UNIT 4: Plant Physiology (पादप शरीर क्रिया विज्ञान)

👉 इस भाग में पौधों में होने वाली विभिन्न शारीरिक प्रक्रियाओं को समझते हैं, जैसे जल और खनिजों का परिवहन, प्रकाश संश्लेषण, श्वसन आदि।


Transport in Plants (पौधों में परिवहन प्रणाली)

👉 पौधों में जल, खनिज (minerals), और पोषक तत्वों (nutrients) का एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचना परिवहन (Transport) कहलाता है।

मुख्य प्रकार के परिवहन:

1️⃣ Diffusion (प्रसरण)
2️⃣ Osmosis (परासरण)
3️⃣ Water Potential & Plasmolysis (जल विभव और प्लास्मोलाइसिस)
4️⃣ Ascent of Sap (रसारोहण)
5️⃣ Transpiration (वाष्पोत्सर्जन)


1️⃣ Diffusion (प्रसरण) – बिना किसी रुकावट के कणों का प्रवाह

क्या होता है?

  • जब किसी पदार्थ (जैसे गैस या द्रव) के कण एक जगह से दूसरी जगह अपने उच्च सांद्रता (high concentration) से निम्न सांद्रता (low concentration) की ओर जाते हैं, तो इसे Diffusion (प्रसरण) कहते हैं।
  • यह बिना किसी झिल्ली (membrane) की सहायता के होता है।

उदाहरण:

  • खुशबूदार फूल से सुगंध का फैलना।
  • पत्तियों में कार्बन डाइऑक्साइड और ऑक्सीजन का आदान-प्रदान।

2️⃣ Osmosis (परासरण) – अर्ध-पारगम्य झिल्ली के द्वारा जल का प्रवाह

क्या होता है?

  • जब जल एक अर्ध-पारगम्य झिल्ली (Semi-permeable membrane) के द्वारा उच्च जल सांद्रता (high water concentration) से निम्न जल सांद्रता (low water concentration) की ओर प्रवाहित होता है, तो इसे Osmosis (परासरण) कहते हैं।

प्रकार:

  1. Endosmosis (एंडोसमोसिस) – जब कोशिका के अंदर पानी प्रवेश करता है।
  2. Exosmosis (एक्सोसमोसिस) – जब कोशिका से बाहर पानी निकलता है।

उदाहरण:

  • सूखे बीजों को पानी में रखने पर वे फूल जाते हैं (जल कोशिका में प्रवेश करता है)।
  • नमक लगाने पर सब्जी से पानी निकल आता है (जल कोशिका से बाहर जाता है)।

3️⃣ Water Potential & Plasmolysis (जल विभव और प्लास्मोलाइसिस)

Water Potential (जल विभव)

✅ जल की प्रवाह क्षमता को जल विभव (Water Potential) कहा जाता है।
✅ जल हमेशा उच्च जल विभव से निम्न जल विभव की ओर गति करता है।
✅ शुद्ध पानी का जल विभव अधिकतम (0) होता है।

Plasmolysis (प्लास्मोलाइसिस)

✅ जब कोई कोशिका हाइपरटोनिक (Hypertonic) घोल में रखी जाती है, तो उसमें से पानी बाहर निकल जाता है और कोशिका झिल्ली सिकुड़ जाती है।
✅ इसे Plasmolysis (प्लास्मोलाइसिस) कहते हैं।

उदाहरण:

  • अचार में नमक डालने से सब्जियाँ सिकुड़ जाती हैं।
  • सूखे पौधे में कोशिकाएँ सिकुड़ जाती हैं।

4️⃣ Ascent of Sap (रसारोहण) – जड़ों से पत्तियों तक जल का प्रवाह

✅ पौधों में जड़ों से तनों और पत्तियों तक जल और खनिजों के ऊपर उठने की प्रक्रिया रसारोहण (Ascent of Sap) कहलाती है।
✅ यह मुख्य रूप से Xylem (काष्ठ ऊतक) के माध्यम से होता है।

मुख्य कारक:

  1. Transpiration Pull (वाष्पोत्सर्जन खिंचाव) – पत्तियों से पानी के वाष्पीकरण से खिंचाव बनता है, जो पानी को ऊपर खींचता है।
  2. Root Pressure (जड़ दाब) – जड़ें मिट्टी से पानी को अवशोषित कर ऊपर भेजती हैं।
  3. Capillarity (केशिका क्रिया) – पतली नलिकाओं (Xylem) में पानी अपने आप ऊपर चढ़ता है।
  4. Adhesion & Cohesion (संसक्त और आसंजक बल) – जल अणु आपस में और Xylem की दीवारों से चिपके रहते हैं, जिससे जल का प्रवाह सुचारू रहता है।

उदाहरण:

  • बड़े-बड़े वृक्षों में भी पानी जड़ से पत्तियों तक पहुँच जाता है।
  • यदि किसी पौधे का तना काट दिया जाए, तो उसमें से पानी बाहर निकलता है, जो रसारोहण को दर्शाता है।

