DENGUE FEVER-हड्डी तोड़ बुखार/डेंगू फीवर

डेंगू फीवर क्या है?

यह एक घातक संक्रामक रोग है जो ‘क्यूलेक्स’ मच्छरों के द्वारा फैलता है। इसमें एकाएक ज्वर चढ़कर चौथे-पाँचवें दिन कुछ कम होकर एक दो दिन रहकर उतर जाता है। इस ज्वर में मुख्य रूप से शरीर और विशेषकर अस्थियों में तीव्र पीड़ा और भयानक दर्द होता है।

Dengue fever

Dengue fever causes

वैज्ञानिक अनुसंधानों से इस तथ्य की पुष्टि की जा चुकी है कि डेंगू ज्वर एक विषाणु जनित रोग है जिसका कारक ‘फ्लेवी वायरस है।

डेंगू के विषाणुओं का वाहक एंडीज’ नामक मच्छर है जो वर्षा ऋतु में अधिकता से पाया जाता है। यह जल भराव, निष्प्रयोज्य टिन के डिब्बों, टूटी बोतलों, अग्नि शामक बाल्टियों, पुराने टायर, फूलदान, मिट्टी के बर्तनों, नारियल के खोल, पोड़ों के खोखे आदि स्थानों पर तेजी से पनपते हैं। इसके अण्डे पृथक-पृथक, व सिगार की आकृति के होते हैं। प्रौढ मच्छर गहरे काले रंग का होता है और शरीर पर तथा टोंगों पर सफेद धारियाँ होने के कारण इसे टाइगर मच्छर भी कहते हैं।

Dengue fever

Dengue fever symptoms

शरीर में विषाणु के प्रविष्ट होने के बाद (3 से 5 दिनों में) शरीर अस्वस्थ सा मालूम देता है और शरीर में असहनीय वेदना होती है। इसके बाद ही एकाएक शरीर में शीत लगकर ज्वर चढ़ता है। ज्वर के साथ-साथ कनपटियों की शाखागत अस्थियों एवं शरीर की अन्य अस्थियों में तीव्र पीड़ा होती है, ऐसी स्थिति में ऐसा लगता है कि हड्डियाँ टूटी जा रही हैं। इसीलिये इस रोग का नाम हड्डी तोड़ बुखार नाम दिया गया है। इसमें मुख्य रूप से तीव्र ज्वर, सिर दर्द एवं अस्थियों में टूटने के समान पीड़ा, कमर में दर्द, कंपकंपी, सर्दी, निद्रानाश बेचैनी आदि लक्षण होते हैं। दर्द हाथ की उँगलियों से आरम्भ होकर एक स्थान से दूसरे स्थान में हट-हटकर होता है। इसके अतिरिक्त अस्थियों के जोड़ों में भी दर्द होता है।

Dengue fever

नेत्रों में भी पीड़ा का कष्ट होता है। रोगी की जाँघों में बहुत अधिक पीड़ा होती है। रोगी को रोशनी सहन नहीं होती है। शरीर का तापमान 102- 107 डिग्री तक हो जाता है। चेहरा रक्तिम तथा आँखें लाल हो जाती हैं। ज्वर तीसरे दिन उतर जाता है और दो दिन तक उतरा रहता है। इसके उपरान्त पुनः चढ़ जाता है और दो दिनों तक बढ़ा हुआ रहता है। इस बीच एक रोमांतिका रूपी विस्फोट (Morbilliform rash) हाथ या पैर के पृष्ठ भाग में निकल आता है और ऊपर बढ़ने लगता है। नाक से या अन्य जगहों से रक्तस्राव होना सम्भव है। रक्तस्रावी प्रकार का भी यह रोग होता है जो बच्चों में होता है और अक्सर घातक होता है।

Note

यह रोग प्रायः सभी आयु के व्यक्तियों में होता है। यदि घर के एक व्यक्ति को ज्वर हो जाये तो अनेकों को एक साथ हो सकता है। यदि कोई साधारण मच्छर इस रोग से पीड़ित व्यक्ति को काट ले और रक्त चूसकर किसी अन्य व्यक्ति को काट ले, तो उसके मुख से एक प्रकार के विषाणु शरीर में प्रविष्ट हो जाने के उपरान्त उसे भी डेंगू ज्वर उत्पन्न हो जाता है।

रोग की पहचान

लक्षणों के आधार पर रोग की पहचान आसानी से हो जाती है। रक्त परीक्षा करने पर श्वेत कोशिका अल्पता मिलती है। रक्त में वायरस को पहचाना जा सकता है। अथवा इसके एण्टीबॉडी (1 gm. एण्टीबॉडी) के स्तर को नापा जा सकता है।

Dengue fever

रोग का परिणाम

हेमेरेजिक डेंगू एक गम्भीर किस्म है जो बच्चों को प्रभावित करती है। जब रोगी चिकित्सा के अभाव में शॉक की स्थिति में पहुँच जाता है तो रोगी को जान का खतरा हो जाता है।

जानिए डेंगू फीवर कसे फेलता है

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