परिचय:
कालाजार जिसे Visceral Leishmaniasis भी कहा जाता है, एक गंभीर संक्रामक रोग है जो Leishmania donovani नामक परजीवी से होता है। यह रोग रेत मक्खी (sand fly) के काटने से फैलता है और मुख्य रूप से शरीर के लीवर, प्लीहा (spleen) और बोन मैरो को प्रभावित करता है। यदि इसका समय पर उपचार न किया जाए तो यह जानलेवा साबित हो सकता है।
कालाजार के कारण (Causes of Kala-Azar):
- लीश्मानिया परजीवी (Leishmania donovani) – यह रोग का मुख्य कारण है।
- रेत मक्खी (Sand Fly) – संक्रमित मक्खी के काटने से यह रोग फैलता है।
- कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली – जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, उन्हें संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है।
- गंदगी और नमी वाले स्थान – रेत मक्खियाँ गंदे, नमी वाले इलाकों में पनपती हैं, जिससे संक्रमण फैलता है।
कालाजार के लक्षण (Symptoms of Kala-Azar):
- लगातार बुखार रहना – विशेषकर शाम को बुखार बढ़ जाता है।
- वजन में कमी (Weight loss)
- थकान और कमजोरी (Fatigue)
- त्वचा का काला पड़ना (Darkening of skin) – इसी कारण इसे “कालाजार” कहा जाता है।
- तिल्ली और यकृत का बढ़ना (Enlargement of spleen and liver)
- एनीमिया (रक्त की कमी)
- भूख में कमी और पेट में दर्द
- बार-बार संक्रमण होना
कालाजार का निदान (Diagnosis):
- रक्त जांच (Blood Test) – लीश्मानिया परजीवी की पहचान के लिए।
- Bone Marrow Examination – परजीवी की उपस्थिति की पुष्टि के लिए।
- ELISA Test या rk39 Rapid Test – लीश्मानिया एंटीबॉडी की पहचान के लिए किया जाता है।
- Spleen/Liver Ultrasound – तिल्ली और यकृत के आकार की जांच के लिए।
कालाजार का उपचार (Treatment of Kala-Azar):
- औषधीय उपचार (Medical Treatment):
- Sodium Stibogluconate (SSG)
- Amphotericin B
- Miltefosine (oral medicine)
- Paromomycin
- आयुर्वेदिक उपचार (Ayurvedic Treatment):
- शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए अश्वगंधा, गिलोय, शतावरी, त्रिफला, च्यवनप्राश का सेवन लाभकारी होता है।
- गिलोय रस और तुलसी रस रोगाणुओं से लड़ने में सहायक हैं।
- नीम और हल्दी संक्रमण को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
- सपोर्टिव ट्रीटमेंट (Supportive Care):
- पर्याप्त आराम करें।
- पौष्टिक आहार लें जिसमें आयरन, विटामिन B12 और प्रोटीन प्रचुर मात्रा में हों।
- पानी और तरल पदार्थ पर्याप्त मात्रा में पिएँ।
रोकथाम (Prevention of Kala-Azar):
- रेत मक्खियों से बचाव के लिए मच्छरदानी का उपयोग करें।
- घर और आस-पास के क्षेत्र को साफ और सूखा रखें।
- कीटनाशक स्प्रे (Insecticide spray) का उपयोग करें।
- संक्रमित व्यक्ति के आसपास रेत मक्खी नियंत्रण कार्यक्रम चलाएँ।
- कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों को अच्छा पोषण और स्वच्छता बनाए रखना चाहिए।
जटिलताएँ (Complications):
यदि कालाजार का समय पर इलाज न किया जाए तो—
- गंभीर एनीमिया
- लीवर और प्लीहा का अत्यधिक बढ़ना
- संक्रमण से मृत्यु तक हो सकती है
निष्कर्ष (Conclusion):
कालाजार एक गंभीर लेकिन उपचार योग्य रोग है। समय पर पहचान, सही दवाओं का उपयोग और स्वच्छता के पालन से इस रोग से बचाव संभव है। रोग के लक्षण दिखने पर तुरंत विशेषज्ञ चिकित्सक से संपर्क करें।
FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न):
प्रश्न 1: कालाजार कैसे फैलता है?
उत्तर: यह Leishmania donovani परजीवी से संक्रमित रेत मक्खी के काटने से फैलता है।
प्रश्न 2: कालाजार का मुख्य लक्षण क्या है?
उत्तर: लंबे समय तक बुखार रहना, वजन घटना, और त्वचा का काला पड़ना इसके मुख्य लक्षण हैं।
प्रश्न 3: क्या कालाजार का इलाज संभव है?
उत्तर: हाँ, सही समय पर चिकित्सा और दवाओं से इसका इलाज पूरी तरह संभव है।
प्रश्न 4: क्या कालाजार दोबारा हो सकता है?
उत्तर: यदि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाए तो दोबारा संक्रमण हो सकता है।
प्रश्न 5: कालाजार से बचाव के क्या उपाय हैं?
उत्तर: रेत मक्खियों से बचें, मच्छरदानी का उपयोग करें और आसपास स्वच्छता बनाए रखें।