5️⃣ Transpiration (वाष्पोत्सर्जन) – पत्तियों से जल का वाष्पन

✅ पौधे पत्तियों की स्टोमेटा (Stomata) नामक छिद्रों के माध्यम से जल का वाष्पीकरण करते हैं, इसे Transpiration (वाष्पोत्सर्जन) कहते हैं।
✅ यह पौधे को ठंडा रखता है और रसारोहण (Ascent of Sap) में मदद करता है।

प्रकार:

  1. Stomatal Transpiration (स्टोमेटल वाष्पोत्सर्जन) – पत्तियों के स्टोमेटा से होता है।
  2. Cuticular Transpiration (क्यूटिकुलर वाष्पोत्सर्जन) – पत्तियों की ऊपरी सतह (क्यूटिकल) से होता है।
  3. Lenticular Transpiration (लेंटिस्युलर वाष्पोत्सर्जन) – तने की लेंटिस्युल (छोटे छिद्रों) से होता है।

महत्व:

  • पौधों का तापमान नियंत्रित रखता है।
  • मिट्टी से अधिक पानी सोखने में मदद करता है।
  • जल और खनिज ऊपर ले जाने में सहायता करता है।

💡 संक्षेप में:

क्रियाक्या होता है?महत्व
Diffusion (प्रसरण)कण उच्च सांद्रता से निम्न सांद्रता की ओर जाते हैंगैसों का आदान-प्रदान
Osmosis (परासरण)जल अर्ध-पारगम्य झिल्ली के माध्यम से चलता हैकोशिकाओं में जल संतुलन बनाए रखता है
Water Potential (जल विभव)जल की गति की क्षमताजल उच्च विभव से निम्न विभव की ओर जाता है
Plasmolysis (प्लास्मोलाइसिस)कोशिका में से पानी निकलकर सिकुड़ जाती हैपौधों के निर्जलीकरण को दर्शाता है
Ascent of Sap (रसारोहण)जड़ों से जल पत्तियों तक जाता हैपौधों में जल और खनिजों का वितरण करता है
Transpiration (वाष्पोत्सर्जन)पत्तियों से जल वाष्प बनकर उड़ता हैपौधे को ठंडा रखता है और रसारोहण में मदद करता है

👉 सरल भाषा में:

  • प्रसरण = किसी भी कण का फैलाव
  • परासरण = अर्ध-पारगम्य झिल्ली से जल का प्रवाह
  • रसारोहण = जड़ों से जल ऊपर उठना
  • वाष्पोत्सर्जन = पत्तियों से जल वाष्प बनकर उड़ना

Mineral Nutrition (खनिज पोषण)

👉 पौधों को अपने विकास और वृद्धि के लिए विभिन्न खनिज तत्वों (Mineral Elements) की आवश्यकता होती है। ये तत्व मिट्टी से जड़ों के माध्यम से अवशोषित होते हैं।


1️⃣ Essential Elements & Their Functions (आवश्यक तत्व और उनके कार्य)

✅ कुल 118 ज्ञात तत्वों में से लगभग 60 से अधिक तत्व पौधों में पाए जाते हैं, लेकिन सभी आवश्यक नहीं होते।
✅ केवल 17 तत्व पौधों के लिए अनिवार्य माने जाते हैं।

आवश्यक तत्वों का वर्गीकरण (Classification of Essential Elements)

तत्वों का प्रकारउदाहरणआवश्यकता
Macronutrients (प्रधान पोषक तत्व)C, H, O, N, P, K, Ca, Mg, Sबड़ी मात्रा में आवश्यक
Micronutrients (सूक्ष्म पोषक तत्व)Fe, Mn, Zn, Cu, Mo, B, Cl, Niकम मात्रा में आवश्यक

Carbon (C), Hydrogen (H), Oxygen (O) – ये तत्व जल और वायुमंडल से मिलते हैं।
शेष तत्व मिट्टी से पौधे की जड़ों द्वारा अवशोषित होते हैं।

मुख्य तत्वों के कार्य:

तत्वमुख्य कार्यकमी के लक्षण
Nitrogen (N)प्रोटीन, एंजाइम, क्लोरोफिल, न्यूक्लिक एसिड का निर्माणपत्तियाँ पीली (Chlorosis), वृद्धि धीमी
Phosphorus (P)DNA, RNA, ATP का निर्माण, जड़ और फूलों की वृद्धिकमजोर जड़ें, बैंगनी पत्तियाँ
Potassium (K)एंजाइम सक्रियण, जल संतुलन, स्टोमेटा नियंत्रणमुरझाई पत्तियाँ, किनारे झुलसे हुए
Calcium (Ca)कोशिका भित्ति निर्माण, कोशिका विभाजनजड़ों और कलियों की वृद्धि रुकना
Magnesium (Mg)क्लोरोफिल का भाग, एंजाइम सक्रियणपुरानी पत्तियाँ पीली
Sulfur (S)प्रोटीन और विटामिन का निर्माणपत्तियाँ पीली और पतली
Iron (Fe)क्लोरोफिल संश्लेषण, श्वसन, प्रकाश संश्लेषणनई पत्तियाँ पीली
Manganese (Mn)फ़ोटोसिंथेसिस और एंजाइम का निर्माणपत्तियों पर भूरे धब्बे
Zinc (Zn)एंजाइम सक्रियण, वृद्धि हार्मोन उत्पादनछोटे पत्ते, वृद्धि में बाधा
Copper (Cu)एंजाइम कार्यप्रणाली, क्लोरोफिल संश्लेषणपत्तियों के किनारे मुड़ना
Molybdenum (Mo)नाइट्रोजन स्थिरीकरणपुरानी पत्तियाँ पीली
Boron (B)कोशिका विभाजन, परागण, फलों का विकासफूल और फल गिरना
Chlorine (Cl)जल संतुलन, प्रकाश संश्लेषणपत्तियाँ मुरझाना

