Hepatitis E – यकृत शोथ (हेपेटाइटिस E) का सफल इलाज

परिचय

हेपेटाइटिस E (Hepatitis E) एक वायरल संक्रमण है जो मुख्य रूप से यकृत (Liver) को प्रभावित करता है। यह रोग Hepatitis E Virus (HEV) के कारण होता है और प्रायः दूषित पानी या भोजन के सेवन से फैलता है। भारत जैसे देशों में यह एक सामान्य संक्रमण है, जो अक्सर बरसात या गंदे पानी के मौसम में अधिक देखा जाता है।

हेपेटाइटिस E के प्रमुख कारण (Causes)

  1. वायरस संक्रमण (HEV): यह मुख्य कारण है, जो दूषित पानी या खाने से शरीर में प्रवेश करता है।
  2. स्वच्छता की कमी: खुले में शौच, गंदे बर्तन या दूषित हाथों से खाना खाने से संक्रमण फैलता है।
  3. दूषित पानी का उपयोग: संक्रमित व्यक्तियों का मल जल स्रोतों को दूषित कर देता है।
  4. कमजोर प्रतिरोधक शक्ति (Low Immunity): जिनकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, उन्हें संक्रमण जल्दी होता है।
  5. गर्भावस्था: गर्भवती महिलाओं में यह रोग अधिक गंभीर हो सकता है और कभी-कभी जानलेवा भी सिद्ध हो सकता है।

हेपेटाइटिस E के लक्षण (Symptoms)

  1. थकान और कमजोरी
  2. भूख में कमी और मितली
  3. पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द
  4. त्वचा और आंखों का पीला पड़ना (Jaundice)
  5. गहरे रंग का मूत्र और हल्के रंग का मल
  6. हल्का बुखार
  7. उल्टी और मिचली आना
  8. यकृत का बढ़ना (Liver Enlargement)

👉 अधिकांश मामलों में लक्षण 2–8 हफ्तों के भीतर ठीक हो जाते हैं, लेकिन गर्भवती महिलाओं या गंभीर मरीजों में लिवर फेल्योर का खतरा रहता है।

रोग का निदान (Diagnosis)

  1. ब्लड टेस्ट (Blood Test): HEV IgM और IgG एंटीबॉडी की जांच की जाती है।
  2. लिवर फंक्शन टेस्ट (LFT): SGPT, SGOT और बिलीरुबिन की मात्रा बढ़ जाती है।
  3. अल्ट्रासाउंड (Ultrasound): लिवर के आकार और सूजन की जांच के लिए।
  4. PCR टेस्ट: वायरस के RNA की पहचान करने के लिए।

एलोपैथिक उपचार (Allopathic Treatment)

हेपेटाइटिस E के लिए कोई विशिष्ट दवा नहीं होती, लेकिन लक्षणों के अनुसार उपचार किया जाता है —

  1. आराम (Rest): शरीर को पर्याप्त आराम देना आवश्यक है।
  2. तरल पदार्थों का सेवन: नारियल पानी, जूस, और सूप से शरीर में पानी की कमी पूरी करें।
  3. लिवर को सुरक्षित रखें: अल्कोहल, तैलीय और मसालेदार भोजन से परहेज करें।
  4. एंटीवायरल दवाएँ (In Severe Cases): गंभीर संक्रमण में Ribavirin जैसी दवाएँ दी जा सकती हैं।

आयुर्वेदिक उपचार (Ayurvedic Treatment for Hepatitis E)

आयुर्वेद में हेपेटाइटिस को “कामला” रोग कहा गया है। इसका मुख्य कारण पित्त दोष की वृद्धि और यकृत की कमजोरी है।
कुछ प्रभावी आयुर्वेदिक उपचार निम्नलिखित हैं —

प्रमुख औषधियाँ:

  1. भृंगराज रस / भृंगराज चूर्ण: लिवर को पुनर्जीवित करता है।
  2. कुटकी (Picrorhiza kurroa): हेपेटोप्रोटेक्टिव औषधि जो लिवर डिटॉक्स करती है।
  3. आंवला रस: एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है।
  4. गिलोय सत्व: रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और लिवर की सूजन घटाता है।
  5. पुनर्नवा मंडूर: लिवर की कार्यक्षमता को सुधारने में सहायक।
  6. शरबत सैंडल / नारियल पानी: शरीर को ठंडक और राहत प्रदान करता है।

आहार और जीवनशैली (Diet & Lifestyle Tips)

क्या खाएं:

  • नारियल पानी, गिलोय रस, आंवला जूस
  • पपीता, सेब, अनार, तरबूज
  • मूंग दाल, खिचड़ी, हल्का सूप
  • उबला पानी और हल्के भोजन का सेवन करें

क्या न खाएं:

  • तला हुआ, मसालेदार और जंक फूड
  • शराब और धूम्रपान
  • चाय, कॉफी और कोल्ड ड्रिंक
  • देर रात जागना और मानसिक तनाव

बचाव के उपाय (Prevention)

  1. केवल शुद्ध और उबला हुआ पानी पिएं।
  2. भोजन को ढककर रखें और ताज़ा खाएं।
  3. हाथ धोना – खाने से पहले और बाद में साबुन से हाथ धोएं।
  4. संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से बचें।
  5. गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।

संभावित जटिलताएँ (Complications)

  • लिवर फेल्योर
  • गर्भवती महिलाओं में गर्भपात या मृत्यु
  • क्रॉनिक लिवर डिजीज (कम मामलों में)
  • पीलिया का बढ़ना और रक्ताल्पता (Anemia)

निष्कर्ष (Conclusion)

हेपेटाइटिस E एक रोकथाम योग्य रोग है जो मुख्य रूप से गंदे पानी और खराब स्वच्छता के कारण होता है। यदि समय पर पहचान और उपचार किया जाए, तो यह कुछ हफ्तों में पूरी तरह ठीक हो सकता है
आयुर्वेदिक औषधियों और संतुलित आहार से लिवर की क्षमता को पुनः स्थापित किया जा सकता है और भविष्य में हेपेटिक संक्रमण से बचाव संभव है।

FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

Q1. क्या हेपेटाइटिस E संक्रामक होता है?
👉 हाँ, यह दूषित पानी और भोजन से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है।

Q2. क्या हेपेटाइटिस E से पूरी तरह ठीक हुआ जा सकता है?
👉 हाँ, अधिकांश मामलों में यह रोग 4-8 हफ्तों में ठीक हो जाता है।

Q3. क्या हेपेटाइटिस E के लिए कोई वैक्सीन उपलब्ध है?
👉 फिलहाल भारत में हेपेटाइटिस E के लिए कोई व्यापक रूप से उपलब्ध वैक्सीन नहीं है।

Q4. क्या यह गर्भवती महिलाओं के लिए खतरनाक है?
👉 हाँ, गर्भवती महिलाओं में इसका संक्रमण गंभीर रूप ले सकता है, इसलिए सावधानी जरूरी है।

Q5. हेपेटाइटिस E में क्या खाना चाहिए?
👉 हल्का, उबला हुआ, और आसानी से पचने वाला भोजन जैसे मूंग दाल, खिचड़ी, नारियल पानी आदि।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top
Open chat
1
Hello 👋
Can we help you?
Call Now Button