-इन और ट्रांस-ब्यूट-2-इन
व्याख्या:
- सिस-ब्यूट-2-इन में समान समूह (CH3) एक ही दिशा में होते हैं, जबकि ट्रांस-ब्यूट-2-इन में वे विपरीत दिशा में होते हैं।
- यह ज्योमेट्रिकल आइसोमरिज्म का सबसे सामान्य उदाहरण है।
29. ऑप्टिकल आइसोमर्स की प्रकृति क्या होती है?
A) वे सुपरइम्पोजेबल होते हैं
B) वे प्रतिबिंब (Mirror image) होते हैं और सुपरइम्पोजेबल नहीं होते
C) वे समान भौतिक और रासायनिक गुण रखते हैं
D) वे केवल धातु यौगिकों में पाए जाते हैं
✅ सही उत्तर: B) वे प्रतिबिंब (Mirror image) होते हैं और सुपरइम्पोजेबल नहीं होते
व्याख्या:
- ऑप्टिकल आइसोमर्स एक-दूसरे के प्रतिबिंब होते हैं, लेकिन वे एक-दूसरे पर सुपरइम्पोज़ नहीं हो सकते।
- इस गुण को कायरैलिटी (Chirality) कहा जाता है।
30. निम्नलिखित में से कौन सा ऑप्टिकली एक्टिव यौगिक नहीं है?
A) 2-क्लोरोप्रोपेन
B) 2-हाइड्रॉक्सीब्यूटेन
C) टार्टरिक एसिड
D) 2-ब्रोमोब्यूटेन
✅ सही उत्तर: A) 2-क्लोरोप्रोपेन
व्याख्या:
- 2-क्लोरोप्रोपेन में कायरल कार्बन नहीं होता, इसलिए यह ऑप्टिकली इनएक्टिव होता है।
- 2-ब्रोमोब्यूटेन और टार्टरिक एसिड में कायरल केंद्र होते हैं, इसलिए वे ऑप्टिकली एक्टिव होते हैं।
31. निम्नलिखित में से कौन सा यौगिक ऑप्टिकल आइसोमेरिज्म नहीं दिखाएगा?
A) 2-ब्रोमोब्यूटेन
B) ग्लूकोज़
C) 2-क्लोरो-2-ब्यूटेन
D) टार्टरिक एसिड
✅ सही उत्तर: C) 2-क्लोरो-2-ब्यूटेन
व्याख्या:
- ऑप्टिकल आइसोमरिज्म के लिए कायरल कार्बन (4 अलग-अलग समूहों से जुड़ा हुआ कार्बन) आवश्यक होता है।
- 2-क्लोरो-2-ब्यूटेन में कोई कायरल कार्बन नहीं होता, इसलिए यह ऑप्टिकली इनएक्टिव होता है।
32. एक यौगिक ऑप्टिकल आइसोमेरिज्म कब प्रदर्शित करता है?
A) जब इसमें कोई डबल बॉन्ड हो
B) जब इसमें सुपरइम्पोजेबल मिरर इमेज हो
C) जब इसमें कायरल केंद्र हो और यह असममित हो
D) जब यह केवल ध्रुवीय सॉल्वेंट में घुलता हो
✅ सही उत्तर: C) जब इसमें कायरल केंद्र हो और यह असममित हो
व्याख्या:
- ऑप्टिकल आइसोमेरिज्म तब होता है जब यौगिक में कायरल केंद्र (चार अलग-अलग समूहों से जुड़ा हुआ एक कार्बन) हो।
- यह सुपरइम्पोजेबल नहीं होता, इसलिए यह प्लेन-पोलराइज़्ड लाइट को घुमा सकता है।
33. निम्नलिखित में से कौन सा यौगिक ज्योमेट्रिकल आइसोमरिज्म दिखा सकता है?
A) 2-ब्यूटीन
B) 2-मिथाइल-2-ब्यूटीन
C) 2-प्रोपानोन
D) 3-पेंटानोन
✅ सही उत्तर: A) 2-ब्यूटीन
व्याख्या:
- ज्योमेट्रिकल आइसोमेरिज्म डबल बॉन्ड के कारण होता है, और 2-ब्यूटीन में डबल बॉन्ड मौजूद होता है, जिससे यह सिस-ट्रांस आइसोमरिज्म दिखा सकता है।
34. यदि किसी यौगिक में ऑप्टिकल आइसोमेरिज्म दिखाने की संभावना है, तो क्या आवश्यक शर्त होगी?