2️⃣ Nitrogen Cycle (नाइट्रोजन चक्र)

👉 नाइट्रोजन (N₂) वातावरण में बहुत अधिक मात्रा में (78%) पाई जाती है, लेकिन पौधे इसे सीधे उपयोग नहीं कर सकते।
👉 नाइट्रोजन को पौधों के लिए उपयोगी बनाने की प्रक्रिया को नाइट्रोजन चक्र (Nitrogen Cycle) कहा जाता है।

नाइट्रोजन चक्र के मुख्य चरण (Steps of Nitrogen Cycle):

1️⃣ Nitrogen Fixation (नाइट्रोजन स्थिरीकरण) – वायुमंडलीय नाइट्रोजन को उपयोगी यौगिकों (NH₄⁺, NO₃⁻) में बदलना।
2️⃣ Nitrification (नाइट्रीफिकेशन) – अमोनिया (NH₄⁺) को नाइट्राइट (NO₂⁻) और फिर नाइट्रेट (NO₃⁻) में बदलना।
3️⃣ Assimilation (अवशोषण) – पौधे NO₃⁻ को अवशोषित कर प्रोटीन और अन्य कार्बनिक यौगिकों में बदलते हैं।
4️⃣ Ammonification (अमोनिफिकेशन) – मृत जीवों और पौधों के विघटन से अमोनिया (NH₃) का निर्माण।
5️⃣ Denitrification (डीनाइट्रीफिकेशन) – नाइट्रेट (NO₃⁻) का नाइट्रोजन गैस (N₂) में परिवर्तन और वायुमंडल में पुनः मिलना।

मुख्य जीवाणु (Bacteria) जो नाइट्रोजन चक्र में मदद करते हैं:

प्रक्रियाजीवाणु का नाम
Nitrogen Fixation (नाइट्रोजन स्थिरीकरण)Rhizobium, Azotobacter, Nostoc
Nitrification (नाइट्रीफिकेशन)Nitrosomonas, Nitrobacter
Denitrification (डीनाइट्रीफिकेशन)Pseudomonas

3️⃣ Biological Nitrogen Fixation (जैविक नाइट्रोजन स्थिरीकरण)

👉 कुछ सूक्ष्मजीव (बैक्टीरिया और सायनोबैक्टीरिया) नाइट्रोजन को वायुमंडल से लेकर उपयोगी यौगिकों में बदलने में मदद करते हैं।
👉 इस प्रक्रिया को जैविक नाइट्रोजन स्थिरीकरण (Biological Nitrogen Fixation) कहते हैं।

मुख्य प्रकार:
1️⃣ Symbiotic Nitrogen Fixation (सहजीवी नाइट्रोजन स्थिरीकरण) – जब बैक्टीरिया पौधों की जड़ों में रहते हैं और नाइट्रोजन स्थिरीकरण करते हैं।

  • उदाहरण: Rhizobium – यह दलहनी फसलों (मूंग, मटर, सोयाबीन) की जड़ों में नोड्यूल बनाकर नाइट्रोजन स्थिरीकरण करता है।

2️⃣ Free-living Nitrogen Fixation (स्वतंत्र नाइट्रोजन स्थिरीकरण) – कुछ बैक्टीरिया स्वतंत्र रूप से मिट्टी में रहकर नाइट्रोजन स्थिरीकरण करते हैं।

  • उदाहरण: Azotobacter, Clostridium

💡 संक्षेप में:

क्रियाक्या होता है?महत्व
Essential Elements (आवश्यक तत्व)पौधों की वृद्धि के लिए आवश्यक 17 तत्वपोषण और विकास में मदद करता है
Nitrogen Cycle (नाइट्रोजन चक्र)वायुमंडलीय नाइट्रोजन को पौधों के लिए उपयोगी बनानानाइट्रोजन को मिट्टी में पुनः उपयोगी बनाना
Nitrogen Fixation (नाइट्रोजन स्थिरीकरण)नाइट्रोजन को नाइट्रेट (NO₃⁻) में बदलनापौधों को नाइट्रोजन प्रदान करता है
Biological Nitrogen Fixation (जैविक नाइट्रोजन स्थिरीकरण)जीवाणु नाइट्रोजन स्थिरीकरण में मदद करते हैंमिट्टी की उर्वरता बढ़ती है

👉 सरल भाषा में:

