VOMITING-कै या उल्टी

रोग परिचय

पेट के अन्दर स्थित पदार्थ जब मुख के रास्ते जबरदस्ती बाहर निकलते हैं, तो उस स्थिति को उल्टी (Vomits/Vomiting) कहते हैं। आयुर्वेद में इसे छर्दिरोग कहा जाता है।

उल्टी होना अपने आप में कोई रोग नहीं है। अजीर्ण एवं हैजा का एक लक्षण वमन भी है। कई बार खाली पेट ही उबकाई आती है। उसमें कड़वा पित्त या अम्ल निकलता है। दूध पिया, वह भी उसी रूप में या फटकर बाहर निकल आता है।

रोग के प्रमुख कारण

यह एक प्रतिवर्तित क्रिया है, जो उदर के आन्तरिक एवं बाह्य अनेक कारणों के परिणामस्वरूप होती है-

1. कुछ फूल यथा आमाशय या छोटी आँत सूजन आना, अपेंडिसाइटिस पित्ताशय एवं उदरावरण कला में सूजन आना आदि के कारण भी के होती है। 

2. जठर एवं संग्रहणी के घावों (ulcers) में भी के होती है।

3. उदर को छोड़कर अन्य अवयवों के रोग जैसे मस्तिष्कावरण शोथ, यूरीमिया, मलेरिया, पीलिया में भी कै होती देखी गई है। 

4. बहुत ज्यादा खाना खाने से।

रोग के प्रमुख लक्षण

1. कै होने से पूर्व जी मिचलाता है। 

2. उबकाई आने लगती है।

3. मुँह से लालस्राव (Salivation) शुरू हो जाता है।

4. खट्टी-तीखी डकार आती हैं।

5. अचानक लार टपकने लगती है।

6. खट्टा, तीखा, फीका पानी मुँह से बाहर निकलता है।

7. खाया हुआ खाना भी बाहर निकलता है।

8. उसके साथ कफ और पित्त जैसे दोष भी बाहर निकलते हैं।

9. गर्भावस्था में प्रायः हर सवेरे के समय वमन या कै हुआ करती है। इस वमन या मितली के आराम होने में देर लगती है

Note  आमतौर पर खाई हुई चीजें हजम न होने पर या किसी उत्तेजक चीज के पेट में पहुँच जाने से भी वमन हुआ करती है।

रोग की पहचान

जिस रोग से कै हो, उसकी खोज करें। रोग (क) की पहचान सरल है।

रोग का परिणाम

मस्तिष्क रोग (विशेषकर मिरगी और हिस्टीरिया आदि) में के होना अच्छा नहीं है। यदि स्वस्थ मनुष्य को अचानक जोरों की कै होने लगे तो भी ठीक नहीं है।

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