What is retention of urine
मूत्राशय (ब्लैडर) से आगे रुकावट होने पर मूत्रावरोध (retention of urine) होता है। शुरू में पेशाब सहमकर आयेगा, पेशाब की धार कमजोर होगी और अन्त में बूँद-बूँद कर आयेगी।

Causes of retention of urine
यह रोग निम्न कारणों से हो सकता है-
1. प्रोस्टेट ग्रन्थि की वृद्धि ।
2. मूत्राशय ग्रीवा (ब्लैडर नेक) अवरोध
3. व्हैसीकल डाईवर्टीक्यूलम।
4. श्रोणिगुहा पेल्विक केविटी में पथरी, ट्यूमर, ग्रोथ एवं न्यूरोजैनिक ब्लैडर ।
5. मेरुदण्ड के रोग ।
6. शिश्न मुख की अतिसूक्ष्मता।
7.गर्भावस्था में वृद्धि।

अन्य कारण
मूत्रमार्ग में संकुचन, विदर, छिद्र, बाह्य पदार्थ, क्रियात्मक एवं दवाइयों से ।
symptoms of retention of urine
मरीज को बेचैनी व असहनीय पीड़ा होती है। मूत्र थोड़ी-थोड़ी मात्रा में दर्द के साथ होता है। नाभि के निचले भाग में तीव्र दर्द महसूस होता है। कभी-कभी मूत्र में मवाद व रक्त की उपस्थिति भी पायी जाती है।
1. शुरू में पेशाब सहमकर आयेगा, पेशाब की धार काफी कमजोर होगी और अन्त में बूँद-बूँद आयेगी।
2. मसाना (ब्लैडर) फूला हुआ (डिस्टेन्डेड) हो सकता है।

रोग की पहचान
उपरोक्त लक्षणों के आधार पर रोग के पहचानने में कोई कठिनाई नहीं होती है। पेशाब रुकने पर निम्न जौंचें की जाती हैं–
1. ‘यूरेथ्रोस्कोपी’- सिस्टोस्कोपी’ ।
2. आयु. व्ही. पी. टी. यू. आर. एवं अल्ट्रा सोनोग्राफी।

रोग का परिणाम
पेशाब रुकने से उसमें इन्फैक्शन होकर वह ऊपर जाता है जिससे किडनी खराब होकर गम्भीर बीमारी होती है। पेशाब की थैली में खिंचाव आकर रक्त आने लगता है। ऑपरेशन के बाद बहुत पेशाब रुकने से ऑपरेशन की जगह रक्तस्राव व इन्फैक्शन हो सकता है।
Treatment
[Note: कृपया डॉक्टर की सलाह, निदान और इलाज के लिए हमें संपर्क करें।]