कोशिका चक्र और कोशिका विभाजन (Cell Cycle and Cell Division)

परिचय (Introduction)

  • कोशिका चक्र (Cell Cycle) वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक कोशिका वृद्धि (Growth) करती है, DNA प्रतिकृति (DNA Replication) बनाती है और दो संतति कोशिकाओं (Daughter Cells) में विभाजित हो जाती है।
  • कोशिका विभाजन (Cell Division) वह प्रक्रिया है जिसमें एक माता कोशिका (Parent Cell) दो या अधिक संतति कोशिकाओं में विभाजित होती है।
  • यह अभिवृद्धि (Growth), ऊतक मरम्मत (Tissue Repair) और जनन (Reproduction) में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • कोशिका विभाजन दो प्रकार का होता है:
    1️⃣ माइटोसिस (Mitosis) – समसूत्री विभाजन
    2️⃣ मियोसिस (Meiosis) – अर्धसूत्री विभाजन

2. कोशिका चक्र के चरण (Phases of Cell Cycle)

परिचय (Introduction):

🔹 कोशिका चक्र (Cell Cycle) वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक कोशिका वृद्धि (Growth) करती है, अपना डीएनए प्रतिकृति (DNA Replication) बनाती है, और फिर विभाजित (Divide) होकर दो नई संतति कोशिकाएँ (Daughter Cells) बनाती है।
🔹 यह यूकैरियोटिक कोशिकाओं (Eukaryotic Cells) में व्यवस्थित और नियंत्रित चरणों में होता है।
🔹 मुख्य रूप से दो चरण होते हैं:
1️⃣ अंतरावस्था (Interphase) – 90% समय
2️⃣ माइटोटिक चरण (M Phase) – 10% समय

📌 Mnemonic: “I Prefer My Cell Cycle Organized”
👉 I – Interphase (G1, S, G2)
👉 M – Mitosis (Prophase, Metaphase, Anaphase, Telophase)
👉 C – Cytokinesis


1️⃣ अंतरावस्था (Interphase) – वृद्धि और तैयारी चरण

✅ यह कोशिका चक्र का सबसे लंबा चरण होता है (लगभग 90%)।
✅ इसमें कोशिका विभाजन की तैयारी करती है।
✅ इसे तीन उपचरणों में बाँटा जाता है:

(i) G1 चरण (Gap 1 Phase):

  • कोशिका अपने आकार में वृद्धि (Growth) करती है।
  • नए प्रोटीन और ऑर्गेनेल्स बनते हैं।
  • कोशिका यह तय करती है कि विभाजन होगा या नहीं (G1 चेकपॉइंट)।
  • यदि कोशिका विभाजन के लिए तैयार नहीं होती, तो G0 अवस्था में प्रवेश कर सकती है (Non-dividing Phase)।

(ii) S चरण (Synthesis Phase):

  • DNA प्रतिकृति (Replication) होती है, जिससे गुणसूत्रों (Chromosomes) की संख्या दोगुनी हो जाती है
  • यदि कोई कोशिका में 46 गुणसूत्र थे, तो S फेज में भी वही रहते हैं, लेकिन DNA मात्रा दोगुनी हो जाती है।

(iii) G2 चरण (Gap 2 Phase):

  • कोशिका विभाजन के लिए अंतिम तैयारी करती है।
  • आवश्यक प्रोटीन और एंजाइम का संश्लेषण होता है।
  • DNA क्षति की जाँच होती है (G2 चेकपॉइंट)।

📌 Mnemonic: “G1 – Grow, S – Synthesize, G2 – Get Ready”


2️⃣ माइटोटिक चरण (M Phase) – कोशिका विभाजन

✅ यह केवल 10% समय लेता है।
✅ इसमें कोशिका दो समान संतति कोशिकाएँ बनाती है।
✅ इसमें दो चरण होते हैं:

  • (i) मिटोसिस (Mitosis) – गुणसूत्रों का विभाजन।
  • (ii) साइटोकाइनेसिस (Cytokinesis) – साइटोप्लाज्म का विभाजन।

(i) मिटोसिस (Mitosis) के चरण:

👉 इसे “PMAT” से याद कर सकते हैं:

1️⃣ प्रोफेज (Prophase):

  • गुणसूत्र सघन (Condense) हो जाते हैं।
  • केंद्रक झिल्ली (Nuclear Membrane) नष्ट हो जाती है।
  • स्पिंडल तंतु (Spindle Fibers) बनते हैं।

2️⃣ मेटाफेज (Metaphase):

