Laryngitis

स्वरयंत्र शोथ/लेरिंजाइटिस [Laryngitis]

What is Laryngitis

Laryngitis में स्वरयंत्र की श्लेष्मा झिल्ली में सूजन आ जाती है। यह सूजन स्वर रज्जु तथा उसके ऊपर नीचे के स्वरयंत्र के भाग में होती है।

Causes of laryngitis

1. सामान्य सर्दी-जुकाम, इन्फ्लूएंजा ।

2. पानी में भीगने से। 3. गले में धूल के कण या धुएँ के जाने से।

4. सीलन भरी जगह में रहने से।

5. जोर से गाना एवं भाषण अथवा व्याख्यान आदि देने से (जिसमें स्वरयंत्र का अधिक व्यवहार होता है)।

6. यकायक हवा की गति परिवर्तन आदि कारणों से (मौसम के बदलने) ।

7. स्वरयंत्र के संक्रमण ।

8. अधिक तम्बाकू, बीड़ी-सिगरेट का सेवन ।

9. अधिक मात्रा में शराब का सेवन।

10. जुकाम की स्थिति में अधिक जोर से बोलना ।

Symptoms of laryngitis

1. गला बैठना, आवाज भारी हो जाना और कभी-कभी आवाज का बिलकुल बन्द हो जाना।

2. दर्द कम होता है, पर बोलने और निगलने में अधिक दर्द होता है।

3. गले में खरखराहट रहना ।

4. सूखी खाँसी।

5. गले में कुटकुटाहट एवं जलन सी ।

6. अरुचि एवं श्वास लेने में कष्ट ।

 7. स्वरयंत्र में दर्द ।

8. इनडायरेक्ट लैरिंगोस्कोपी करने पर दोनों वोकल कार्ड पर लालिमा व चिपचिपा स्राव मिलता है।

रोग पहचान विधि

उपरोक्त रोग लक्षणों के आधार पर इसे पहचाना जा सकता है। लेरिन्जस्कोप नामक यंत्र से स्वरयंत्र की अक्रान्त स्थान की सूजन को देखकर इसे पहचाना जाता है।

रोग पूर्वानुमान (Prognosis)

ठीक-ठीक इलाज करने पर रोग 8-10 दिन में ठीक हो जाता है। यदि रोग समूल नष्ट न हो तो पुराना पड़कर (जीर्ण स्वरयंत्र शोथ) बहुत दिनों तक कष्ट दिया करता है।

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