परिचय
बच्चों के दाँत निकलते समय अपचन, उल्टी, दस्त तथा मन्द मन्द ज्वर आदि रोग न्यूनाधिक मात्रा में उत्पन्न होने लगते हैं, जिससे बच्चा सिर दर्द के कारण गिनगिनाया करता है। छठे, सातवें मास में बच्चे के दाँत निकलने लगते हैं।

Causes
ये सारे रोग (हरे-पीले दस्त, बेचैनी, दूध डालना, कान में दर्द, मसूड़ों का फूलना, ज्वर, अपचन आदि) दाँत निकलने के कारण होते हैं। यदि शरद ऋतु में दाँत निकलना प्रारम्भ होते हैं तो बच्चे को कोई विशेष कष्ट नहीं होता है। ग्रीष्म ऋतु में दाँत निकलने पर अतिसार एवं ज्वर के लक्षण कुछ अधिक उत्पन्न होते हैं।
Symptoms
बच्चे के दाँत निकलते समय में अपचन, उल्टी, दस्त, बेचैनी, दूध डालना, कान में दर्द, मसूड़ों का फूलना, मन्द मन्द ज्वर आदि रोग न्यूनाधिक मात्रा में उत्पन्न होने लगते हैं जिससे बच्चा सिर दर्द के कारण गिनगिनाया करता है । उभरते दाँतों के कारण उनके मसूड़े फूले होते हैं जिनमें टीसन बनी रहती है। ऐसा बच्चा दूसरों की अँगुलियाँ मुँह में डालकर उसे चबाने, काटने का प्रयास बार-बार करता है। सिर दर्द के कारण गोद में होने पर बच्चा माँ के कंधे पर अपना सिर पटकता रहता है। दिन में 5-6 बार पतले बदबूदार हरे रंग के फुटकेदार दस्त आते हैं। रात में भी 3-4 बार दस्त आया करते हैं। बच्चा कमजोर भी हो जाता है। दूध पीने के 1/2 घण्टे बाद बच्चा उल्टी कर दिया करता है जिसमें दही जैसा थक्केदार दूध निकलता है।