  • पौधों को 17 आवश्यक तत्व चाहिए।
  • नाइट्रोजन बहुत ज़रूरी है, लेकिन सीधे उपयोग नहीं हो सकती।
  • नाइट्रोजन चक्र इसे पौधों के लिए उपयोगी बनाता है।
  • कुछ बैक्टीरिया नाइट्रोजन को मिट्टी में स्थिर करके पौधों की मदद करते हैं।

Photosynthesis in Higher Plants (उच्च पादपों में प्रकाश संश्लेषण)

👉 प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) वह प्रक्रिया है जिसमें हरे पौधे सूर्य के प्रकाश की मदद से कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) और पानी (H₂O) से ग्लूकोज़ (C₆H₁₂O₆) और ऑक्सीजन (O₂) का निर्माण करते हैं।

🔹 संयंत्र इसे मुख्यतः अपने पत्तों में स्थित क्लोरोप्लास्ट (Chloroplast) में करते हैं।
🔹 मुख्य प्रतिक्रिया:6CO2+12H2O+Light→C6H12O6+6O2+6H2O6 CO₂ + 12 H₂O + Light → C₆H₁₂O₆ + 6 O₂ + 6 H₂O6CO2​+12H2​O+Light→C6​H12​O6​+6O2​+6H2​O


मुख्य चरण (Stages of Photosynthesis)

1️⃣ Light Reaction (प्रकाशीय अभिक्रिया) – यह सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में होती है।
2️⃣ Dark Reaction (अंधकार अभिक्रिया / कार्बन स्थिरीकरण प्रक्रिया) – यह बिना प्रकाश के भी हो सकती है।


1️⃣ Light Reaction (प्रकाशीय अभिक्रिया)

🔆 यह थाइलेकोइड झिल्ली (Thylakoid Membrane) में होती है और इसमें प्रकाश ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा (ATP & NADPH) में बदला जाता है।

✅ इसमें दो मुख्य प्रक्रियाएँ होती हैं:
1️⃣ Cyclic Photophosphorylation (चक्रीय फॉस्फोरीलेशन)
2️⃣ Non-cyclic Photophosphorylation (गैर-चक्रीय फॉस्फोरीलेशन)


Cyclic Photophosphorylation (चक्रीय फॉस्फोरीलेशन)

👉 इसमें केवल Photosystem I (PS I) भाग लेता है।
👉 यह ATP का उत्पादन करता है लेकिन NADPH और ऑक्सीजन नहीं बनते।
👉 इलेक्ट्रॉन वापस PS I में ही लौट आते हैं, इसलिए इसे चक्रीय (Cyclic) कहा जाता है।

स्थान: थाइलेकोइड झिल्ली
मुख्य उत्पाद: केवल ATP
महत्व: जब NADPH की जरूरत नहीं होती या ATP की अधिक मांग होती है।


Non-cyclic Photophosphorylation (गैर-चक्रीय फॉस्फोरीलेशन)

👉 इसमें दोनों प्रकाश तंत्र (PS I और PS II) भाग लेते हैं।
👉 यह प्रक्रिया ATP, NADPH और O₂ उत्पन्न करती है।
👉 इलेक्ट्रॉन वापस नहीं लौटते, बल्कि NADPH बनाने के लिए चले जाते हैं।

स्थान: थाइलेकोइड झिल्ली
मुख्य उत्पाद: ATP, NADPH, और O₂
महत्व: यह प्रकाश संश्लेषण की मुख्य प्रक्रिया है और Calvin Cycle में उपयोगी होती है।


2️⃣ Dark Reaction (अंधकार अभिक्रिया)

👉 इसे “Carbon Fixation (कार्बन स्थिरीकरण)” भी कहते हैं।
👉 इसमें प्रकाश की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन इसे चलाने के लिए ATP और NADPH (जो प्रकाश अभिक्रिया में बने थे) जरूरी होते हैं।
👉 यह प्रक्रिया Stroma (क्लोरोप्लास्ट का तरल भाग) में होती है।

✅ इसमें 3 प्रमुख मार्ग होते हैं:
1️⃣ C3 Pathway (Calvin Cycle)
2️⃣ C4 Pathway
3️⃣ CAM Pathway


1️⃣ C3 Pathway (Calvin Cycle / कैल्विन चक्र)

👉 इसे C3 चक्र कहते हैं क्योंकि पहला स्थायी उत्पाद 3-कार्बन यौगिक (PGA – Phosphoglyceric Acid) होता है।
👉 इसे Melvin Calvin ने खोजा था।

स्थान: क्लोरोप्लास्ट का स्ट्रोमा
मुख्य एंजाइम: RuBisCO (Ribulose-1,5-bisphosphate carboxylase oxygenase)
मुख्य उत्पाद: ग्लूकोज
मुख्य चरण:
1️⃣ Carboxylation (कार्बोक्सीलेशन): CO₂ का RuBP (Ribulose-1,5-bisphosphate) से मिलकर PGA बनाना।
2️⃣ Reduction (अपचयन): PGA का ATP और NADPH की मदद से PGAL (Phosphoglyceraldehyde) में बदलना।
3️⃣ Regeneration (पुनरुत्पादन): PGAL से RuBP को फिर से बनाना ताकि चक्र जारी रहे।