  • गुणसूत्र मध्यरेखा (Equatorial Plate) पर व्यवस्थित होते हैं।
  • यह चरण कैरियोटाइप (Karyotyping) के लिए सबसे उपयुक्त है।

3️⃣ एनेफेज (Anaphase):

  • बहन गुणसूत्र (Sister Chromatids) विपरीत ध्रुवों पर खिंचते हैं।
  • यह सबसे छोटा चरण है।

4️⃣ टेलोफेज (Telophase):

  • गुणसूत्र फिर से डी-कंडेंस (Decondense) हो जाते हैं।
  • न्यूक्लियर मेंब्रेन पुनः बनती है।

📌 Mnemonic: “Please Make A Twin” (Prophase, Metaphase, Anaphase, Telophase)


(ii) साइटोकाइनेसिस (Cytokinesis):

✅ यह साइटोप्लाज्म (Cytoplasm) का विभाजन है, जिससे दो नई कोशिकाएँ बनती हैं।
पादप कोशिकाओं (Plant Cells) में यह सेल प्लेट (Cell Plate Formation) द्वारा होता है।
पशु कोशिकाओं (Animal Cells) में यह कंसीक्शन फरो (Constriction Furrow) द्वारा होता है।


कोशिका चक्र नियंत्रण (Cell Cycle Control) और चेकपॉइंट्स

✔ कोशिका चक्र का नियंत्रण साइक्लिन (Cyclins) और साइक्लिन-निर्भर किनेज (CDKs) द्वारा किया जाता है।
✔ तीन महत्वपूर्ण चेकपॉइंट्स होते हैं:
1️⃣ G1 चेकपॉइंट: यह तय करता है कि कोशिका विभाजन के लिए आगे बढ़ेगी या नहीं।
2️⃣ G2 चेकपॉइंट: DNA की जाँच करता है और विभाजन के लिए अनुमति देता है।
3️⃣ M चेकपॉइंट: गुणसूत्रों के सही संरेखण को सुनिश्चित करता है।


NEET Exam के लिए महत्त्वपूर्ण बिंदु:

✔ कोशिका चक्र मुख्य रूप से अंतरावस्था (90%) और विभाजन चरण (10%) में बाँटा गया है।
S चरण में DNA की मात्रा दोगुनी होती है, लेकिन गुणसूत्रों की संख्या समान रहती है।
✔ मेटाफेज सबसे अच्छा चरण है कैरियोटाइप अध्ययन के लिए।
साइक्लिन और CDKs कोशिका चक्र को नियंत्रित करते हैं।
✔ कोशिका चक्र की गड़बड़ी कैंसर (Cancer) का कारण बन सकती है।

📌 Mnemonic: “Get Set Go, My Cell Divides”
👉 G1 – Growth, S – DNA Synthesis, G2 – Preparation, M – Mitosis, C – Cytokinesis


NEET में पूछे जाने वाले संभावित प्रश्न:

Q1. कोशिका चक्र कितने चरणों में विभाजित होता है?

  • उत्तर: दो चरण (अंतरावस्था और M चरण)।

Q2. S चरण में क्या होता है?

  • उत्तर: DNA प्रतिकृति होती है।

Q3. कैरियोटाइपिंग के लिए कौन सा चरण उपयुक्त होता है?

  • उत्तर: मेटाफेज (Metaphase)।

Q4. कोशिका चक्र नियंत्रण में कौन-कौन से प्रोटीन कार्य करते हैं?

  • उत्तर: साइक्लिन और CDKs।

Q5. पशु और पादप कोशिकाओं में साइटोकाइनेसिस का अंतर क्या है?

  • उत्तर:
    • पशु कोशिकाओं में कंसीक्शन फरो द्वारा होता है।
    • पादप कोशिकाओं में सेल प्लेट द्वारा होता है।

निष्कर्ष (Conclusion):

✅ कोशिका चक्र जीवन की निरंतरता के लिए आवश्यक प्रक्रिया है।
✅ यह संतति कोशिकाओं के गठन, वृद्धि और ऊतकों की मरम्मत में सहायक होता है।
✅ कोशिका चक्र की गड़बड़ी से कैंसर जैसी बीमारियाँ हो सकती हैं।
✅ NEET में कोशिका चक्र और उसके नियंत्रण से जुड़े प्रश्नों की संभावना अधिक होती है। 🚀

3. कोशिका विभाजन के प्रकार (Types of Cell Division)

परिचय (Introduction)

कोशिका विभाजन (Cell Division) एक जैविक प्रक्रिया है जिसमें एक मूल कोशिका (Parent Cell) विभाजित होकर दो या अधिक नई कोशिकाएँ (Daughter Cells) बनाती है। यह वृद्धि (Growth), विकास (Development), ऊतक मरम्मत (Tissue Repair), और प्रजनन (Reproduction) के लिए आवश्यक है।

📌 Mnemonic: “Grow, Repair, Reproduce – All Need Cell Division!”


