Eczema Meaning
Eczema एक सामान्य त्वचा विकार है जो त्वचा के सूजन और खुजली से जुड़ा होता है। इसे अटोपिक डर्मेटाइटिस भी कहा जाता है और यह विशेष रूप से बच्चों में आम है, हालांकि यह वयस्कों में भी हो सकता है। इसकी विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
- सूजन और लालिमा: त्वचा पर सूजन और लाल रंग के चकत्ते दिखाई देते हैं।
- खुजली: यह एक्जिमा की सबसे आम लक्षण है और कभी-कभी यह इतनी तीव्र हो सकती है कि नींद में भी खलल पड़ सकता है।
- सूखापन और पपड़ीदार त्वचा: प्रभावित त्वचा सूखी और पपड़ीदार हो जाती है।
- घाव और तरल पदार्थ का रिसाव: गंभीर मामलों में, चकत्ते खुल सकते हैं और एक स्पष्ट तरल पदार्थ रिस सकता है।
Eczema की शुरूआत या तो एक फैली हुई रक्तिम पैच के रूप में होती है या एक पिटिका के रूप में जो किसी क्षोभ के कारण पैदा होती | तत्पश्चात् रक्तिम पैच के ऊपर पुटिकायें या बड़ी पिटिकायें उभर आती हैं। इनमें तीव्र स्वरूप की खुजली होती है।

Causes of Eczema
Eczema का सही कारण अब तक मालूम नहीं हो सका है। परन्तु शरीर में होने वाली एलर्जिक प्रतिक्रियाओं के फलस्वरूप यह रोग होता है। कृत्रिम कपड़े (जैसे- नायलोन, टेरीकार्टन इत्यादि), कपड़ा रंगने वाले रजक द्रव्य वस्त्रों में व्यवहार किये जाने वाले सामान (जैसे- जीप, क्लीप, बुक, रबड़ या प्लास्टिक के सामान) भी एक्जीमा पैदा कर सकते हैं। रबड़ के जूते या दूसरे कृत्रिम पदार्थों से बने जूते भी एक विशेष प्रकार का एक्जीमा (Infective-eczema) पैदा करते है। कई फल जैसे (केला, नारंगी या नीबू का छिलका एक्जीमा पैदा कर सकते हैं। कतिपय शृगार प्रसाधन (जैसे- शरीर में लगाने वाला पाउडर, ओष्ठ-रंजक, नख-रंजक, केश- रंजक, इत्र इत्यादि भी एक्जीमा पैदा कर सकते हैं।
कतिपय रासायनिक द्रव्य जैसे क्षारक पदार्थ, घुलनशील बनाने वाले पदार्थ, साबुन, डिटरजेन्टस, फोर्मेलिन इत्यादि भी एक्जीमा पैदा करते हैं। अति सुग्राहिता प्रतिक्रिया लाने वाली दवाओं (जैसे- पेनिसिलीन, स्ट्रैप्टोमाइसीन, सल्फा ड्रग्स, क्लोरम्फेनिकॉल, क्लोरप्रोमाजिन, B-कॉम्पलेक्स, आयोडीन तथा लिवर इक्स्ट्रेक्ट आदि) से । इम्पेटाइगो अथवा दाद का पैच भी आगे चलकर एक्जीमा का रूप ले सकता है। कतिपय सामान्य चीजें जो प्रतिदिन व्यवहार में लायी जाती हैं (जैसे- कृत्रिम कपड़े, धोने वाले सामान, श्रृंगार प्रसाधन, रंजक पदार्थ, प्लास्टिक या रबर के जूते, क्रोमियम के कलीय या स्ट्रेप, कृत्रिम गहने, दवायें तथा रासायनिक द्रव्य इसका कारण बनती हैं
Symptoms of Eczema
प्रभावित क्षेत्र में छोटी-छोटी लाल फुंसियाँ सी निकलती हैं जिसमें खुजली, जलन व दर्द भी होता है। खुजलाने से इन फुंसियों में द्वितीय संक्रमण (Secondary infection) होने पर यह घाव का रूप ले लेती हैं। इनसे सफेद या पीले रंग का पानी सा निकलने लगता है। तीव्र अवस्था में त्वचा लाल फूली हुई व उस पर छोटे-छोटे फफोले बन जाते हैं। उनसे पानी निकलना शुरू हो जाता है एवं पपड़ी जम जाती है। त्वचा मोटी व कठोर हो जाती है।
शिशु एक्जीमा नवजात शिशुओं या कम उम्र के बच्चों में होता है। अधिकतर यह चेहरे पर होता है। एक्जीमा के पैच एक या दोनों गालों पर निकलते हैं। यह फैल कर कपाल,खोपड़ी तथा ठुड्डी तक पहुँच जाते हैं। शुरू में वहाँ की त्वचा लाल हो जाती है, उसके बाद वहाँ की त्वचा पर हल्की दरारें पड़ जाती हैं और सीरम निकलने लगता है। इसके बाद पपड़ियाँ पड़ कर उनमें तीव्र खुजली होने लगती है।
हथेली और तलवों के एक्जीमा में पुटकीय विस्फोट तो होते हैं पर त्वचा की परत मोटी हो जाने के कारण सतह के ऊपर उठ नहीं पाते और चकत्तों की तरह हथेली और तलवों पर फैल जाते हैं। विक्षिप्तियाँ या तो सूख जाती हैं या पपड़ीदार पैचों के रूप में रह जाती हैं। इनमें दुखदायी दरारें भी पड़ जाती हैं। ऐसा एक्जीमा साबुन तथा डिजरजेन्टस के प्रयोग से होता है। सिक्काभ एक्जीमा प्रायः वयस्कों में होता है। यह हाथ-पैर के प्रसारक क्षेत्रों तथा पिंडलियों के ऊपर सिक्के के रूप में उभरे हुए पैच दिखायी देते हैं।
Note
यह बीमारी सिर, कान, मुँह, हाथ और पैरों में या शरीर के सभी स्थानों में हो सकती है। पहले रोग वाली जगह लाल हो जाती है फिर वहाँ छोटे-छोटे फटे-फटे एक प्रकार के उद्भेद निकलते हैं। उनमें से सीरम (रस) निकलता है और जलन होती है।
रोग का परिणाम
यदि ठीक प्रकार से इलाज न किया जाए यानि Eczema treatment तो यह बीमारी बहुत दिनों तक बनी रहती है। यदि यह एकाएक दब जाती है तो फेफड़ों की बीमारी, दमा, अतिसार, यकृत रोग और स्त्रियों को प्रदर आदि नाना प्रकार की बीमारियाँ हो सकती हैं।
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