🔹 संभावित समस्या:
👉 फोटोरेस्पिरेशन (Photorespiration): जब तापमान अधिक होता है, RuBisCO CO₂ की बजाय O₂ से प्रतिक्रिया करने लगता है, जिससे ऊर्जा की हानि होती है।


2️⃣ C4 Pathway (Hatch & Slack Pathway)

👉 इसे C4 चक्र कहते हैं क्योंकि पहला स्थायी उत्पाद 4-कार्बन यौगिक (Oxaloacetic Acid – OAA) होता है।
👉 यह C3 चक्र से अधिक प्रभावी होता है और गर्म जलवायु वाले पौधों में पाया जाता है।
👉 मुख्य रूप से मक्का (Maize), गन्ना (Sugarcane), बाजरा (Millets) आदि में पाया जाता है।

स्थान:

  • Mesophyll Cells (मेसोफिल कोशिका) में प्रारंभिक कार्बन स्थिरीकरण।
  • Bundle Sheath Cells (बंडल शीथ कोशिका) में Calvin Cycle।

मुख्य चरण:
1️⃣ CO₂ को PEP Carboxylase एंजाइम द्वारा OAA में बदला जाता है।
2️⃣ OAA को मैलिक एसिड में बदलकर बंडल शीथ कोशिकाओं में भेजा जाता है।
3️⃣ वहाँ पर CO₂ को फिर से मुक्त करके Calvin Cycle (C3 Cycle) में भेजा जाता है।

फायदे:
✔️ यह RuBisCO को कम ऑक्सीजन वाले वातावरण में रखता है, जिससे फोटोरेस्पिरेशन कम होता है।
✔️ गर्म और शुष्क जलवायु में अधिक प्रभावी।


3️⃣ CAM Pathway (Crassulacean Acid Metabolism)

👉 यह पौधों द्वारा जल संरक्षण के लिए विकसित विशेष प्रक्रिया है।
👉 यह रेगिस्तानी पौधों (Desert Plants) जैसे कैक्टस (Cactus), एगेव (Agave), अनानास (Pineapple) में पाया जाता है।
👉 ये पौधे दिन में स्टोमेटा बंद रखते हैं और रात में खोलते हैं ताकि जल हानि कम हो।

मुख्य चरण:
1️⃣ रात में CO₂ को PEP Carboxylase एंजाइम द्वारा ऑक्सालोएसिटिक एसिड (OAA) में बदला जाता है।
2️⃣ OAA को मैलिक एसिड में बदलकर वैक्यूओल (Vacuole) में जमा किया जाता है।
3️⃣ दिन में मैलिक एसिड टूटकर CO₂ को छोड़ता है और यह Calvin Cycle (C3 Cycle) में उपयोग होता है।

फायदे:
✔️ पानी की बहुत अधिक बचत।
✔️ गर्म और शुष्क जलवायु में जीवित रहने की क्षमता।


📌 सारांश (Summary)

प्रक्रियाविशेषताउदाहरण
Light Reactionप्रकाश में होती है, ATP और NADPH बनते हैं।सभी हरे पौधे
C3 Pathway (Calvin Cycle)पहला उत्पाद 3-कार्बन (PGA)गेहूं, चावल, आलू
C4 Pathwayपहला उत्पाद 4-कार्बन (OAA), गर्म जलवायु के लिए अनुकूलमक्का, गन्ना
CAM Pathwayरात में CO₂ अवशोषित, दिन में प्रयोगकैक्टस, अनानास

Respiration in Plants (पौधों में श्वसन)

👉 श्वसन (Respiration) वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा पौधे, अपने कोशिकाओं में उपस्थित कार्बोहाइड्रेट्स, वसा, और प्रोटीन को ऑक्सीजन (O₂) की उपस्थिति में जलाकर ऊर्जा (ATP) उत्पन्न करते हैं।

🔹 यह Glycolysis, Krebs Cycle, और Electron Transport Chain (ETC) के माध्यम से होता है।
🔹 श्वसन में Aerobic (ऑक्सीजन की उपस्थिति में) और Anaerobic (ऑक्सीजन के बिना) दोनों प्रकार की प्रक्रियाएँ शामिल हैं।


1️⃣ Glycolysis (ग्लाइकोलिसिस)

👉 यह Cytoplasm में होती है और इसमें ग्लूकोज़ (C₆H₁₂O₆) को दो पायरूवेट (Pyruvate) अणुओं में तोड़ा जाता है।

प्रमुख चरण:
1️⃣ एक ग्लूकोज़ अणु (6-कार्बन) को 2 ATP की ऊर्जा की मदद से 2 Pyruvate अणुओं में विभाजित किया जाता है।
2️⃣ इस प्रक्रिया में 4 ATP उत्पन्न होते हैं, लेकिन कुल मिलाकर 2 ATP की शुद्ध ऊर्जा प्राप्त होती है।
3️⃣ NAD⁺ को NADH में परिवर्तित किया जाता है, जो आगे की प्रक्रियाओं में उपयोगी होता है।

सारांश:

  • स्थान: Cytoplasm
  • मुख्य उत्पाद: 2 Pyruvate, 2 ATP, 2 NADH

2️⃣ Krebs Cycle (Krebs चक्र / Citric Acid Cycle)