कोशिका विभाजन के प्रकार (Types of Cell Division)

मुख्य रूप से कोशिका विभाजन तीन प्रकार का होता है:

प्रकारमुख्य उद्देश्यउदाहरण
1️⃣ माइ토सिस (Mitosis)शरीर की वृद्धि, ऊतक मरम्मतशरीर की समस्त कोशिकाएँ (Somatic Cells)
2️⃣ मीयोसिस (Meiosis)युग्मक (Gamete) निर्माणशुक्राणु और अंडाणु (Sperm & Ovum)
3️⃣ अमीटोटिक विभाजन (Amitosis)सरल विभाजन, बिना किसी जटिल प्रक्रिया केबैक्टीरिया, कुछ प्रोटोजोआ

📌 Mnemonic: “Mitosis = Multiplication, Meiosis = Making Gametes”


1️⃣ माइ토सिस (Mitosis) – समसूत्री विभाजन

✔ एक कोशिका से दो समान (Genetically Identical) पुत्री कोशिकाएँ बनती हैं।
✔ प्रत्येक नयी कोशिका में मूल कोशिका जितने ही गुणसूत्र होते हैं (2n → 2n)।
✔ यह शरीर की समस्त कोशिकाओं (Somatic Cells) में होता है।
✔ यह ऊतक वृद्धि, मरम्मत और पुनर्जनन (Regeneration) के लिए आवश्यक है।

📌 Mnemonic: “Mitosis = My Toe Grows (Growth & Repair)”

माइटोसेस की अवस्थाएँ (Phases of Mitosis)

(i) इंटरफेज़ (Interphase) – तैयारी चरण

  • G₁ चरण: कोशिका वृद्धि
  • S चरण: DNA प्रतिकृति (Replication)
  • G₂ चरण: विभाजन की तैयारी

(ii) माइटोटिक चरण (M Phase) – वास्तविक विभाजन
प्रोफेज़ (Prophase):

  • गुणसूत्र संघनित (Condense) होते हैं।
  • स्पिंडल तंतु (Spindle Fibers) बनने लगते हैं।

मेटाफेज़ (Metaphase):

  • गुणसूत्र मध्य में पंक्तिबद्ध (Align) होते हैं।
  • सबसे छोटा चरण (Shortest Phase)।

एनाफेज़ (Anaphase):

  • गुणसूत्र दो भागों में विभाजित होते हैं।
  • बहन गुणसूत्र विपरीत ध्रुवों की ओर खिंचते हैं।

टेलोफेज़ (Telophase):

  • दो नयी नाभिक झिल्ली (Nuclear Membrane) बनती है।
  • कोशिका लगभग विभाजित होने लगती है।

(iii) साइटोकाइनिसिस (Cytokinesis) – कोशिका का अंतिम विभाजन

  • साइटोप्लाज्म विभाजित होता है, जिससे दो पुत्री कोशिकाएँ बनती हैं।

📌 Mnemonic: “PMAT – Prophase, Metaphase, Anaphase, Telophase”


2️⃣ मीयोसिस (Meiosis) – अर्धसूत्री विभाजन

✔ एक कोशिका से चार अलग-अलग (Genetically Unique) पुत्री कोशिकाएँ बनती हैं।
✔ यह यौन जनन (Sexual Reproduction) के लिए आवश्यक है।
✔ इसमें दो विभाजन होते हैं: Meiosis I और Meiosis II
✔ परिणामस्वरूप गुणसूत्र संख्या आधी हो जाती है (2n → n)।
✔ यह शुक्राणु और अंडाणु निर्माण में सहायक होता है।

📌 Mnemonic: “Meiosis = Making Gametes”

मीयोसिस के चरण (Phases of Meiosis)

Meiosis I (Reductional Division – गुणसूत्र संख्या आधी होती है)

प्रोफेज़-I:

  • गुणसूत्र संलयन (Synapsis) होता है।
  • क्रॉसिंग ओवर (Crossing Over) होता है जिससे आनुवंशिक विविधता आती है।

मेटाफेज़-I:

  • गुणसूत्र जोड़े (Homologous Chromosomes) मध्य में व्यवस्थित होते हैं।

एनाफेज़-I:

  • प्रत्येक जोड़े का एक गुणसूत्र विपरीत ध्रुवों की ओर जाता है।

टेलोफेज़-I और साइटोकाइनिसिस:

