HIRSCHSPRUNG’S DISEASE- हर्षस्प्रंग रोग

हर्षस्प्रंग रोग क्या है

इस रोग में बड़ी आँतों में विशेषकर अन्तिम भाग में पाये जाने वाले पैरासिम्पथैटिक गैन्गलिऑन नर्व सेल्स अनुपस्थित रहते हैं। अतः बड़ी आँत का वह हिस्सा सिकुड़ा हुआ सा रह जाता है। इस हिस्से के ऊपर की आँत ढीली और फैली हुई प्रतीत होती है, इसलिये उसे मैगाकोलन कहते हैं।

Hirschsprung's disease

Symptoms

यह रोग बालकों में अधिक पाया जाता है। इसके लक्षण जन्म से ही या प्रथम वर्ष के दौरान स्पष्ट दीखने लगते हैं।

मिकोनियम का न निकलना एवं कब्ज रहना, कै-उल्टी, आध्यमान (पेट फूल जाना). पाखाना पानी के समान, छोटी गोलियों के रूप में अथवा फीतानुमा होता है। बच्चे का पेट दुखता है और ज्वर बना रहता है।

Hirschsprung's disease

रोग की पहचान

रोग की पुष्टि के लिये 6 माह से बड़े बालक का बेरियम मील एक्स-रे कराया जाना चाहिये। एक्स-रे लेने के पश्चात् बेरिरियम को साफ कर देना चाहिये। रेक्टल जाँच के दौरान आँत की रुकावट वाले भाग के नीचे पाखाना नहीं मिलता।

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