👉 Krebs Cycle Mitochondria के Matrix में होता है और इसमें Acetyl-CoA से Citric Acid (C₆H₈O₇) की उत्पत्ति होती है।

प्रमुख चरण:
1️⃣ Acetyl-CoA (2-कार्बन यौगिक) Oxaloacetate (4-कार्बन यौगिक) से जुड़कर Citrate (6-कार्बन यौगिक) बनाता है।
2️⃣ इस चक्र में 2 बार CO₂ (कार्बन डाइऑक्साइड) रिलीज़ होती है।
3️⃣ NADH, FADH₂ और ATP उत्पन्न होते हैं।

सारांश:

  • स्थान: Mitochondrial Matrix
  • मुख्य उत्पाद: 2 CO₂, 3 NADH, 1 FADH₂, 1 ATP (प्रत्येक Acetyl-CoA के लिए)

3️⃣ Electron Transport Chain (ETC) और Oxidative Phosphorylation

👉 Electron Transport Chain माइटोकॉन्ड्रिया की Inner Membrane में स्थित है।
👉 यह ATP का सबसे बड़ा उत्पादक चरण है।

प्रमुख चरण:
1️⃣ NADH और FADH₂ से इलेक्ट्रॉन Cytochromes (प्रोटीन) से गुजरते हैं और ऊर्जा रिलीज़ होती है।
2️⃣ इस ऊर्जा से ATP का उत्पादन ATP Synthase द्वारा होता है।
3️⃣ ऑक्सीजन अंतिम एलेक्ट्रॉन रिसेप्टर के रूप में काम करता है और H₂O (जल) का निर्माण करता है।

सारांश:

  • स्थान: Mitochondrial Inner Membrane
  • मुख्य उत्पाद: 32-34 ATP, H₂O (ऑक्सीजन से)

Aerobic Respiration (एरोबिक श्वसन)

👉 Aerobic Respiration में ऑक्सीजन की उपस्थिति में श्वसन प्रक्रिया होती है।
👉 इसमें 1 ग्लूकोज़ अणु से 38 ATP (लगभग) उत्पन्न होते हैं।

प्रमुख चरण:
1️⃣ Glycolysis (Cytoplasm में)
2️⃣ Krebs Cycle (Mitochondria में)
3️⃣ Electron Transport Chain (Mitochondria में)

सारांश:

  • ATP उत्पादन: 38 ATP (प्रत्येक ग्लूकोज़ अणु से)

Anaerobic Respiration (एनेरोबिक श्वसन)

👉 Anaerobic Respiration में ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में श्वसन प्रक्रिया होती है।
👉 इसमें Lactic Acid या Alcoholic Fermentation होता है, और ATP उत्पादन कम होता है।

1️⃣ Lactic Acid Fermentation (लैक्टिक एसिड किण्वन)

👉 इसमें ग्लूकोज़ को Lactic Acid में बदला जाता है।
👉 Muscle cells में ऑक्सीजन की कमी होने पर यह प्रक्रिया होती है।

सारांश:

  • ATP उत्पादन: 2 ATP (प्रत्येक ग्लूकोज़ अणु से)
  • उत्पाद: लैक्टिक एसिड

2️⃣ Alcoholic Fermentation (एथेनॉल किण्वन)

👉 इसमें ग्लूकोज़ को Ethanol (एथेनॉल) और CO₂ में बदला

Important NEET Perspective Questions & Answers

Q1: Aerobic Respiration में एक ग्लूकोज़ अणु से कितने ATP उत्पन्न होते हैं?

Answer:

  • 38 ATP (लगभग)।
    • Glycolysis: 2 ATP
    • Krebs Cycle: 2 ATP (प्रत्येक ग्लूकोज़ अणु के लिए)
    • ETC: 32-34 ATP (प्रत्येक ग्लूकोज़ अणु के लिए)

Q2: Glycolysis कहाँ होती है?

Answer:

  • Glycolysis Cytoplasm में होती है।

Q3: Aerobic Respiration में अंतिम इलेक्ट्रॉन रिसेप्टर कौन होता है?

Answer:

  • ऑक्सीजन (O₂) अंतिम इलेक्ट्रॉन रिसेप्टर के रूप में कार्य करता है और जल (H₂O) बनाता है।

Q4: NADH से एक इलेक्ट्रॉन परिवहन श्रृंखला में कितने ATP उत्पन्न होते हैं?

Answer:

  • प्रत्येक NADH से लगभग 3 ATP उत्पन्न होते हैं Electron Transport Chain (ETC) में।

Q5: Aerobic Respiration में ऑक्सीजन का क्या कार्य है?

Answer:

  • ऑक्सीजन Electron Transport Chain (ETC) में अंतिम इलेक्ट्रॉन रिसेप्टर के रूप में कार्य करता है और H₂O का निर्माण करता है।

Q6: Aerobic और Anaerobic Respiration में क्या अंतर है?

