इन्फेंटाइल लिवर सिरोसिस, जिसे बाल यकृत सिरोसिस भी कहा जाता है, एक दुर्लभ और गंभीर स्थिति है जो नवजात शिशुओं और छोटे बच्चों में यकृत (लिवर) के टिशू में क्षति और धीरे-धीरे उसके कार्यों में गिरावट को दर्शाता है। यह स्थिति लिवर टिशू के धीरे-धीरे खराब होने और फाइब्रोसिस (स्कार टिशू का निर्माण) के कारण होती है, जिससे लिवर की सामान्य कोशिकाओं का विकास और कार्य बाधित होता है।
कारण:
बच्चों में लिवर सिरोसिस के कुछ संभावित कारण निम्नलिखित हैं:
1. आनुवंशिक रोग: कुछ आनुवंशिक स्थितियाँ जैसे कि विल्सन रोग, अल्फा-1 एंटीट्रिप्सिन की कमी, और गैलेक्टोसीमिया यकृत की समस्याएं पैदा कर सकती हैं।2. बायलरी एट्रीशिया: यह एक स्थिति है जहाँ लिवर से पित्त नलिकाएं ठीक से विकसित नहीं होती हैं या अवरुद्ध हो जाती हैं।
3. क्रोनिक वायरल हेपेटाइटिस: जैसे कि हेपेटाइटिस B और C, जो बच्चों में कम आम हैं लेकिन लिवर को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
4. ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस: जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से लिवर कोशिकाओं पर हमला करती है।
लक्षण:
बाल यकृत सिरोसिस के लक्षण व्यापक और विविध हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:- पीलिया (त्वचा और आँखों का पीला होना)- पेट में सूजन (एसाइट्स के कारण)- थकान और कमजोरी- भूख न लगना और वजन घटना- आसानी से चोट लगना या रक्तस्राव होना- उल्टी और दस्त
निदान:
लिवर सिरोसिस का निदान करने के लिए डॉक्टर आमतौर पर निम्नलिखित टेस्ट कर सकते हैं:- रक्त परीक्षण- अल्ट्रासाउंड- कम्प्यूटेड टोमोग्राफी (CT) या मैग्नेटिक रेसोनेंस इमेजिंग (MRI)- लिवर बायोप्सी
उपचार:
इन्फेंटाइल लिवर सिरोसिस का उपचार इसके कारण पर निर्भर करता है और यह निम्नलिखित में से हो सकता है:- आहार में परिवर्तन और विशेष पोषण
संबंधी उपचार- दवाइयाँ जैसे कि इम्यूनोसप्रेसिव्स, एंटीवायरल दवाएं, और अन्य समर्थन उपचार जो लिवर की सूजन और क्षति को कम करने में मदद कर सकती हैं।- पित्त नलिकाओं की समस्याओं के लिए सर्जरी, जैसे कि बायलरी एट्रीशिया में कसाई प्रक्रिया, जिसमें अवरुद्ध पित्त नलिकाओं को हटाने और नई नलिका बनाने के लिए आंत के एक हिस्से का उपयोग किया जाता है।- एंडोस्कोपिक प्रक्रियाएं जैसे कि एंडोस्कोपिक वैरिसल लिगेशन, जिसमें खून बहने वाली नसों को बांध दिया जाता है ताकि रक्तस्राव को रोका जा सके।-
अंत में, अगर लिवर की क्षति अत्यधिक हो जाती है और अन्य उपचार प्रभावी नहीं होते, तो लिवर प्रत्यारोपण (लिवर ट्रांसप्लांट) एक विकल्प हो सकता है। यह उपचार बच्चे की जिंदगी बचा सकता है और उसे सामान्य जीवन जीने का मौका दे सकता है।
देखभाल और समर्थन:बाल यकृत सिरोसिस वाले बच्चे की देखभाल करते समय, नियमित चिकित्सा जांच और उपचार के साथ-साथ घर पर उचित देखभाल भी जरूरी है। माता-पिता और देखभालकर्ताओं को निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना चाहिए:- बच्चे की दिनचर्या में उचित पोषण और हाइड्रेशन शामिल करें।- बच्चे की दवाइयों का सख्ती से पालन करें और नियमित रूप से डॉक्टर से मिलें।- बच्चे को संक्रमण से बचाने के लिए स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें।- लक्षणों में किसी भी प्रकार के बदलाव की तुरंत सूचना चिकित्सक को दें।बाल यकृत सिरोसिस एक चुनौतीपूर्ण स्थिति है और इसका प्रबंधन व्यापक चिकित्सा देखभाल और पारिवारिक सहयोग की मांग करता है। माता-पिता और देखभालकर्ताओं को चिकित्सकों के साथ मिलकर काम करना चाहिए ताकि बच्चे को सबसे अच्छा संभव उपचार और जीवन की गुणवत्ता प्रदान की जा सके।