परमाणु का अध्ययन उसके विभिन्न घटकों, जैसे कि उपपरमाण्विक कण (subatomic particles), क्वांटम संख्याएँ (quantum numbers), और विभिन्न परमाणु मॉडल (atomic models) पर आधारित होता है। इस अध्याय में हम परमाणु के संरचनात्मक पहलुओं को समझेंगे, जिनमें प्रोटॉन (Proton), न्यूट्रॉन (Neutron), और इलेक्ट्रॉन (Electron) जैसी उपपरमाण्विक कणों के बारे में विस्तार से चर्चा की जाएगी।
1. Subatomic Particles (उपपरमाण्विक कण)
परमाणु में तीन मुख्य उपपरमाण्विक कण होते हैं:
- प्रोटॉन (Proton):
- प्रोटॉन का धनात्मक चार्ज (+1) होता है।
- यह परमाणु के नाभिक (nucleus) में स्थित होता है।
- प्रोटॉन का द्रव्यमान (mass) लगभग 1 अमू (amu) होता है।
- न्यूट्रॉन (Neutron):
- न्यूट्रॉन का कोई चार्ज नहीं होता (यह तटस्थ होता है)।
- यह भी परमाणु के नाभिक में स्थित होता है।
- न्यूट्रॉन का द्रव्यमान भी लगभग 1 अमू होता है, जो प्रोटॉन के समान होता है।
- इलेक्ट्रॉन (Electron):
- इलेक्ट्रॉन का ऋणात्मक चार्ज (-1) होता है।
- यह परमाणु के नाभिक के चारों ओर की परवलयिक कक्षाओं (orbitals) में घूमता है।
- इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान बहुत ही छोटा होता है, लगभग 1/1836 अमू।
2. Quantum Numbers (क्वांटम संख्याएँ)
क्वांटम संख्याएँ परमाणु में इलेक्ट्रॉनों की स्थिति और ऊर्जा का निर्धारण करती हैं। ये चार प्रकार की होती हैं:
- Principal Quantum Number (n): यह इलेक्ट्रॉन के ऊर्जा स्तर को दर्शाता है। n का मान 1, 2, 3, … होता है।
- Azimuthal Quantum Number (l): यह इलेक्ट्रॉन के कक्षीय आकार (shape) को दर्शाता है। इसका मान 0 से n-1 तक होता है।
- Magnetic Quantum Number (mₗ): यह इलेक्ट्रॉन के कक्षीय अभिमुखता (orientation) को दर्शाता है।
- Spin Quantum Number (mₛ): यह इलेक्ट्रॉन के घूर्णन (spin) की दिशा को दर्शाता है, जो +1/2 या -1/2 हो सकता है।
3. Bohr’s Model (बोर का मॉडल)
बोर का परमाणु मॉडल 1913 में नील्स बोर द्वारा प्रस्तुत किया गया था। इस मॉडल के अनुसार:
- परमाणु में इलेक्ट्रॉन निश्चित कक्षाओं (orbits) में घूमा करते हैं, और प्रत्येक कक्षा का एक निश्चित ऊर्जा स्तर होता है।
- जब इलेक्ट्रॉन एक ऊर्जा स्तर से दूसरे ऊर्जा स्तर में जाता है, तो वह ऊर्जा का अवशोषण या उत्सर्जन करता है, जो एक निश्चित क्वांटम ऊर्जा (quantum energy) के रूप में होता है।
बोर के मॉडल के प्रमुख सिद्धांत:
- इलेक्ट्रॉन केवल विशिष्ट परवलयिक कक्षाओं (orbits) में ही घूम सकते हैं।
- इन कक्षाओं में इलेक्ट्रॉन का ऊर्जा स्तर निश्चित होता है।
- जब इलेक्ट्रॉन एक कक्षा से दूसरी कक्षा में जाता है, तो वह एक निश्चित ऊर्जा (quanta) का अवशोषण या उत्सर्जन करता है।
4. Rutherford’s Atomic Model (रदरफोर्ड का परमाणु मॉडल)
रदरफोर्ड का परमाणु मॉडल 1911 में एर्नेस्ट रदरफोर्ड द्वारा प्रस्तुत किया गया था। इस मॉडल के अनुसार:
- परमाणु में एक केंद्रित नाभिक होता है, जिसमें प्रोटॉन और न्यूट्रॉन स्थित होते हैं।
- इलेक्ट्रॉन इस नाभिक के चारों ओर घूमते हैं, लेकिन उनका स्थान अनिश्चित होता है।
- इस मॉडल ने यह सिद्ध किया कि परमाणु का अधिकांश भाग खाली स्थान (empty space) होता है, क्योंकि नाभिक केवल छोटे से क्षेत्र में स्थित होता है।
रदरफोर्ड के मॉडल के प्रमुख बिंदु:
- नाभिक में धनात्मक चार्ज होता है, जो प्रोटॉनों द्वारा उत्पन्न होता है।
- इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर कक्षाओं (orbits) में घूमते हैं।
- यह मॉडल परमाणु के व्यास में बहुत बड़ा अंतर (empty space) दर्शाता है, जो अन्य कणों के बिना खाली होता है।
NEET Perspective Questions (NEET हेतु महत्वपूर्ण प्रश्न)
Q1. प्रोटॉन, न्यूट्रॉन और इलेक्ट्रॉन में से किसका द्रव्यमान सबसे अधिक होता है?
- उत्तर: प्रोटॉन और न्यूट्रॉन का द्रव्यमान लगभग समान होता है, और यह इलेक्ट्रॉन से बहुत अधिक होता है।
Q2. बोर के मॉडल के अनुसार इलेक्ट्रॉन को किस प्रकार की कक्षाओं में घुमने की अनुमति होती है?
- उत्तर: बोर के मॉडल के अनुसार, इलेक्ट्रॉन को केवल विशिष्ट परवलयिक कक्षाओं (orbits) में घूमने की अनुमति होती है, और इन कक्षाओं का एक निश्चित ऊर्जा स्तर होता है।
Q3. रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल में परमाणु का अधिकांश भाग किससे बना होता है?
- उत्तर: रदरफोर्ड के मॉडल के अनुसार, परमाणु का अधिकांश भाग खाली स्थान (empty space) होता है, क्योंकि नाभिक केवल छोटे से क्षेत्र में स्थित होता है।
NEET Perspective Diagrams (NEET हेतु महत्वपूर्ण चित्र)
- Bohr’s Atomic Model Diagram: इसमें इलेक्ट्रॉन को नाभिक के चारों ओर विशिष्ट कक्षाओं में दिखाया जाता है।
- Rutherford’s Atomic Model Diagram: इसमें नाभिक के चारों ओर घूमते हुए इलेक्ट्रॉन को दर्शाया जाता है, और नाभिक को केंद्र में दिखाया जाता है।