Answer:

  • Aerobic Respiration: ऑक्सीजन की उपस्थिति में श्वसन होती है और 38 ATP उत्पन्न होते हैं (प्रत्येक ग्लूकोज़ अणु से)।
  • Anaerobic Respiration: ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में श्वसन होती है और 2 ATP उत्पन्न होते हैं (प्रत्येक ग्लूकोज़ अणु से), जिससे लैक्टिक एसिड या एथेनॉल का उत्पादन होता है।

Q7: पौधे एनेरोबिक श्वसन क्यों करते हैं?

Answer:

  • जब पौधों के आसपास ऑक्सीजन की कमी होती है (जैसे जलमग्न मिट्टी में), तो वे एनेरोबिक श्वसन करते हैं, लेकिन यह प्रक्रिया कम प्रभावी होती है और एथेनॉल या लैक्टिक एसिड का उत्पादन होता है।

पादप वृद्धि एवं विकास (Plant Growth and Development)

पौधों की वृद्धि (Growth) और विकास (Development) कई आंतरिक (हार्मोन्स) और बाहरी (प्रकाश, तापमान, जल आदि) कारकों से प्रभावित होती है।


1️⃣ Plant Growth (पौधों की वृद्धि)

🔹 वृद्धि (Growth) क्या है?

  • वृद्धि कोशिकाओं की संख्या एवं आकार में स्थायी वृद्धि को कहते हैं।
  • यह एक Irreversible (अप्रतिवर्तनीय) प्रक्रिया है।
  • वृद्धि को मापा जा सकता है – लंबाई, वजन, सतह क्षेत्र, कोशिका संख्या द्वारा।
  • Vigour: यह वृद्धि की ताकत को दर्शाता है, जो एक स्वस्थ और मजबूत पौधे के संकेत के रूप में देखा जाता है।

🔹 Types of Growth (वृद्धि के प्रकार)

1️⃣ Primary Growth (प्राथमिक वृद्धि)

  • जड़ और तना लंबाई में बढ़ते हैं।
  • Apical Meristem (शीर्षस्थ विभाज्योत्तक ऊतक) इसमें मदद करता है।
  • यह वृद्धि केवल लंबाई में होती है, जो जड़ों और तनों के ऊपर की तरफ बढ़ती है।

2️⃣ Secondary Growth (द्वितीयक वृद्धि)

  • तना और जड़ की मोटाई बढ़ती है।
  • यह Lateral Meristem (Cambium & Cork Cambium) के कारण होता है।
  • यह वृद्धि पत्तियों और शाखाओं के आधार से होती है, जो पौधे की संरचनाओं को मजबूत बनाती है।

🔹 Growth Phases (वृद्धि की अवस्थाएँ)

1️⃣ Lag Phase (प्रारंभिक चरण):

  • धीमी वृद्धि होती है, क्योंकि पौधे में पर्याप्त ऊर्जा और संसाधन इकट्ठे नहीं होते।

2️⃣ Log Phase (वृद्धि चरण):

  • वृद्धि दर अधिकतम होती है, क्योंकि कोशिकाओं में विभाजन की दर उच्चतम होती है।

3️⃣ Stationary Phase (स्थिर चरण):

  • वृद्धि रुक जाती है, और पौधे अपनी पूरी क्षमता तक पहुंच जाता है।

📌 वृद्धि को ऑक्सिन (Auxin) जैसे हार्मोन्स नियंत्रित करते हैं, जो कोशिकाओं के विभाजन और विस्तार में मदद करते हैं।


2️⃣ Plant Development (पौधों का विकास)

✅ पौधे केवल वृद्धि नहीं करते, बल्कि विभिन्न संरचनाओं का विकास भी होता है।
Differentiation (अंतरकरण): यह कोशिकाओं के विशेष कार्यों में परिवर्तित होने की प्रक्रिया है।
Maturation (परिपक्वता): कोशिकाएँ और अंग अपनी पूर्ण कार्यक्षमता को प्राप्त करते हैं।

उदाहरण:

  • जड़ें और पत्तियाँ विभाजन के बाद एक विशेष कार्य करने के लिए विकसित होती हैं।

3️⃣ Plant Hormones (पादप हार्मोन / प्लांट ग्रोथ रेगुलेटर्स – PGRs)

👉 ये रासायनिक पदार्थ होते हैं जो पौधों की वृद्धि और विकास को नियंत्रित करते हैं।
👉 इन्हें Phytoregulators भी कहते हैं।
👉 इन्हें दो भागों में बाँटा जाता है:


(A) Growth Promoters (वृद्धि को बढ़ाने वाले हार्मोन)

1️⃣ Auxins (ऑक्सिन)

  • मुख्य रूप: IAA (Indole Acetic Acid) और IBA (Indole Butyric Acid)।
  • यह Apical Dominance (शीर्षीय प्रभुत्व) के लिए जिम्मेदार होता है, जिससे पौधे के शीर्ष पर वृद्धि होती है और निचले भाग में शाखाएँ नहीं बढ़तीं।
  • प्रयोग:
    • Cuttings में जड़ों की वृद्धि
    • फलों की बिना निषेचन वृद्धि (Parthenocarpy – Seedless Fruits)

2️⃣ Gibberellins (जिबरेलिन्स)