  • दो कोशिकाएँ बनती हैं, जिनमें n गुणसूत्र होते हैं।

Meiosis II (Equational Division – गुणसूत्र संख्या बनी रहती है)

✔ यह माइटोसिस जैसा होता है।
✔ चार अलग-अलग पुत्री कोशिकाएँ बनती हैं।

📌 Mnemonic: “Meiosis I = Reduction, Meiosis II = Division”


3️⃣ अमीटोटिक विभाजन (Amitosis)

✔ यह सीधा विभाजन (Direct Division) है।
✔ इसमें कोई स्पिंडल तंतु (Spindle Fibers) नहीं बनते।
✔ बैक्टीरिया, परजीवी और कुछ प्रोटोजोआ (Amoeba, Paramecium) में पाया जाता है।
✔ सरल और तेज़ प्रक्रिया होती है।

📌 Mnemonic: “Amoeba = Amitosis”


मुख्य अंतर (Differences Between Mitosis & Meiosis)

विशेषतामाइटोसिस (Mitosis)मीयोसिस (Meiosis)
विभाजन की संख्या12
पुत्री कोशिकाएँ24
गुणसूत्र संख्या2n (डिप्लॉइड)n (हैप्लॉइड)
कहाँ होता है?शरीर की कोशिकाएँयौन कोशिकाएँ (Gametes)
क्रॉसिंग ओवरनहीं होताहोता है
आनुवंशिक विविधतानहींहोती है

📌 Mnemonic: “Mitosis = Identical, Meiosis = Variety”


NEET के लिए महत्वपूर्ण प्रश्न (Important NEET Questions)

Q1. माइटोसिस मुख्य रूप से कहाँ होता है?

  • उत्तर: शरीर की समस्त कोशिकाओं (Somatic Cells) में।

Q2. गुणसूत्र संख्या आधी किस विभाजन में होती है?

  • उत्तर: मीयोसिस (Meiosis)।

Q3. किस विभाजन में क्रॉसिंग ओवर होता है?

  • उत्तर: मीयोसिस के प्रोफेज़-I में।

Q4. गुणसूत्रों का जुड़ाव (Synapsis) किस चरण में होता है?

  • उत्तर: प्रोफेज़-I (Meiosis I)।

Q5. माइटोसिस में बनने वाली पुत्री कोशिकाएँ कैसी होती हैं?

  • उत्तर: मूल कोशिका के समान (Genetically Identical)।

निष्कर्ष (Conclusion)

✅ कोशिका विभाजन शरीर की वृद्धि, ऊतक मरम्मत, और प्रजनन के लिए आवश्यक प्रक्रिया है।
माइटोसिस शरीर की कोशिकाओं में होता है और समान पुत्री कोशिकाएँ बनाता है।
मीयोसिस यौन कोशिकाओं में होता है और आनुवंशिक विविधता लाता है।
अमीटोटिक विभाजन सरल जीवों में देखा जाता है।
✅ NEET में इससे जुड़े प्रत्यक्ष (Direct) और अनुप्रयुक्त (Applied) प्रश्न पूछे जाते हैं। 🚀

4. माइटोसिस (Mitosis) – समान विभाजन

परिचय (Introduction)

माइटोसिस (Mitosis) एक प्रकार का कोशिका विभाजन है जिसमें एक मूल कोशिका (Parent Cell) से दो समान पुत्री कोशिकाएँ (Genetically Identical Daughter Cells) बनती हैं। इस विभाजन में गुणसूत्रों की संख्या अपरिवर्तित रहती है (2n → 2n), इसलिए इसे समान विभाजन (Equational Division) भी कहा जाता है।

📌 Mnemonic: “Mitosis = My Toe Grows (Growth & Repair)”


माइटोसिस कहाँ और क्यों होता है?

कहाँ होता है?

  • सभी शारीरिक कोशिकाओं (Somatic Cells) में।
  • वनस्पति कोशिकाओं की वृद्धि की मेरिस्टेमेटिक कोशिकाओं (Meristematic Cells) में।

मुख्य उद्देश्य:

  • शरीर की वृद्धि (Growth)
  • ऊतकों की मरम्मत (Tissue Repair & Healing)
  • अपमार्जन (Regeneration)

📌 Mnemonic: “Mitosis = Growth, Healing, Repair”


माइटोसिस के चरण (Phases of Mitosis)

माइटोसिस मुख्यतः दो चरणों में विभाजित होता है:
1️⃣ कैरियोकिनेसिस (Karyokinesis) – नाभिक विभाजन
2️⃣ साइटोकाइनिसिस (Cytokinesis) – साइटोप्लाज्म विभाजन