A) यह केवल कार्बनिक यौगिक होना चाहिए
B) इसमें एक कायरल केंद्र होना चाहिए
C) इसमें केवल एकल बॉन्ड होने चाहिए
D) यह ध्रुवीय सॉल्वेंट में घुलना चाहिए
✅ सही उत्तर: B) इसमें एक कायरल केंद्र होना चाहिए
व्याख्या:
- कायरल केंद्र ऑप्टिकल आइसोमरिज्म की सबसे महत्वपूर्ण शर्त है।
- यह चार अलग-अलग समूहों से जुड़ा हुआ कार्बन होता है, जो सुपरइम्पोजेबल नहीं होता।
35. ज्योमेट्रिकल आइसोमर्स में कौन सा मुख्य अंतर पाया जाता है?
A) वे अलग-अलग आणविक भार रखते हैं
B) वे संरचनात्मक आइसोमर्स होते हैं
C) वे प्रतिबंधित रोटेशन के कारण भिन्नता दिखाते हैं
D) वे केवल जल में घुल सकते हैं
✅ सही उत्तर: C) वे प्रतिबंधित रोटेशन के कारण भिन्नता दिखाते हैं
व्याख्या:
- डबल बॉन्ड के कारण परमाणुओं के बीच स्वतंत्र रोटेशन संभव नहीं होता, जिससे ज्योमेट्रिकल आइसोमेरिज्म होता है।
- इससे सिस और ट्रांस आइसोमर बनते हैं।
36. निम्नलिखित में से कौन सा यौगिक ऑप्टिकली इनएक्टिव होगा?
A) 2-क्लोरोप्रोपेन
B) 2-ब्रोमोब्यूटेन
C) 3-मिथाइलपेंटेन-2-ऑन
D) 2-हाइड्रॉक्सीब्यूटेन
✅ सही उत्तर: A) 2-क्लोरोप्रोपेन
व्याख्या:
- 2-क्लोरोप्रोपेन में कोई कायरल कार्बन नहीं होता, जिससे यह ऑप्टिकली इनएक्टिव रहेगा।
37. ऑप्टिकल आइसोमर्स को किस अन्य नाम से जाना जाता है?
A) ज्योमेट्रिकल आइसोमर्स
B) संरचनात्मक आइसोमर्स
C) एनैंशियोमर्स
D) पेरामीग्नेटिक आइसोमर्स
✅ सही उत्तर: C) एनैंशियोमर्स
व्याख्या:
- एनैंशियोमर्स ऑप्टिकल आइसोमर्स होते हैं, जो एक-दूसरे के गैर-सुपरइम्पोजेबल मिरर इमेज होते हैं।
38. यदि किसी यौगिक में दो समान समूह होते हैं, तो क्या वह ऑप्टिकल आइसोमेरिज्म दिखाएगा?
A) हां, क्योंकि सभी यौगिक ऑप्टिकल आइसोमर्स होते हैं
B) नहीं, क्योंकि ऑप्टिकल आइसोमेरिज्म के लिए चार अलग-अलग समूह आवश्यक हैं
C) हां, यदि वह पानी में घुल सकता है
D) नहीं, क्योंकि इसमें ज्योमेट्रिकल आइसोमरिज्म होगा
✅ सही उत्तर: B) नहीं, क्योंकि ऑप्टिकल आइसोमेरिज्म के लिए चार अलग-अलग समूह आवश्यक हैं
व्याख्या:
- यदि किसी कार्बन पर दो समान समूह हों, तो वह कायरल नहीं होगा और ऑप्टिकल आइसोमेरिज्म नहीं दिखाएगा।
39. निम्नलिखित में से कौन सा यौगिक सिस-ट्रांस आइसोमर्स दिखाएगा?
A) 1-ब्यूटीन
B) 2-ब्यूटीन
C) एथेनॉल
D) मेथेन
✅ सही उत्तर: B) 2-ब्यूटीन
व्याख्या:
- 2-ब्यूटीन में डबल बॉन्ड मौजूद होती है और इससे जुड़े समूह भिन्न होते हैं, जिससे ज्योमेट्रिकल आइसोमरिज्म संभव होता है।
40. ऑप्टिकल आइसोमर्स में कौन सा गुण समान रहता है?
A) वे प्लेन-पोलराइज़्ड लाइट को समान दिशा में घुमाते हैं
B) उनके सभी भौतिक और रासायनिक गुण समान होते हैं, सिवाय प्रकाशीय घूर्णन के
C) वे समान रंग दिखाते हैं, लेकिन उनकी संरचना अलग होती है
D) उनके घनत्व और क्वांटम संख्या भिन्न होती है
✅ सही उत्तर: B) उनके सभी भौतिक और रासायनिक गुण समान होते हैं, सिवाय प्रकाशीय घूर्णन के
व्याख्या:
- ऑप्टिकल आइसोमर्स के सभी गुण समान होते हैं, लेकिन वे प्लेन-पोलराइज़्ड लाइट को विपरीत दिशाओं में घुमाते हैं।