  • यह Stem Elongation (तना लंबा करना) में मदद करता है।
  • Dormancy (अवस्था विराम) तोड़ता है।
  • Seed Germination (बीज अंकुरण) को बढ़ाता है।
  • Example: Grapes और Apple में इसके उपयोग से फल का आकार बढ़ता है।
  • बौने पौधों की वृद्धि करता है, जिससे छोटे आकार वाले पौधे भी अधिक बड़े हो सकते हैं।

3️⃣ Cytokinins (साइटोकाइनिन्स)

  • यह कोशिका विभाजन को बढ़ावा देता है।
  • Apical Dominance को रोकता है, जिससे पौधे के निचले हिस्से में शाखाएँ बढ़ सकती हैं।
  • पत्तियों के झड़ने (Senescence) को रोकता है, जिससे पत्तियाँ लंबे समय तक हरी रहती हैं।
  • Tissue Culture (ऊतक संवर्धन) में प्रयोग होता है, क्योंकि यह कोशिका विभाजन को बढ़ावा देता है।

(B) Growth Inhibitors (वृद्धि रोकने वाले हार्मोन)

4️⃣ Abscisic Acid (एब्सिसिक एसिड – ABA)

  • इसे “Stress Hormone” भी कहते हैं। यह पौधों में पानी की कमी और अन्य तनाव स्थितियों में उत्पन्न होता है।
  • यह पत्तियों के झड़ने (Abscission) और Dormancy को बढ़ावा देता है।
  • Stomatal Closure (रंध्र बंद करना) में मदद करता है, जिससे जल का नुकसान कम होता है।

5️⃣ Ethylene (एथिलीन)

  • यह फल पकाने (Fruit Ripening) में मदद करता है।
  • पत्तियों के झड़ने (Leaf Abscission) में सहायक होता है।
  • यह Adventitious Roots (अतिरिक्त जड़ें) विकसित करता है, जो जड़ों के विकास में सहायक होते हैं।
  • Seed Dormancy को समाप्त करता है, जिससे बीज अंकुरण के लिए तैयार हो सकते हैं।

4️⃣ Photoperiodism (प्रकाश अवधि प्रतिक्रिया)

👉 पौधों की फूल आने की प्रक्रिया प्रकाश की अवधि पर निर्भर करती है।
👉 पौधों को Short-Day, Long-Day और Day-Neutral श्रेणियों में बाँटा जाता है।

1️⃣ Short-Day Plants (SDP) – रात लंबी होनी चाहिए।
🌱 उदाहरण: चावल, तंबाकू, डहलिया।

2️⃣ Long-Day Plants (LDP) – दिन लंबा होना चाहिए।
🌱 उदाहरण: गेहूँ, पालक, मूली।

3️⃣ Day-Neutral Plants (DNP) – प्रकाश अवधि का कोई प्रभाव नहीं।
🌱 उदाहरण: टमाटर, मक्का, कपास।

📌 फूल बनने के लिए Florigen (फ्लोरीजेन) हार्मोन जिम्मेदार होता है।


5️⃣ Vernalization (वर्नलाइजेशन – शीतलन प्रक्रिया)

👉 कम तापमान (Low Temperature) के कारण पौधों में फूल बनने की प्रक्रिया।
👉 यह मुख्य रूप से गेहूँ, सरसों और गाजर में देखा जाता है।
👉 Vernalization हार्मोनVernalin इसके लिए उत्तरदायी होता है।
👉 यह हार्मोन पौधों को ठंडे तापमान में फूलने के लिए तैयार करता है।


महत्वपूर्ण प्रश्न/उत्तर (Q/A)

1️⃣ प्रश्न: ऑक्सिन का मुख्य कार्य क्या है?
उत्तर: ऑक्सिन जड़ों और तने की वृद्धि में मदद करता है और Apical Dominance को नियंत्रित करता है।

2️⃣ प्रश्न: गिबेरेलिन्स बीज अंकुरण में किस प्रकार सहायक होते हैं?
उत्तर: गिबेरेलिन्स बीजों में विश्राम तोड़कर अंकुरण को बढ़ावा देते हैं।

3️⃣ प्रश्न: साइटोकाइनिन्स के प्रमुख कार्य क्या हैं?
उत्तर: साइटोकाइनिन्स कोशिका विभाजन को बढ़ावा देते हैं, Apical Dominance को रोकते हैं और पत्तियों के झड़ने को रोकते हैं।

4️⃣ प्रश्न: Photoperiodism और Vernalization में क्या अंतर है?
उत्तर: फोटोपीरियडिज़म में पौधे प्रकाश की अवधि के आधार पर फूलते हैं, जबकि वर्नलाइजेशन में ठंडे तापमान के कारण फूलने की प्रक्रिया होती है।

5️⃣ प्रश्न: Vernalization हार्मोन क्या होता है?
उत्तर: Vernalin एक हार्मोन है जो वर्नलाइजेशन की प्रक्रिया के लिए जिम्मेदार होता है।

6️⃣ प्रश्न: Ethylene हार्मोन का मुख्य कार्य क्या है?
उत्तर: Ethylene फल पकाने, पत्तियों के झड़ने और अतिरिक्त जड़ों के विकास में मदद करता है।

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