1️⃣ कैरियोकिनेसिस (Karyokinesis) – नाभिक का विभाजन

इसमें चार चरण होते हैं:

चरणमुख्य विशेषताएँ
प्रोफेज़ (Prophase)गुणसूत्र संघनित (Condensation), न्यूक्लियस की झिल्ली गायब होती है, स्पिंडल फाइबर बनने लगते हैं।
मेटाफेज़ (Metaphase)गुणसूत्र मध्य में पंक्तिबद्ध (Align) होते हैं, यह चरण सबसे छोटा होता है।
एनाफेज़ (Anaphase)बहन क्रोमैटिड विपरीत ध्रुवों की ओर खिंचते हैं।
टेलोफेज़ (Telophase)दो नयी नाभिक झिल्लियाँ बनती हैं, स्पिंडल फाइबर गायब होते हैं।

📌 Mnemonic: “PMAT – Prophase, Metaphase, Anaphase, Telophase”


2️⃣ साइटोकाइनिसिस (Cytokinesis) – कोशिका का अंतिम विभाजन

पशु कोशिका (Animal Cell):

  • कोशिका झिल्ली अंदर की ओर संकुचित (Cleavage Furrow) होकर विभाजित होती है।
    वनस्पति कोशिका (Plant Cell):
  • मध्य में सेल प्लेट (Cell Plate) बनती है और कोशिका विभाजित हो जाती है।

📌 Mnemonic: “Animal = Furrow, Plant = Plate”


माइटोसिस के महत्व (Significance of Mitosis)

✅ कोशिकाओं की वृद्धि और मरम्मत।
✅ आनुवंशिक स्थिरता बनाए रखना (Genetic Stability)।
Asexual Reproduction (कुंवारी जनन – Parthenogenesis, Binary Fission)।
✅ पौधों में मेरिस्टेमेटिक कोशिकाओं द्वारा वृद्धि।

📌 Mnemonic: “Growth, Healing, Stability, Asexual Reproduction”


NEET के लिए महत्वपूर्ण प्रश्न (Important NEET Questions)

Q1. माइटोसिस मुख्य रूप से कहाँ होता है?

  • उत्तर: शरीर की समस्त कोशिकाओं (Somatic Cells) में।

Q2. माइटोसिस में बनने वाली पुत्री कोशिकाएँ कैसी होती हैं?

  • उत्तर: मूल कोशिका के समान (Genetically Identical)।

Q3. माइटोसिस के मेटाफेज़ चरण की विशेषता क्या है?

  • उत्तर: गुणसूत्र मध्य में संरेखित (Aligned) होते हैं।

Q4. साइटोकाइनिसिस में पौधों और पशुओं में क्या अंतर होता है?

  • उत्तर: पशु कोशिकाओं में क्लिवेज फर्रो (Cleavage Furrow) बनती है, जबकि पौधों में सेल प्लेट (Cell Plate) बनती है।

Q5. माइटोसिस में गुणसूत्रों की संख्या कैसी रहती है?

  • उत्तर: अपरिवर्तित (2n → 2n)।

निष्कर्ष (Conclusion)

✅ माइटोसिस समान विभाजन (Equational Division) है, जिससे शरीर की वृद्धि, ऊतक मरम्मत, और पुनर्जनन संभव होता है।
✅ यह सभी शारीरिक कोशिकाओं में पाया जाता है।
✅ यह आनुवंशिक स्थिरता बनाए रखता है और Asexual Reproduction में मदद करता है।
✅ NEET परीक्षा में इससे संबंधित प्रत्यक्ष (Direct) और अनुप्रयुक्त (Applied) प्रश्न पूछे जाते हैं। 🚀

5. मीयोसिस (Meiosis)

परिचय (Introduction)

मीयोसिस (Meiosis) वह कोशिका विभाजन है, जिसमें एक डिप्लॉइड (2n) मूल कोशिका से चार हाप्लॉइड (n) पुत्री कोशिकाएँ बनती हैं। यह विभाजन विशेष रूप से युग्मक (Gametes – शुक्राणु और अंडाणु) बनाने के लिए होता है। मीयोसिस में गुणसूत्रों की संख्या आधी हो जाती है (Reductional Division), इसलिए इसे अर्धसूत्री विभाजन (Reduction Division) कहा जाता है।

📌 Mnemonic: “Meiosis = Makes Gametes”


मीयोसिस कहाँ और क्यों होता है?

कहाँ होता है?

  • जनन कोशिकाओं (Reproductive Cells) में।
  • नर व स्त्री गोनाड्स (Testes & Ovaries) में।
  • पौधों में एंथेर्स (Pollen Formation) और अंडाशय (Ovule Formation) में।

मुख्य उद्देश्य:

  • युग्मक निर्माण (Gamete Formation)
  • गुणसूत्रों की संख्या को संतुलित रखना (Chromosomal Stability)
  • आनुवंशिक विविधता (Genetic Variation) उत्पन्न करना

📌 Mnemonic: “Meiosis = Reduction + Variation”


मीयोसिस के चरण (Phases of Meiosis)

मीयोसिस दो मुख्य भागों में होता है:
1️⃣ मीयोसिस I (Meiosis I) – गुणसूत्र संख्या को आधा करने वाला विभाजन (Reduction Division)
2️⃣ मीयोसिस II (Meiosis II) – माइटोसिस जैसा विभाजन (Equational Division)

📌 Mnemonic: “Meiosis = 2 Divisions: Reduction (I) + Mitosis-like (II)”


1️⃣ मीयोसिस I (Meiosis I) – गुणसूत्र संख्या आधी होती है (Reductional Division)

चरणमुख्य विशेषताएँ
प्रोफेज़ I (Prophase I)सबसे लंबा चरण, इसमें 5 उपचरण होते हैं – (Leptotene, Zygotene, Pachytene, Diplotene, Diakinesis)। इस दौरान क्रॉसिंग ओवर (Crossing Over) होता है, जिससे आनुवंशिक विविधता बढ़ती है।
मेटाफेज़ I (Metaphase I)समजात गुणसूत्र (Homologous Chromosomes) जोड़े में प्लेट के मध्य पंक्तिबद्ध होते हैं।
एनाफेज़ I (Anaphase I)प्रत्येक जोड़े के गुणसूत्र अलग-अलग ध्रुवों पर खिंचते हैं, जिससे हाप्लॉइड (n) कोशिकाएँ बनती हैं।
टेलोफेज़ I (Telophase I) और साइटोकाइनिसिस (Cytokinesis I)दो हाप्लॉइड (n) कोशिकाएँ बनती हैं, जिनमें प्रत्येक में आधे गुणसूत्र होते हैं।

📌 Mnemonic for Prophase I: “Lazy Zebras Play Dumb Drums” (Leptotene, Zygotene, Pachytene, Diplotene, Diakinesis)


2️⃣ मीयोसिस II (Meiosis II) – माइटोसिस जैसा विभाजन (Equational Division)

✔ इसमें गुणसूत्रों की संख्या नहीं घटती, बल्कि यह माइटोसिस जैसा ही होता है।

चरणमुख्य विशेषताएँ
प्रोफेज़ II (Prophase II)गुणसूत्र फिर से संघनित (Condense) होते हैं, स्पिंडल तंतु बनते हैं।
मेटाफेज़ II (Metaphase II)गुणसूत्र मध्य में संरेखित होते हैं।
एनाफेज़ II (Anaphase II)बहन क्रोमैटिड्स (Sister Chromatids) विपरीत ध्रुवों पर खिंचते हैं।
टेलोफेज़ II (Telophase II) और साइटोकाइनिसिस (Cytokinesis II)चार हाप्लॉइड (n) पुत्री कोशिकाएँ बनती हैं।

📌 Mnemonic for Meiosis II: “PMAT – Prophase, Metaphase, Anaphase, Telophase”


मीयोसिस और माइटोसिस में अंतर (Difference Between Meiosis and Mitosis)

विशेषतामाइटोसिस (Mitosis)मीयोसिस (Meiosis)
स्थानशरीर की समस्त कोशिकाएँ (Somatic Cells)जनन कोशिकाएँ (Reproductive Cells)
पुत्री कोशिकाएँदो डिप्लॉइड (2n)चार हाप्लॉइड (n)
गुणसूत्र संख्याअपरिवर्तित (2n → 2n)आधी (2n → n)
आनुवंशिक विविधतानहीं होतीहोती है (Crossing Over के कारण)
कितने विभाजन होते हैं?12

📌 Mnemonic: “Mitosis = Growth, Meiosis = Gametes”


मीयोसिस के महत्व (Significance of Meiosis)

युग्मक निर्माण (Gamete Formation) – शुक्राणु (Sperm) और अंडाणु (Ovum) बनते हैं।
गुणसूत्रों की संख्या को संतुलित रखना – मानव में 46 (2n) से 23 (n) ताकि निषेचन (Fertilization) के बाद 46 गुणसूत्र पुनः प्राप्त हों।
आनुवंशिक विविधता (Genetic Variation) – Crossing Over से उत्परिवर्तन (Mutation) होते हैं, जिससे प्राकृतिक चयन (Natural Selection) संभव होता है।
विकास और प्रजनन में सहायक (Evolution & Reproduction) – मीयोसिस के कारण नई प्रजातियाँ उत्पन्न हो सकती हैं।

📌 Mnemonic: “Meiosis = Gametes, Variation, Evolution”


NEET के लिए महत्वपूर्ण प्रश्न (Important NEET Questions)

Q1. मीयोसिस किस प्रकार की कोशिकाओं में होता है?

  • उत्तर: जनन कोशिकाओं (Reproductive Cells) में।

Q2. मीयोसिस के दौरान गुणसूत्रों की संख्या में क्या परिवर्तन होता है?

  • उत्तर: यह आधी हो जाती है (2n → n)।

Q3. क्रॉसिंग ओवर (Crossing Over) किस चरण में होता है?

  • उत्तर: प्रोफेज़ I (Prophase I) के पैकिटीन (Pachytene) उपचरण में।

Q4. मीयोसिस II किस प्रकार के विभाजन के समान होता है?

  • उत्तर: माइटोसिस के समान।

Q5. Crossing Over का महत्व क्या है?

  • उत्तर: यह आनुवंशिक विविधता (Genetic Variation) उत्पन्न करता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

मीयोसिस अर्धसूत्री विभाजन (Reductional Division) है, जिससे चार हाप्लॉइड पुत्री कोशिकाएँ बनती हैं।
यह केवल युग्मक निर्माण (Gamete Formation) के लिए होता है।
क्रॉसिंग ओवर (Crossing Over) आनुवंशिक विविधता में योगदान देता है।
यह गुणसूत्रों की संख्या को संतुलित रखता है और विकास में सहायक होता है।
NEET में इससे संबंधित प्रश्न बार-बार पूछे जाते हैं, इसलिए सभी चरणों को अच्छे से समझें! 🚀

6. कोशिका चक्र का नियंत्रण (Regulation of Cell Cycle)

परिचय (Introduction)

कोशिका चक्र (Cell Cycle) का नियंत्रण यह सुनिश्चित करता है कि कोशिकाएँ सही समय पर विभाजित हों, DNA की सही प्रतिकृति बने, और कोई दोष (Error) उत्पन्न न हो। यदि कोशिका चक्र अनियंत्रित हो जाए, तो कैंसर जैसी बीमारियाँ हो सकती हैं।

✅ कोशिका चक्र का नियंत्रण विशेष चेकपॉइंट्स (Checkpoints), साइक्लिन-डिपेंडेंट किनेज़ (CDKs), ट्यूमर सप्रेसर जीन और ग्रोथ फैक्टर्स द्वारा होता है।
तीन प्रमुख चेकपॉइंट्स कोशिका विभाजन को नियंत्रित करते हैं – G1, G2, और M चेकपॉइंट।
P53 जीन को “Guardian of Genome” कहा जाता है, क्योंकि यह DNA क्षति का पता लगाकर कोशिका को विभाजित होने से रोकता है।


📌 कोशिका चक्र नियंत्रण के प्रमुख घटक (Key Regulators of Cell Cycle)

1️⃣ साइक्लिन (Cyclins) और CDKs (Cyclin-Dependent Kinases)

साइक्लिन (Cyclins) – प्रोटीन होते हैं, जो कोशिका चक्र के विभिन्न चरणों में सक्रिय रहते हैं।
CDKs (Cyclin-Dependent Kinases) – एंजाइम होते हैं, जो साइक्लिन की सहायता से कोशिका विभाजन को नियंत्रित करते हैं।
साइक्लिन और CDKs मिलकर कोशिका चक्र को आगे बढ़ाते हैं।

Cyclin-CDK ComplexFunction
Cyclin D-CDK4/6G1 चेकपॉइंट पार करने में मदद करता है।
Cyclin E-CDK2S चरण में DNA प्रतिकृति को आरंभ करता है।
Cyclin A-CDK2S से G2 चरण में परिवर्तन करता है।
Cyclin B-CDK1M चरण में प्रवेश करवाता है।

📌 Mnemonic for CDKs: “D → E → A → B” (G1 → S → G2 → M)


2️⃣ कोशिका चक्र चेकपॉइंट्स (Cell Cycle Checkpoints)

✔ चेकपॉइंट्स कोशिका चक्र के विभिन्न बिंदुओं पर जाँचते हैं कि कोशिका विभाजन सही हो रहा है या नहीं।

Checkpointकार्य (Function)
G1 Checkpoint (Restriction Point)कोशिका के आकार और DNA क्षति की जाँच करता है।
G2 CheckpointDNA प्रतिकृति सही हुई या नहीं, इसकी पुष्टि करता है।
M Checkpoint (Spindle Checkpoint)गुणसूत्रों का समुचित विभाजन हो रहा है या नहीं, यह देखता है।

📌 Mnemonic: “G1 = Growth, G2 = DNA Check, M = Spindle Check”


3️⃣ ट्यूमर सप्रेसर जीन (Tumor Suppressor Genes) – कैंसर से सुरक्षा

P53 जीन (“Guardian of Genome”) – यदि DNA में कोई गड़बड़ी होती है, तो यह कोशिका विभाजन को रोककर उसे ठीक करने की कोशिश करता है।
RB (Retinoblastoma) प्रोटीन – कोशिका को G1 से S चरण में प्रवेश करने से रोकता है, जब तक कि वह पूरी तरह तैयार न हो।
✔ यदि P53 या RB जीन में कोई म्यूटेशन (Mutation) हो जाए, तो कोशिका अनियंत्रित रूप से विभाजित होने लगती है, जिससे कैंसर हो सकता है।

📌 Mnemonic: “P53 = DNA Repair, RB = Division Blocker”


4️⃣ ग्रोथ फैक्टर्स और बाहरी नियंत्रण (Growth Factors & External Regulation)

✔ कोशिका विभाजन को नियंत्रित करने में बाहरी सिग्नल (External Signals) भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
ग्रोथ फैक्टर्स (Growth Factors) कोशिका विभाजन को प्रेरित करते हैं, जैसे – EGF (Epidermal Growth Factor) और PDGF (Platelet-Derived Growth Factor)।
✔ यदि ग्रोथ फैक्टर्स का असामान्य उत्पादन हो जाए, तो ट्यूमर (Tumor) बन सकता है।


📌 कोशिका चक्र नियंत्रण में गड़बड़ी और कैंसर (Cell Cycle Dysregulation & Cancer)

✅ यदि P53 या RB जैसे ट्यूमर सप्रेसर जीन म्यूटेट (Mutate) हो जाएँ, तो कोशिका चक्र अनियंत्रित हो सकता है।
ऑन्कोजीन (Oncogenes) – वे उत्परिवर्तित (Mutated) जीन होते हैं, जो अनियंत्रित कोशिका विभाजन करवाते हैं।
Ex: RAS, MYC, HER2 – ये सभी ऑन्कोजीन हैं, जो कैंसर का कारण बन सकते हैं।
✅ कैंसर कोशिकाएँ G1 चेकपॉइंट को बायपास कर सकती हैं और अनियंत्रित रूप से बढ़ सकती हैं।

📌 Mnemonic: “Mutated P53 = No DNA Repair = Cancer”


📌 NEET के लिए महत्वपूर्ण प्रश्न (Important NEET Questions)

Q1. कोशिका चक्र का मुख्य नियंत्रण किसके द्वारा होता है?

  • उत्तर: Cyclins, CDKs, और Checkpoints

Q2. P53 जीन को “Guardian of Genome” क्यों कहा जाता है?

  • उत्तर: क्योंकि यह DNA क्षति का पता लगाकर कोशिका विभाजन को रोकता है।

Q3. M चेकपॉइंट (Spindle Checkpoint) का मुख्य कार्य क्या है?

  • उत्तर: यह सुनिश्चित करता है कि गुणसूत्र सही तरह से विभाजित हो रहे हैं।

Q4. यदि RB प्रोटीन निष्क्रिय हो जाए, तो क्या होगा?

  • उत्तर: कोशिका अनियंत्रित रूप से विभाजित होने लगेगी, जिससे कैंसर हो सकता है।

Q5. ऑन्कोजीन (Oncogenes) क्या होते हैं?

  • उत्तर: वे उत्परिवर्तित (Mutated) प्रोटोजीन होते हैं, जो कैंसर का कारण बनते हैं।

📌 निष्कर्ष (Conclusion)

✅ कोशिका चक्र का नियंत्रण Cyclins, CDKs, Checkpoints, P53, और RB प्रोटीन द्वारा किया जाता है।
यदि यह नियंत्रण असफल हो जाए, तो कैंसर जैसी बीमारियाँ हो सकती हैं।
G1, G2 और M चेकपॉइंट्स कोशिका चक्र के सबसे महत्वपूर्ण जाँच बिंदु हैं।
NEET में कोशिका चक्र और कैंसर पर आधारित प्रश्न बार-बार पूछे जाते हैं, इसलिए इसे अच्छे से समझें! 🚀

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